hariram pandey
हालांकि, इस तरह के आलेख इस स्तम्भ में और खास कर आज की स्थिति में समीचीन नहीं कहा जायेगा पर आम भारतीय महात्मा गांधी को अपने पुरखों के तुल्य मानता है और कोई अपने चश्मे और अपनी सभ्यता से उद्भूत संस्कारों के आधार पर गांधी को अपमानित कर आर्थिक लाभ प्राप्त करने का प्रयास करता है तो विरोध होगा। गांधी पर नयी किताब का नाम है 'ग्रेट सोल : महात्मा गांधी ऐंड हिज स्ट्रगल विद इंडिया।Ó इस पुस्तक को जोजेफ लेलीवाल्ड ने लिखी हे। जोजेफ पेशे से पत्रकार हैं। इस किताब में जोजेफ ने गांधी के यौन जीवन के बारे में कई भ्रामक बातें कहीं हैं। बापू पर यौन विकृति के उनके इल्जामों पर मचे हंगामे, गुजरात में किताब पर लगी बैन और पूरे देश में उठ रही ऐसी मांगों ने अच्छे बिजनेस की गारंटी कर दी है। असल बात है कि ये बेअसर रहने वाले हैं, क्योंकि बड़े नेताओं, खासकर गांधी को लेकर दुनिया की दीवानगी कम होने वाली नहीं है। वह एक ऐसी शख्सियत हैं, जिनमें दुनिया की सबसे सनसनीखेज रहस्यकथा, सबसे दिलचस्प रोमांटिक ड्रामे और सबसे प्रेरणादायक जीवनी के रेडिमेड प्लॉट मौजूद हैं। कोई भी इनमें से किसी एक या सभी पर अपनी कलम लेकर टूट पड़ सकता है। कामयाबी लगभग पक्की है। सोचिए, इंसानियत के इतिहास में दूसरा कौन हुआ है, जिसने कामयाब करियर के बीच में महात्मा बनने की ठान ली हो, दुनिया के शौकों को छोडऩा शुरू कर दिया हो, अकेले दम पर एक बगावत की शुरुआत की हो, अधनंगे रहते हुए दुनिया की सबसे बड़ी साम्राज्यवादी ताकत को निहत्थे खदेड़ दिया हो, इंसानियत के मौलिक मूल्यों की मिसाल पेश की हो और अपनी यौन इच्छा के साथ प्रयोगों से दुनिया को चौंकाया ही न हो, उसका किस्सा खुलेआम दुनिया को सुना भी दिया हो?
इसलिए लेखक और कलाकार गांधी को आसानी से बख्शने वाले नहीं हैं। गांधी दुनियावी तौर पर सबसे कामयाब लोगों में हैं - सबसे जबर्दस्त क्रांतिकारी, जिनका स्टाइल किसी भी दूसरे नायक, मसलन चे ग्वेरा, लेनिन, माओ से अलग है। उनकी गिनती सबसे बड़ी आध्यात्मिक हस्तियों में भी की जा सकती है, लेकिन वह दयानंद या रामकृष्ण भी नहीं हैं। जो बात उन पर लिखने वालों को सबसे ज्यादा हैरतअंगेज लगती है, वह ब्रह्मचर्य के साथ उनके प्रयोग हैं। भारतीय पद्धति में वासनाओं को मिटा देना (चित्तवृत्ति निरोध) ईश्वर से मिलने के रास्ते (योग) की पहली शर्त है।
'द ग्रेट सोलÓ पर भारत के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगाने का निर्णय वास्तव में पुस्तक के आधार पर नहीं, बल्कि उन ब्रिटिशर्स की पक्षपातपूर्ण व्याख्याओं के आधार पर लिया गया था, जो अभी तक अपने साम्राज्य के पतन को स्वीकार नहीं कर पाये हैं। लेलीवेल्ड ने अपने निष्कर्ष कालभ्रम के आधार पर निकाले हैं, जिसमें सौ वर्ष पूर्व की एक मित्रता को आज के एक प्रगतिशील न्यूयॉर्कर के चश्मे से देखने की प्रवृत्ति झलकती है। लेलीवेल्ड ने अतीत के लिखित साक्ष्यों के आधार पर अनुभव किया कि उन्हें यह निष्कर्ष निकालने का विशेषाधिकार है। अहमदाबाद में कोई व्यक्ति उन्हें बताता है कि कालेनबाख और गांधी 'कपलÓ थे, ऑस्ट्रेलिया में कोई व्यक्ति उनके संबंधों को 'होमोइरोटिकÓ बताता है। उनके द्वारा यह कहना कि 'गांधी अपनी पत्नी को छोड़कर उसके साथ रहने चले गए थेÓ तो और भी लचर सूचना है। तथ्य यह है कि ट्रांसवाल के भारतीयों को संगठित करने के लिए गांधी का वहां रहना जरूरी था। इस दौरान कस्तूरबा और उनके बेटे नाटाल स्थित उनके आश्रम में थे, जहां गांधी समय-समय पर उनसे मिलने आया करते थे। कालेनबाख से अपने संबंध के बारे में स्वयं गांधी ने कहा है कि उनका रिश्ता दो भाइयों जैसा था। जब वे एक ही स्थान पर रहते थे, तब गांधी के साथ ही कालेनबाख ने भी ब्रह्मचर्य का संकल्प लिया था। हालांकि बाद में कालेनबाख अपने ब्रह्मचर्य के संकल्प का पालन नहीं कर पाये थे और उन्होंने एक महिला से संबंध स्थापित किया था। लेलीवेल्ड ने अपनी किताब में इसका उल्लेख नहीं किया है या संभव है कि वे इस बारे में जानते ही न हों। लेलीवेल्ड को एक तरफ प्रतिक्रियावादी ब्रिटिश पत्रकारों और दूसरी तरफ उन अवसरवादी भारतीय राजनेताओं का दयनीय शिकार माना जाना चाहिए, जो महात्मा के आदर्शों का पालन करने में अपनी विफलता को उनकी स्मृति के प्रति आस्था प्रदर्शित करने के दावों में छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। सेक्स बिकता है। उसमें फौरन हिट हो जाने की काबिलियत है। लेकिन आमतौर पर सेक्स में आपको ज्यादा-से-ज्यादा क्या मिल सकता है? बर्लुस्कोनी। एक महात्मा मिल जाए तो क्या कहने! पिछले साल जेड एडम्स की जो किताब आयी थी, उसका नाम क्या था - 'गांधी : नेकेड एंबिशंसÓ इससे गांधी को क्या फर्क पड़ता है। पडऩा होता तो बरसों पहले पड़ गया होता। आखिर अपनी कहानी वह खुद ही कह गये थे। उसमें से कुछ दबा-छिपा कोई ईजाद कर भी ले तो क्या होगा?
इस पुस्तक को लेकर भारतीय राष्ट्रवाद की परिपक्वता और भारतीय लोकतंत्र की विश्वसनीयता दांव पर है। क्या हमारे राष्ट्र नायक इतने दुर्बल हैं कि हमें उनकी रक्षा करने के लिए देशप्रेम का दिखावा करने वालों की जरूरत है? क्या हमारा लोकतंत्र इतना भंगुर है कि हम व्यक्तियों और घटनाओं पर किसी मुक्त बहस के लिए स्थान नहीं बना सकते? लेलीवेल्ड प्रकरण ने हमारे राष्ट्रीय राजनेताओं मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, लाल कृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, प्रकाश करात सभी के समक्ष परीक्षा की घड़ी प्रस्तुत की है। विचारों पर प्रतिबंध की कोशिशें हमारे लोकतांत्रिक दावों के समक्ष चुनौतियां खड़ी करती हैं।
Gandhi 'left his wife to live with a male lover' new book claims
By Daniel Bates
Last updated at 1:02 AM on 28th March 2011
Mahatma Gandhi was bisexual and left his wife to live with a German-Jewish bodybuilder, a controversial biography has claimed.
The leader of the Indian independence movement is said to have been deeply in love with Hermann Kallenbach.
He allegedly told him: ‘How completely you have taken possession of my body. This is slavery with a vengeance.’
Lovers? Gandhi and Kallenbach sit alongside a female companion. A new book has controversially said that the pair had a two-year relationship between 1908 and 1910
Lovers? Gandhi and Kallenbach sit alongside a female companion. A new book has controversially said that the pair had a two-year relationship between 1908 and 1910
Kallenbach was born in Germany but emigrated to South Africa where he became a wealthy architect.
Gandhi was working there and Kallenbach became one of his closest disciples. .
The pair lived together for two years in a house Kallenbach built in South Africa and pledged to give one another ‘more love, and yet more love . . . such love as they hope the world has not yet seen.’
Controversial: The new book outlines many details of Gandhi's sexual behaviour, including allegations he slept with his great niece
Controversial: The new book outlines many details of Gandhi's sexual behaviour, including allegations he slept with his great niece
The extraordinary claims were made in a new biography by author Joseph Lelyveld called ‘Great Soul: Mahatma Gandhi And His Struggle With India’ which details the extent of his relationship with Kallenbach like never before.
At the age of 13 Gandhi had been married to 14-year-old Kasturbai Makhanji, but after four children together they split in 1908 so he could be with Kallenbach, the book says.
At one point he wrote to the German: ‘Your portrait (the only one) stands on my mantelpiece in my bedroom. The mantelpiece is opposite to the bed.’
Although it is not clear why, Gandhi wrote that vaseline and cotton wool were a ‘constant reminder’ of Kallenbach.
He nicknamed himself ‘Upper House’ and his lover ‘Lower House’ and he vowed to make Kallenbach promise not to ‘look lustfully upon any woman’.
‘I cannot imagine a thing as ugly as the intercourse of men and women,’ he later told him.
They were separated in 1914 when Gandhi went back to India – Kallenbach was not allowed into India because of the First World War, after which they stayed in touch by letter.
As late as 1933 he wrote a letter telling of his unending desire and branding his ex-wife ‘the most venomous woman I have met’.
Lelyveld’s book goes beyond the myth to paint a very different picture of Gandhi’s private life and makes astonishing claims about his sexuality.
Revolutionary: The claims made in the book are likely to be disputed by millions of Gandhi's followers across the globe
Revolutionary: The claims made in the book are likely to be disputed by millions of Gandhi's followers across the globe
It details how even in his 70s he regularly slept with his 17-year-old great niece Manu and and other women but tried to not to become sexually excited.
He once told a woman: ‘Despite my best efforts, the organ remained aroused. It was an altogether strange and shameful experience.’
The biography also details one instance in which he forced Manu to walk through a part of the jungle where sexual assaults had in the past taken place just to fetch a pumice stone for him he liked to use to clean his feet.
She returned with tears in her eyes but Gandhi just ‘cackled’ and said: ‘If some ruffian had carried you off and you had met your death courageously, my heart would have danced with joy.’
The revelations about Gandhi are likely to be deeply contested by his millions of followers around the world for whom he is revered with almost God-like status.
Nobody from the Indian High Commission to Britain was available for comment.
Read more: http://www.dailymail.co.uk/news/article-1370554/Gandhi-left-wife-live-male-lover-new-book-claims.html#ixzz1Iz8BrJfF
Friday, April 8, 2011
गांधी और उनपर लिखी किताब
Posted by pandeyhariram at 6:18 AM
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment