नोटबंदी से कुछ खास सुधार होने की संभावना नहीं
विगत दस दिनों से नोट बंदी और नोट बदली को लेकर देश में जोरदार बहस चल रही है. कुछ लोग तो यह भी कहते सुने जेया रहे हैं कि कश्मीर में शांति इसलिए है कि सारे उपद्रवी नोट बदलवाने में लग गये हैं. वित्ता मंत्री कह रहे हैं कि यह अफ़रा तफ़री लगभग एक महीने तक चलेगी. हालाँकि यह ज़्यादा दिन चलेगी. अगर उनकी ही बात मानलि जाय तब भी करोड़ो लोग महीने भर तक इसी काम में लगे रहेंगे. मीडीया भी कुछ और ना करके केवल साकार के काम में मीन मेख निकालने के चक्कर मे रहेगी. अफवाहों और खबरों का लगातार उत्पादन होता रहेगा. प्रधान मंत्री ने अपने भाषण में एकाधिक बार कहा कि इससे कला धन का ख़ात्मा हो जाएगा. लेकिन किस तरह कालाढान ख़त्म होगा यह बात स्मझ में नहीं आ रही नहीं है. बेरोज़गारों को खड़ा करवा के लोग नोट ना बदलवा लें इसलिय नोट बदलवाने वालों की उंगलियों में काली स्याही के निशान लगाए जेया रहे हैं. लेकिन लोगों के पास इस निशान को मिटाने के उपाय भी हैं. एक हज़ार के नोट बंद करवाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे काला धन ख़तम हो जाएगा. लेकिन सवाल तो यह गाई कि काला धन ख़तम हुआ कहाँ. यही नहीं सरकार को भी मालूम होगा कि अपने देश में काला धन नोटों के रूप में कितना रखा जाता होगा. इसका सबसे अच्छा तरीका तो ज़मीन और जेवर है. अर्थ शाश्त्र का नियम है कि अगर धन का वेग घटा दिया जाए तो वा अपना मूल्या खो देता है. यहाँ वेग से मतलब पैसे को बज़ार में घुमाने से है. वैसे हमारे देश के पैसे का मूल्य कम है. इसके अलावा काले धन को सफेद करने की योजनयों के ढेर लगे हैं. कोई भी थोड़ा सा दंड चुका कर जितना भी काला धन सफेद कर ले. वैसे भी टैक्स बचाने के तरीके तो रोज बढ़ रहे हैं. हाँ जाली नोटों पर इसका असर पड़ेगा यह अभी नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि जाली नोटों को लेने से बॅंक बस माना कर देते हैं. ऐसे में हर आँकड़ा ग़लत होगा. साथ ही आम नागरिक जाली नोट पहचानते नहीं और बॅंक लेंगे नहीं तो घटा उसे ही होगा जिसके पास वे नोट होंगे. अच्छा तो यह होता कि उन नोटों को बैंक जब्त कर लेते. यही नही 30 दिसमबार के बाद या कहें 31 मार्च के बाद पता चलेगा कि कितना असली था और कितना नकली. यह समय एक नये तरह के करप्शन को जानम देगा, देखना है सरकार इससे कैसे निपटती है. बदल दिए गये नोटों से सरकार को कितना लाभ होगा यह अभी कोई नहीं बता सकता, पर सरकार के विशेषज्या बताएँगे.काला धन को लेकर सरकार की फजीहत हो रही थी. इस कदम से प्रचार मे आसानी हो जाएगी. इससे करप्शन घटेगा नहीं, क्योंकि अटैची मे अब दोगुना नोट आयेगा.
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