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Thursday, November 10, 2016

जीतना ट्रम्प का

जीतना ट्रम्प का
बहुचर्चित अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्म्प  विजयी हुये। इनकी प्रबल विरोधी हिलेरी क्लिंटन पराजित हो गयीं।  डोनाल्ड ट्रम्प की विजय अमरीकी जनता और उनके समाज की चिंतनधारा पर एक सवाल खड़ा करता है। वाशिगटन पोस्ट ने लिखा है कि ‘उनकी विजय से अमरीकी समाज हतप्रभ है। ट्रम्प की विजय बताती है कि तंत्रों के उपयोग से सही दिशा में सोचने वालों को इच्छित दिशा की ओर मोड़ा जा सकता है। ’ ट्रम्प ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान अपने विोदियों की खिल्ली उड़ाने और सामान्य जन पर अपनेसिमर्थन का मुलममा चढ़ाने के लिये सोशल मीडिया के प्लेटफार्म का जमकर उपयोग किया। चुनाव परिणाम के​ि बाद उन्होंने ट्वीट किया ‘विस्मृत नर नारी अब विस्मृत नहीं रह पायेंगे और हम उन्हें भी अपने साथ लेकर पूरी ताकत से आगे चलेंगे। ’ वर्तमान राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा ने डोनाल्ड ट्रम्प को विजय पर बधाई और गुरुवार को यानी बीते कल उन्हे वाइट हाउस आने का आमंत्रण ​दिया। उधर ट्रम्प ने अपने विरोधियों को घोटाला संस्कृति की पैदाइश कहा और कहा कि इसी के कारण अमरीका के नागरिक हर मोड़ पर नकामयाब होना पड़ता है। ट्रमप के विजय का प्रभाव को जानने के बावजूद विश्व नेताओं ने उन्हें बधाई दी।  उनकी विजय के नतीजे घोषित किये जाने के बाद दुनिया भर के शेयर बाजार लुढ़क गये। अमरीका   की जनता बहुसंस्कृतिवाद और ग्लोबलाइजेशन के आाघत और इसपर मरहम लगाने में वाशिंगटन की नाकामयाबी  से वहां की जनता त्रस्त है और ऐसे में ट्रम्प का संकेत कि वह अमरीका को फिर से महान बना देंगे अमरीकी जनता को ढाढस बंधाता लग रहा है। उन्होंने वादा कियाह है कि हर अमरीकी को पूरी क्षमता प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा। ट्रम्प का काल क्षेत्रीय राजनीति को गंभीरता से प्रभावित करेगा। ट्रम्प के अमरीकी विदेश नीति को बदल देने का वादा किया है और कहा है कि यह और ज्यादा एकतरफा होगी। उन्होंने मै​क्सिको की सग पर दीवार बनाने और अवैध प्रवासियों को निकाल देने का भी वादा किया है। उन्होंने कहा है कि वे आइ एस को बम मार कर धूल में मिला देंगे और आतंकी गिरोहों के सफाये के लिये उनके पास एक गुप्त योजना भी है। उन्होंे ताकतवर मुल्कों की प्रशंसा की और घोषणा की  कि वे रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से प्रगाढ़ रिश्ता बनाएंगे। ट्रम्प की विजय से दुनिया भर में क्षोभ और अनिश्चयता व्याप्त हो गयी है। क्योंकि प्रवासियों को भगाने और अंतरराष्ट्रीय जोर आजमाइश उनके प्रचार का मुख्य विषय था। उन्होंने अपने विजय भाषण में अफगानिस्तान तथा ईरान में अमरीका की युद्ध के लिये उपस्थिति की आलोचना की और कहा कि बेशक हम हर मामले में पहले अमरीका का हित देखेंगे लेकिन दुनिया से अपने रिश्तों पर होने वाले असर को भी नजर अंदाज नहीं करेंगे। इसराइल को छोड़ कर दु​निया के किसी भी देश ने ट्रम्प की विजय पर खुल कर हर्ष जाहिर नहीं किया। सबकी प्रतिक्रियाएं थोड़ी नियंत्रित महसूस हो रहीं थीं। मध्यपूर्वी एशिया के देश तो अजीब विभ्रम की स्थिति में दिख रहे हैं। वे नहीं समझ पा रहे हैं कि कैसे अपनी प्रितिक्रिया जाहिर करें। भारत के लिये मुश्किलें खड़ी नजर आ रहीं हैं। एशिया पैसेफिक मेंअर्से से अमरीकी मौजूदगी एक तरह से भारतीय उपमहाद्वीप की सोच में शामिल हो गया था। अब अगर वह वहां से सेना हटाता है तो दीगर प्रश्न है कि उसके बाद वहां की सुरक्षा का क्या होगा। यही नहीं इनके पाद वहां के 15 लाख भारतीयों का भविष्य भी समस्या भी खड़ी होगी। यही नहीं अगर वे इन फैसलों में साथ आगे बढ़ते हैं तो और बड़ी सम्स्या खड़ी होगी। लेकिन अमरीकी मीडिया में चर्चा हैकि ट्रम्प  पाकिस्तान पर सख्ती कर सकते हैं। भारत में अपने बिजनेस को सिक्योर करने के लिए भी ट्रम्प पाक के खिलाफ सख्त हो सकते हैं। पाकिस्तान को अमरीका से मिल रही आर्थिक मदद में कटौती हो सकती है।यही नहीं अगर चीन से भी सख्ती हुई तो यकीनन दक्षिण एशियाई क्षेत्र में अशांति बढ़ जायेगी।

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