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Wednesday, June 15, 2016

उत्तर प्रदेश में शराब पर सियासत

बिहार में जब चुनाव प्रचार चल रहा था तब नीतीश कुमार ने वादा किया था की यदि उनका महागठबंधन जीत गया तो वे राज्य में शराब पर पूरी तरह से पाबन्दी लगा देंगे/ उनकी इस बात का बिहार की जनता के एक बड़े हिस्से ने समार्थन दिया , खास कर दलित वर्ग की महिलाओं ने तो खुल कर समर्थान किया/ बेशक मुख्या मंत्री बनाने के बाद उन्होंने अपना वादा पूरा किया/ इसके पहले भी उन्होंने महिलाओं के वोट को अपने पक्ष में करने के लिए लड़कियों को मुफ्त शिक्षा और उने साइकिल दिया/ बिहार में विकास का उदाहरण अक्सर साइकिल से जाती लड़कियों को दिखा कर दिया जाता है/ बिहार में लड़कियों का साइकिलों से सुरक्षित आना जाना जगल राज के आरोपों की पोल खोल देता है/ अब देश में उत्तर प्रदेश के चुनाव पर सबकी निगाहें हैं/ नीतीश कुमार ने भी वहाँ चुनाव के लिए महागठबंधन के स्वरुप का एक गठबंधन बनाने की योजना शुरू की है/ अपनी मंशा को दिखाने के लिए नीतीश कुमार ने प्रन्धान मंत्री के चुनाव क्षेत्र वाराणसी के पिंडरा में एक सभा को सम्बोधित  भी किया था/ अपने भाषण में नीतीश कुमार ने घोषणा की कि वे सम्प्रदायवाद के विरोध और शराबबंदी यही दो मुद्दे लेकर जनता के पास जायेंगे/ उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से कहा कि शराबबंदी पर वह अपने विचार जाहिर करे/ उन्होंने अपने भाषण में कहा की वे उत्तर प्रदेश के हर गाँव में शराब पर पाबन्दी लगा देंगे/ उम्मीद है की उनकी इस घोषणा का उतार प्रदेह के मत दाताओं पर असर पड़ेगा और उनमें नीतीश कुमार के प्रति आकर्षण पैदा होगा/ वैसेव शराब बंदी की कोशिश भारत में नयी नहीं है/ आजादी की लड़ाई के समय महात्मा गाँधी ने भी इसकी कोशिश की थी/ उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ शराब को चौतरफा हमले का हथियार बनाया था/ डाक्टर बी बी मिश्र ने अपनी किताब हिस्टोरिकल अनालिसिस ऑफ़ इंडियन पोलिटिकल बेहैवियर में लिखा है की गाँधी जी का उदेश्या शराब को हथियार बनाना था/ उन्होंने इसे चार कारणों से उठाया था/ वे इसे समाज सुधार के लिया इस्तेमाल काना चाहते थे/ समाज में समाज में जागरूकता पैदा कर देश को मदिरा मुक्त राष्ट्र बनाना चाहते थे/  वे समाज को प्रभावित करने वाले मसालों के प्रति चेतना जागृत कर समाज के दलित्तम वर्ग को भी आजादी की लड़ाई में शामिल करना चाहते थे/ वे ब्रिटिश जीवन शैली के मुकाबले एक नै संस्कृति को स्थापित करना चाहते थे/ ... और अंत में वे शराब के माध्यम से ब्रिटिश अर्थ व्यवस्था को चुनौती देना चाहते थे/ आर्य समाज में लोकप्रिय आदि हिन्दू आन्दोलन जिसे स्वामी अच्युतानंद ने आरम्भ किया था, दलित शिव्नारयानी पंथ , रविदास पंडत, कबीर पंथ जैसे धार्मिक आन्दोलन जो ब्रिटिश राज में शुरू हुए थे शराब को अत्यंत बुरी चीज बताया गया है और प्रवचनों के जरिये उन्हें निषेध करने के लिए चेतना पैदा की जाती थी/ ब्रिटिश राज में राष्ट्रवाद और शराब को कई कोणों से जोड़ा गया था इसीलिए गाँधी जी ने राष्ट्रीय आन्दोलन के लिए शराब पर रोक का मसला उठाया था/ इसके व्यापक सांस्कृतिक और राजनितिक पहलू थे/ आजादी के भारत की सरकार ने इसपर बंदिशें लगाना तो दूर इसे अर्थव्यवस्था में मददगार माना/इसके कारण इसके प्रसार में भारी वृद्धि हुई/ घर के पुरुषों द्वारा अपनी कमाई को शराब में बर्बाद करने से घरों की महिलायें परेशान रहती हैं/ उन्होंने इसे राजनितिक तौर पर उठाया भी/ गरीब और हाशिये पर ठहरे परिवारों का भी शराब बंदी को समर्थन है क्योकि घर का बजट दारू में खत्म हो जता है/ गाँव से शहर जाकर कमाने की बढती प्रवृति के कारण गांवों में आमदनी बढ़ी है और इसके कारण विदेशी मूल की देशी शराबों का चलन बढ़ा है साथ ही देशी शराब की  भी खपत बढ़ी है/ 1980 में जब कांशी रान ने बहुजन समाज आन्दोलन आरम्भ किया तो शराब बंदी भी उनका मुद्दा था और रामपुर, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद , आजमगढ़ जैसे जिलों महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर इसका सर्थन किया/ आज भी इस पार्टी को महिलाओं का समार्थन ज्यादा हासिल है / नीतीश कुमार ने इसी नुक्ते को पकड़ा है और दलित, पिछड़ा वर्ग तथा मध्यवर्गीय महिलाओं का समर्थन पाने के लिए उन्होंने इस मुद्दे को उठाया है/ हो सकता है की इसके कारण उत्तरप्रदेश के मुख्या दल जैसे समाजवादी पार्टी, बी एस पी, भाजपा और कांग्रेस जैसे दलों से वोटर टूट कर नीतीश कुमार के साथ आ जायं , ऐसा भी हो सकता है की उन्हें सरकार बनाने के लिए पर्याप्त समार्थन ना मिले तब भी उत्तरप्रदेश में उनकी मौजूदगी तो बढ़ ही जाएगी/ अगार ऐसा भी होता है तो उन्हें देश भर में शराब विरोधी आन्दोलन उठाने के लिए बल मिल जाएगा/ अभी हाल में उतार्प्रदेश के मुख्या मंत्री अखिलेश यादव ने एक सभा में कहा की शराब बंदी के मसले पर जल्दीबाजी में निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि इससे गन्ना उत्पादक किसानो का हित जुडा है/ इससे साफ़ लगता है की उतार प्रदेश में शराब को लेकर सियासत शुरू होगी

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