आई एस ने भारत में उपद्रव कर साम्प्रदायिक सौहार्द मिटाने के लिये और बंगाल , असम - बंगलादेश को लेकर एक मुस्लिम राज्य की स्थापना के उद्देश्य से भारत की सीमा से सटे खुलना के एक मदरसे में अपना मुख्यालय बनाया है। सूत्रों के मुताबिक इसने पूरी योजना को चार चरणों में पूरा करने की तैयारी की है। पहला चरण है किशोरावस्था में प्रवेश किये बच्चों को ड्रग के माध्यम से मानसिक तौर पर बेकार बना दिया जाय। वे वही सुनें, सोचें और करें जो उनके बताने वाले कहें। उन्हें एक तरह से गाइडेड ह्यूमन बम बनाया जा रहा है। वे केवल बम को छिपा कर टार्गेट तक पहुंच जायेंगे। वहां उन बमों को एक साथ मोबाइल सिम के जरिये एक्टीवेट कर ब्लास्ट करा दिया जायेगा। दूसरा चरण है कि यहां की बहुसंख्यक बिरादरी के खिलाफ उनमें जहर भर दिया जाय जिससे वे मरने मारने पर उतारू हो जाएं। इससे कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा हो जायेगी। तीसरा चरण है , बाजार में उपलब्ध वस्तुओं से बड़े पैमाने पर बम बनाने की तकनीक की ट्रेनिंग और अंतिम चरण है हथियार चलाने की ट्रेनिंग।
इसे भारतीय उपमहाद्वीप का मुख्यालय का दर्जा दिया गया है और इसका प्रमुख है आसिम मीर नाम का एक कुख्यात आतंकी सरगना। यह पहले अलकायदा में मुल्ला उमर के अंगरक्षकों में से था और मालबान कमांडर भी रह चुका है। उसकी नियुक्ति से भारतयि उपमहाद्वीप के सरकारी खुफिया तंत्रों में हड़कम्प सा मच गया है। क्योंकि इससे यह संकेत मिल रहे हैं कि चरमपंथ से आक्रांत बंगलादेश में दुनिया के शीर्ष आतंकी संगठन एकजुट हो गये हैं।
ये लोग बड़ी सफाई से भारतीय सीमा में प्रवेश कर यहां के विभिन्न मदरसों में बच्चों का ब्रेनवाश कर रहे हैं। इसके लिये वे एक ऑडियो सुनाते हैं। बेहद उत्तेजक शैली में बंगला में तैयार किये गये इस ऑडियो में भारतीय मुसलमानों से जेहाद में शामिल होने की अपील की गयी है। इस संगठन का कोड नाम है ‘काला पताका’। इसमें कहा गया है कि खोरासान से उठा यह पताका अब आगे बढ़ रहा है। अत्यंत संवेदनशील इस ऑडियो की कॉपी सन्मार्ग ने हासिल की है। खोरासान अफगानिस्तान- पाकिस्तान के इलाके को कहते हैं। सूत्रों के मुताबिक इस नये संगठन में अल नुसराह और अल सबाब जैसे संगठन शामिल हो गये हैं। इससे बंगलादेश, असम तथा भारत के विभिन्न इलाकों में उसकी पैठ बढ़ गयी है। अल नुसराह और अल सबाब पहले अलकायदा के साथ थे। बंगलादेशी खुफिया सूत्रों के मुताबिक इस नये संगठन (काला पताका) लगभग 250 आतंकी केवल विभिन्न तरह की ट्रेनिंग देने के लिये भारत में प्रवेश कर चुके हैं। बंगलादेश सरकार के उच्चपदस्थ सूत्रों ने सन्मार्गको जानकारी दी कि नेशनल सिक्युरिटी इंटेलिजेंस ने भारतीय एन आई ए को 204 लोगों की सूची भी भेजी है। सूत्रों के मुताबिक इन्हें भारत में घुसाने का काम वे स्मगलर करते हैं जो सोना और जाली नोट लेकर वहां से आते हैं।
क्या है इनकी योजना :भारत के असम , बंगाल और कश्मीर में उपद्रवियों को तैयार कर वहां सामाजिक सौहार्द बुरी तरह बिगाड़ दिया जाय। इसके लिये मदरसे के छोटे छोटे बच्चों को अफीम की बहुत मामूली डोज देकर उपरोक्त वीडियो दिखाया जाता है , धीरे –धीरे ये जेहाद और मारे जाने पर जन्नत में हूरों का ख्वाब देखने लगते हैं। अभी राज्य में पहला चरण शुरू हो चुका है। इसमें लावारिस बच्चों को तरजीह दी जा रही है। इनपर होने वाला खर्च कोलकाता के हवाला कारोबारी देते हैं जिन्हें तस्करी के सोने के माध्यम से भुगतान किया जाता है। इस ट्रेड में तस्करी के सोने का कोड है ‘पीला’ और ड्रग्स को ‘सफेदा’ कहा जा रहा है।