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Saturday, December 11, 2010

द ग्रेट अमरीकन लीक


विकीलीक्स वेबसाइट अमरीका को लगातार मुंह चिढ़ा रहा है। जूलियन असांज एक मामूली सा सैनिक था। वह इतने बड़े खुलासे कर रहा है। उसने दुनिया में सूचनाओं का तूफान खड़ा कर रखा है। अमरीका जैसे देश की हाई-फाई सुरक्षा व्यवस्था को खबर तक नहीं है। सूचना तकनीकी का दंभ भरने वाली उसकी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लग पा रही है। उन्हें विकीलीक्स के खुलासा करने के पहले उससे संयम की अपील करनी पड़ रही है। उसके खुलासे पर माफी मांगनी पड़ रही है। आखिर इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है। ऐसे में लोगों के लिए भी एक खतरे की घंटी है। आखिर किस बिना पर अब लोग अधिकारियों से बातचीत करेंगे। कोई राष्ट्राध्यक्ष क्यों ऐसा करेगा? उसे हमेशा इसका डर बना रहेगा कि कहीं आपसी बातचीत लीक न हो जाए, क्योंकि बातचीत में बहुत सी बातें व्यक्तिगत स्तर की होती हैं। इसलिए उनके खुलने का खतरा हमेशा असहज स्थिति पैदा करता है।
हालांकि इससे लंबे समय के लिए अमरीका का कुछ नहीं बिगडऩे वाला है। थोड़े ही दिनों तक ऐसी बातों का हौवा रहता है। बाद में सब कुछ सामान्य हो जाता है।
यमन के राष्ट्रपति की अमरीका के मध्य-पूर्व के कमांडर जनरल डेविड से बातचीत में यदि वे कहते हैं कि उनके देश में अल-कायदा के ठिकाने पर बमबारी जारी रहे और वे कहेंगे कि बम उनके हैं तो इससे अमरीका का क्या बिगडऩे वाला। रूस और इटली के प्रधानमंत्री में गहरे रिश्ते हैं तो इससे अमरीका का क्या नुकसान होगा? इसी तरह से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कई अरब देशों ने चिंता व्यक्त की है। अगर सऊदी अरब के शाह ने इस संदर्भ में साँप का सिर काट देने की बात कही है और बहरीन ने चिंता जतायी है तो इसके लिए अमरीका क्यों परेशान हो ? पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर खुलासे हुए हैं तो इसे पाकिस्तान समझे। कहने का आशय यह कि इससे वाशिंगटन को सांकेतिक परेशानी ही होगी। क्योंकि द्विपक्षीय रिश्ते ऐसी बातों पर नहीं तय होते। उसके लिए वास्तविकता और आधार की जरूरत होती है। इसलिए इसे खास तवज्जो देने की जरूरत नहीं है।
अब भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दावे पर नजर रखने का निर्देश देने का जहां तक सवाल है, यदि हिलेरी क्लिंटन ऐसा न करतीं तो हमारा महत्व ही समाप्त हो जाता। फिर तो हम दो कौड़ी के देशों में आ जाते। इसे लोगों को समझने की कोशिश करनी चाहिए कि हम तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देश हैं। हमारी दुनिया में पहचान स्थायी और मजबूत आधार पा रही है। ऐसे में जब हिलेरी संयुक्त राष्ट्र महासचिव से लेकर कई प्रमुख लोगों पर निगाह रखने के लिए कह रही हैं, अफगानिस्तान में अमरीकी ऑपरेशन और पाकिस्तान पर नजर रखने की हिदायत दे रही हैं तो हिन्दुस्तान की चर्चा न करना भी ठीक नहीं था। इसलिए विकीलीक्स का नया खुलासा हम हिन्दुस्तानियों के लिए तमाशा देखने के अवसर की तरह है। अत: किनारे रहकर इसका आनंद लेना चाहिए। उसने कोई ऐसा खुलासा नहीं किया है जिस पर हम हिन्दुस्तानी छाती पीटकर मातम मनाएं या खुशी के ढोल पीटने लगें।

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