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Saturday, June 11, 2016

विश्व नेतृत्व के लिए भारत की दावेदारी

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की अमरीका यात्रा कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण है और भारत के विश्वमंच पर अगुआ बनने के लिए जरूरी कदम/ मोदी जी की यह यात्रा भारतीय साख को बढाने वाली और आज तक की देश की दुनिया में व्याप्त छवि को सुधारने वाली भी कही जा सकती है/ पूरे यात्रा क्रम में दो तीन बातें बेहद महत्वपूर्ण है/ न्यूयार्क टाइम्स ने मोदी जी यात्रा को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए लिखा है कि यह भारत अमरीका संबंधों को सर्वाधिक ऊँचाई पर पहुंचाने की कोशिश करता हुआ दिखा/ मोदी जी की यह सातवीं अमरीका यात्रा थी पहली अमरीका यात्रा के बाद वहाँ मीडिया ने उन्हें “ राकस्टार “ कहा था वहीँ इस बार की यात्रा में उने एक गंभीर कूटनीतिज्ञ कहा/ मीडिया की यह टिपण्णी इस बात से भी अभिव्यक्त होती है कि अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव में उलझे वहाँ के कांग्रेस के सदयों ने न केवल उन्हें सुना बल्कि सुनाने की इच्छा भी जाहिर की/ दूसरी तरफ वाशिंगटन पोस्ट ने कुछ विशषज्ञों के हवाले से कहा  है कि “ मोदी और ओबामा का गरमजोशी से मिलना क्या सचमुच उनके प्रगाढ़ रिश्तों को प्रगट करता है ? “ अगर इस टिपण्णी को नजर अंदाज कर दें तब भी  इसका महत्व इस बात से भी जाहिर होता है कि एन एस जी में सदस्यता की भारत की अर्जी का अमरीका ने जमकर  समथन किया/ बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में साफ़ कहा गया है की अमरीका इसका समर्थन करता है/ एन एस जी की सदस्यता के मामले में चीन भारत का विरोध करता रहा है/ आगे भी बैठक होने वाली है और अमरीका ने अपनी मंशा जाहिर कर डी है/ एन एस जी की अगली बैठक की तारिख अभी तय नहीं हुई है पर भारत को इस अवधी लाभ उठाना होगा/ उसे बाकी सभी सदस्य देशों से अपने रिश्ते प्रगाढ़ करने होंगे/ बराक ओबामा का यह आखरी साल है और नए प्रेजिडेंट के चुनाव में अमरीका व्यस्त है ऐसे अमरीका यात्रा नए शासन के सन्दर्भ में जोखिम भरी हो सकती थी लेकिन मोदी जी ने वहाँ के बुद्धिजीवियों तथा व्यवसायिओं के समूह को संबोधित कर इस जोखिम को भी ख़तम कर दिया/दक्षिण चीन सागर में चीन की बढाती दखलंदाजी के कारण घटे अमरीकी प्रभाव अमरीका के लिए सरदर्द है/ भारत उस क्षेत्र का एक महत्त्वपूर्ण तथा ताकतवर देश है और भारत को मजबूत बनने की दिशा में बढ़ावा देकर अमरीका ने चीन को लगाम लगाने की कोशिश की है और अमरीकी मंशा से लगता है की मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम ( एम् टी सी आर ) में भी प्रवेश का भारत का रास्ता साफ़ हो गया/ एशियाई क्षेत्र में चीन के अलावा भारत और अमरीका की एक और साझा चिंता है वह है आतंकवाद/ भारत ने अमरीका का खुला समर्थन कर इस चिंता को भी ख़तम करने का बंदोबस्त कर लिया है/ साझा बयान में अमरीका ने पकिस्तान को ना केवल चेतावनी डी है बल्कि साफ़ साफ़ कहा है की वह मुंबई हमले और पठानकोट हमले के दोषियों पर कार्रवाई तेज करे/ इससे पकिस्तान पर दबाव पड़ेगा/ क्योंकि दुनिया का हर देश इस बात से वाकिफ है की भारत में पकिस्तान की मदद से आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है/ मोदी ओबामा की बैठक के बाद ग्रीन हाउस उत्सर्जन पर जारी बयान से यह स्पष्ट हो गया कि दोनों देश इस समझौते के बहूत करीब आ गए हैं/ इस समझौते की एक महत्ववपूर्ण बाधा यह है कि इसके सदस्य देशों में से 55 प्रतिशत ऐसे देश जो 55 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं वे इस समझौते पर हस्ताक्षर करें/ चिंब और अमरीका के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक मुल्क है/ यह एक लाजवाब कूटनीति है/ क्योकि जब यह समझाता लागू हो जाएगा तो सत्ता  परिवर्तन के बाद नए अमरीकी प्रेजिडेंट भी इसे ख़ारिज नहीं कर पायेंगे/ वायस आफ अमरीका ने इस यात्रा में हुए समझौतों को संबंधों में भारी बदलाव कहा है और टिपण्णी की है की यह बदलाव उल्लेखनीय है/ अमरीका भारत व्यापार परिषद् की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा की वृध्धि के एक नए सर्च इंजन के तौर पर भारत वैश्विक आर्थिक विकास में अपनी भूमिका निभाने को तैयार है/ उन्होंने कहा की दुनिया को अब विकास के लिए एक नए इंजन की जरूरत है/ भारत इस भूमिका को निभाने को तैयार है/ कुल मिला कर बारात ने विश्व नेता बनाने की अपनी दावेदारी को बहुत मजबूती से पेश किया है और जल्दी ही इसके नतीजे दिखने लगेंगे/

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