19 सितम्बर को दिल्ली के जामा मस्जिद के सामने मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात बंदूकधरियों ने अंधाधुंध गोलियां चलायीं, जिससे दो ताइवानी पर्यटक घायल हो गये। बीबीसी ने चश्मदीद गवाहों के हवाले कहा है कि दो आतंकवादी मोटरसाइकिल पर सवार होकर आये। उनमें जो पीछे बैठा था, उसने अपने हाथ में बंदूक ले रखी थी। उसने पहले मस्जिद पर अंधाधुंध गोलियां चलायीं फिर हवा में और टूरिस्ट बस पर एवं लोगों पर। जब बंदूक की मैगजीन खाली हो गयी तो उसने दूसरी मैगजीन लगायी और फिर फायरिंग करते हुये भाग निकले।
बताया जाता है कि भागने से पहले वे अपनी बंदूक भी घटनास्थल पर फेंकते गये। एक न्यूज चैनल का कहना है कि उसे एक ई मेल मिला है, जिसमें हमले की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन (आई. एम.)ने ली है। ई मेल जिस पते से भेजा गया है वह है - अल अरबी 999123 एट जी मेल .कॉम। अल अरबी नाम 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद पर हमले के बाद भेजे गये ई मेल में पहली बार आया था। अबसे दो साल पहले 19 सितंबर को ही इंडियन मुजाहिदीन के दो लोग दिल्ली में पुलिस से मुठभेड़ में मारे गये थे। इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस का एक अफसर भी गंभीर रूप से घायल होने के बाद मारा गया। ताईवानी पर्यटकों की बस पर यह फायरिंग उसी हमले की दूसरी बरसी के रूप में हो सकती है। हालांकि अभी तक ई मेल की प्रमाणिकता की जांच नहीं हो सकी है लेकिन कुछ सवालों के जवाब इस घटना पर रोशनी डाल सकते हैं। वैसे शक है कि इस घटना में शामिल आई. एम. के कुछ सदस्य कहीं गुम हो गये हैं। अलबत्ता एक बात ध्यान देने लायक है कि आई. एम. ने अब तक जो भी हमले किये उसमें हाथ से बनाये गये ( देसी ) बमों (आइ ई डी) का इस्तेमाल किया। मुंबई हमले के दौरान पहली बार लश्कर- ए - तय्यबा के आतंकियों ने दस्ती हथियारों (हैंड हेल्ड गन्स) और आई डी का उपयोग किया। मोटरसाइकिल पर बैठ कर टार्गेट तक आने और फिर पीछे बैठी सवारी द्वारा अंधाधुंध गोलियां चलाने का यह तरीका (मोडस ऑपरेंडी: एम ओ) पाकिस्तान के लश्कर-ए- झांगवी और दक्षिणी थाइलैंड में जिहादी आतंकियों का है। अब से 80 के दशक में सिख आतंकी भी इस तरीके को अपनाते थे। लिहाजा पाकिस्तान में मोटरसाइकिल पर पीछे वाली सीट पर किसी को बैठाने पर रोक है। अब चूंकि लश्कर - ए-झांगवी का सम्बंध इलियास कश्मीरी के तथाकथित 313 ब्रिगेड से है। 313 ब्रिगेड ने कुछ दिनों पहले सरकार को चेतावनी दी थी कि कामनवेल्थ गेम्स का आयोजन ना करे।
रविवार को हमले के बाद प्राप्त कथित ई- मेल में भी कहा गया है कि हमें मालूम है कि कामनवेल्थ गेम्स की तैयारी जोरों पर है। हम इस दौरान दहला देने वाली कार्रवाई करेंगे और खेलों में शामिल होने वाले लोग इसके लिये जिम्मेदार होंगे। ई- मेल संदेश और फायरिंग की घटना को सरलता से नहीं लिया जाना चाहिये। खेलों की सुरक्षा के मसले पर अति आत्मविश्वास को त्याग दिया जाना चाहिये। कोई भी सतही दृष्टिकोण खतरनाक होगा।
Monday, September 20, 2010
अति आत्मविश्वास से बचें
Posted by pandeyhariram at 3:11 AM
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1 comments:
agreed with ur view
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