20.11.2014
बंगाल, बिहार और झारखंड के प्रमुख धर्मस्थलों को उड़ाने की योजना
हरि राम पाण्डेय
कोलकाता : बर्दवान कांड का कुख्यात सरगना शेख रहमतुल्ला साजिद दरअसल बंगलादेश के नारायणगंज का एक मामूली गुंडा है और उसका असली नाम मासूम मियां है। मासूम चोरी एवं लूट की साधारण घटनाओं में सन् 2005 और सन् 2012 में गिरफ्तार भी हो चुका है और उसका छोटा भाई अभी भी जेल में है। बंगलादेश के उच्च पदस्थ खुफिया सूत्रों ने 'सन्मार्गÓ को बताया कि 'बंगाल में जमायत-उल-मुजाहिदीन का सरगना सलाहुद्दीन सालेहीन उर्फ सनी और बम तथा अन्य विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग का प्रमुख जहिदुल इस्लाम उर्फ बोमा मिजान है।Ó ये दोनों मैमन सिंह के त्रिशला घटना के प्रमुख अभियुक्त हैं और बंगलादेश से भागकर पश्चिम बंगाल पहुंच गये हैं। बंगलादेशी सूत्रों के मुताबिक ढाका से नेशनल सिक्योरिटी इंटेलिजेंस के अफसरों का एक दल इनकी पड़ताल में जल्दी ही कोलकाता आने वाला है।
सूत्रों के मुताबिक बर्दवान कांड की जांच कर रही नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी के प्रमुख शरद कुमार ने मंगलवार को ढाका के मेट्रोपोलिटन पुलिस के खुफिया प्रमुख मोनिरुल इस्लाम से लंबी वार्ता की और बताया जाता है कि मोनिरुल इस्लाम ने उन्हें 11 ऐसे आतंकियों की सूची सौंपी है, जो जमायत- उल-मुजाहिदीन के आतंकी हैं तथा कोलकाता और आसपास के इलाकों में छिपे हुए हैं। उस सूची में जिनके नाम हैं, उनमें शामिल हैं; सोहैल इस्लाम, अनवारिल इस्लाम फारूक उर्फ जमाई फारूक, जहिदुल इस्लाम उर्फ बोमा मिजान, सलाहुद्दीन सालेहीन उर्फ सनी, शरीकुल इस्लाम, मौलाना ताज और मौलाना याह्यïा। बंगलादेश में गिरफ्तार जमायत के कुछ सदस्यों की दी गयी सूचनाओं के हवाले से सूत्रों ने बताया कि भारत में घुसे इन आतंकियों की योजना पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थलों को उड़ा देने की है ताकि देश का सांप्रदायिक माहौल खराब हो जाय और अंतरराष्टï्रीय स्तर पर मुस्लिम एकजुटता का दबाव बढ़े। इस दबाव के कारण बंगलादेश में आतंकी संगठनों के प्रति सरकार थोड़ी ढीली हो सकती है। सूत्रों ने भारतीय मीडिया में आयी उस खबर का पूरी तरह खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि 'बर्दवान में तैयार किये जाने वाले विस्फोटकों और टें्रड किये जा रहे लोगों का उपयोग बंगलादेश में किया जाना था।Ó सूत्रों ने इस तथ्य को स्पष्टï तौर पर मनगढं़त बताया, जिसमें यह दावा किया गया था कि बंगाल के एक चिट फंड का रुपया जमायत ए इस्लामी और इस्लामी बैंकों के माध्यम से जमायत- उल- मुजाहिदीन को मिला था। बंगाल में उन आतंकियों को एक राजनीतिक दल की मदद के सवाल पर सूत्रों ने कहा कि उनकी जांच में ऐसा अब तक साफ तौर पर मालूम नहीं हो सका है। सूत्रों के मुताबिक बंगाल के सीमावर्ती गांवों में बंगलादेशी कट्टïरपंथी तत्वों का उस समय से अड्डïा है, जबसे ढाका पाकिस्तान के अधीन था। बंगलादेश उप उच्चायोग के अत्यंत उच्च पदस्थ सूत्रों ने बुधवार को 'सन्मार्गÓ को बताया कि ढाका पुलिस ने भारतीय एनआईए के प्रमुख शरद कुमार को 41 कुख्यात गुंडों के नामों की एक सूची भी दी है, जिनके बंगाल में छिपे होने की आशंका है। सूत्रों ने कहा कि हो सकता है, उन्होंने अपने हिंदू नाम रख लिये हों और इससे उनकी शिनाख्त गुम हो गयी हो। सूत्रों के अनुसार ये उन आतंकियों से ज्यादा खतरनाक लोग हैं, जो बंगलादेश से भागकर बंगाल में छिपे हैं।
बंगाल, बिहार और झारखंड के प्रमुख धर्मस्थलों को उड़ाने की योजना
हरि राम पाण्डेय
कोलकाता : बर्दवान कांड का कुख्यात सरगना शेख रहमतुल्ला साजिद दरअसल बंगलादेश के नारायणगंज का एक मामूली गुंडा है और उसका असली नाम मासूम मियां है। मासूम चोरी एवं लूट की साधारण घटनाओं में सन् 2005 और सन् 2012 में गिरफ्तार भी हो चुका है और उसका छोटा भाई अभी भी जेल में है। बंगलादेश के उच्च पदस्थ खुफिया सूत्रों ने 'सन्मार्गÓ को बताया कि 'बंगाल में जमायत-उल-मुजाहिदीन का सरगना सलाहुद्दीन सालेहीन उर्फ सनी और बम तथा अन्य विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग का प्रमुख जहिदुल इस्लाम उर्फ बोमा मिजान है।Ó ये दोनों मैमन सिंह के त्रिशला घटना के प्रमुख अभियुक्त हैं और बंगलादेश से भागकर पश्चिम बंगाल पहुंच गये हैं। बंगलादेशी सूत्रों के मुताबिक ढाका से नेशनल सिक्योरिटी इंटेलिजेंस के अफसरों का एक दल इनकी पड़ताल में जल्दी ही कोलकाता आने वाला है।
सूत्रों के मुताबिक बर्दवान कांड की जांच कर रही नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी के प्रमुख शरद कुमार ने मंगलवार को ढाका के मेट्रोपोलिटन पुलिस के खुफिया प्रमुख मोनिरुल इस्लाम से लंबी वार्ता की और बताया जाता है कि मोनिरुल इस्लाम ने उन्हें 11 ऐसे आतंकियों की सूची सौंपी है, जो जमायत- उल-मुजाहिदीन के आतंकी हैं तथा कोलकाता और आसपास के इलाकों में छिपे हुए हैं। उस सूची में जिनके नाम हैं, उनमें शामिल हैं; सोहैल इस्लाम, अनवारिल इस्लाम फारूक उर्फ जमाई फारूक, जहिदुल इस्लाम उर्फ बोमा मिजान, सलाहुद्दीन सालेहीन उर्फ सनी, शरीकुल इस्लाम, मौलाना ताज और मौलाना याह्यïा। बंगलादेश में गिरफ्तार जमायत के कुछ सदस्यों की दी गयी सूचनाओं के हवाले से सूत्रों ने बताया कि भारत में घुसे इन आतंकियों की योजना पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थलों को उड़ा देने की है ताकि देश का सांप्रदायिक माहौल खराब हो जाय और अंतरराष्टï्रीय स्तर पर मुस्लिम एकजुटता का दबाव बढ़े। इस दबाव के कारण बंगलादेश में आतंकी संगठनों के प्रति सरकार थोड़ी ढीली हो सकती है। सूत्रों ने भारतीय मीडिया में आयी उस खबर का पूरी तरह खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि 'बर्दवान में तैयार किये जाने वाले विस्फोटकों और टें्रड किये जा रहे लोगों का उपयोग बंगलादेश में किया जाना था।Ó सूत्रों ने इस तथ्य को स्पष्टï तौर पर मनगढं़त बताया, जिसमें यह दावा किया गया था कि बंगाल के एक चिट फंड का रुपया जमायत ए इस्लामी और इस्लामी बैंकों के माध्यम से जमायत- उल- मुजाहिदीन को मिला था। बंगाल में उन आतंकियों को एक राजनीतिक दल की मदद के सवाल पर सूत्रों ने कहा कि उनकी जांच में ऐसा अब तक साफ तौर पर मालूम नहीं हो सका है। सूत्रों के मुताबिक बंगाल के सीमावर्ती गांवों में बंगलादेशी कट्टïरपंथी तत्वों का उस समय से अड्डïा है, जबसे ढाका पाकिस्तान के अधीन था। बंगलादेश उप उच्चायोग के अत्यंत उच्च पदस्थ सूत्रों ने बुधवार को 'सन्मार्गÓ को बताया कि ढाका पुलिस ने भारतीय एनआईए के प्रमुख शरद कुमार को 41 कुख्यात गुंडों के नामों की एक सूची भी दी है, जिनके बंगाल में छिपे होने की आशंका है। सूत्रों ने कहा कि हो सकता है, उन्होंने अपने हिंदू नाम रख लिये हों और इससे उनकी शिनाख्त गुम हो गयी हो। सूत्रों के अनुसार ये उन आतंकियों से ज्यादा खतरनाक लोग हैं, जो बंगलादेश से भागकर बंगाल में छिपे हैं।
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