CLICK HERE FOR BLOGGER TEMPLATES AND MYSPACE LAYOUTS »

Wednesday, September 18, 2019

अबकी बार पीओके

अबकी बार पीओके

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि अब बारी पीओके की है। हाल के वर्षों में पहली बार पीओके को दखल करने की बात सामने आई है और यह बात जम्मू कश्मीर पर 1994 के संकल्प के कि आगे तक जाती है। पाक अधिकृत कश्मीर पर दिल्ली के बदले रुख का संकेत देते हुए विदेश मंत्री ने कहा, भारत पीओके पर एक दिन कब्जा करने की उम्मीद करता है। जयशंकर  राजनयिक रह चुके हैं और अपनी बातों को बहुत  सोच समझकर कहने के लिए विख्यात हैं। हाल के वर्षों में यह पहला वाकया है कि किसी विदेश मंत्री ने पीओके पर कब्जे की बात कही है। मोदी सरकार के एक सौ दिनों के संबंध में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि "अब आगे बात केवल पीओके पर होगी कश्मीर पर नहीं। हमारी स्थिति बिल्कुल साफ है कि पीओके भारत का हिस्सा है और हम चाहते हैं कि एक दिन इस पर कब्जा कर लें। उनके इस बयान के पहले सुरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि  "बात पीओके पर होगी ना कि जम्मू और कश्मीर पर" । हरियाणा में एक रैली में राजनाथ सिंह ने यह बात उठाई थी। आतंकवाद के खिलाफ काम नहीं करने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की आलोचना करते हुए जयशंकर ने दुनिया का ध्यान पाकिस्तान की ओर आकर्षित करने की कोशिश की। खास करके यह बात कह कर अब पीओके पर कब्जे की बात होगी।
           गृह मंत्री अमित शाह ने गत 6 अगस्त को लोकसभा में कहा कि जब मैं सदन में जम्मू कश्मीर की चर्चा करूंगा तो इसका अर्थ है इसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन भी शामिल हैं। 22 फरवरी 1994 को संसद के एक संकल्प में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का एक अविभाज्य अंग रहा है और रहेगा तथा इसे अलग करने के किसी भी प्रयास का सभी आवश्यक उपायों से विरोध होगा। भारत  अपनी एकता और अखंडता को बनाए रखना की क्षमता रखता है। संकल्प में मांग की गई है की पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के उन इलाकों  को खाली कर दें जिसे उसने कब्जा कर रखा है जयशंकर के बयान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के लिए मंच तैयार कर दिया है। समझा जाता है कि इस यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर का मामला बहुत ज्यादा उठेगा भारत में पाकिस्तान की युद्ध की इच्छा का मुकाबला करने के लिए स्पष्ट आक्रामक कूटनीतिक रणनीति की घोषणा कर दी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान में एक बयान में कहा था कि भारत से बात करने का कोई अर्थ नहीं है। जयशंकर ने कहा कि वह समझते हैं कि एक वास्तविक समस्या का उत्तर मीठे बोल नहीं हैं। मूल समस्या तो आतंकवाद को खत्म करना है। जिसे उन्होंने तैयार किया है। मुझे दुनिया में कोई एक देश दिखा दीजिए जो यह मंजूर कर ले कि उनका पड़ोसी आतंकवाद को बढ़ावा दे सकता है और वह अपने पड़ोसी से बात करने के लिए तैयार है । हमारा मानना है कि यह बिल्कुल सामान्य है और तर्कसंगत ही है कि इन लोगों का आचरण कई गलतियों से पूर्ण है और उनमें असामान्यता भी है।  विदेश मंत्री ने कहा कि धारा 370 हमारा आंतरिक मामला था। वास्तविक समस्या तो पाक समर्थित आतंकवाद है। मुझे दुनिया में कोई भी एक देश दिखा दीजिए जो अपनी विदेश नीति के हिस्से के रूप में खुल्लम खुल्ला आतंकवाद का इस्तेमाल करता है। जयशंकर ने कहा कि धारा 370 एक अस्थाई व्यवस्था थी जिसका उपयोग घटनाओं के विश्लेषण में भी नहीं होता था और यह प्रावधान वस्तुतः किसी काम का नहीं रह गया था।  संकीर्ण विचार के कुछ लोग इसका उपयोग करते थे और वह भी अपने लाभ के लिए ऐसा करते हुए पूरे क्षेत्र के विकास को बाधित करते थे और  अलगाववाद की भावना भरते थे । उस अलगाववाद का उपयोग सीमा के उस पार से पाकिस्तान किया करता था। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के लोग धारा 370 हटाए जाने के मतलब को समझते हैं। अब  इसमें कोई बदलाव नहीं आएगा। लोग कश्मीर पर बहुत कुछ कहते हैं लेकिन इस पर सोचने की जरूरत नहीं है। अंततोगत्वा यह हमारा मसला है और उस पर चमड़ी ही बात चलेगी कश्मीर पर एक अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य की बात का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा हम उनसे पूछते हैं उन्होंने आतंकवाद का मुकाबला किया है। अब आपका क्या उत्तर था। कैसे मुकाबला किया था। वैसी स्थिति में आप क्या करेंगे जब आपके देश का कानून देशभर में अमल में नहीं लाया जा सके। प्रधानमंत्री मोदी का हवाला देते हुए जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के रूप में मशहूर हो चुका है जबकि भारत अपनी सूचना तकनीक के कारण मशहूर है ।
        एस जयशंकर की बात से  पाकिस्तान की  हवा बिगड़ गई  और उसने  कुछ ही घंटों के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष घिघियाते   हुए कहा कि नई दिल्ली की बात पर जरा गौर करें। वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को जबरन दखल करना चाहता है, तो फिर तनाव बढ़ेगा और क्षेत्र की शांति भंग होगी।
      पाकिस्तान चाहे जितना गिड़गिड़ा ले, चाहे जितनी आंखें दिखा ले लेकिन यह सही है कि पीओके पर उसने जबरदस्ती कब्जा किया हुआ है और आज नहीं तो कल उसे पी ओ के  खाली करना ही पड़ेगा। अंतरराष्ट्रीय दबाव के समक्ष भारत झुकने वाला नहीं है और ना ही ऐसी किसी गीदड़ भभकी से डरेगा ।

0 comments: