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Wednesday, November 9, 2016

मोदी जी का आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक

मोदी जी का आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की देर शाम अचानक देश के नाम एक संदेश प्रसारित कर देशवासियों को चौंका दिया कि आधीरात से 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर हो जायेंगे। इस फैसले से देश में चार घंटे में 87 प्रतिशत करेंसी चलन से बाहर हो गयी। 15 लाख करोड़ के नोट बेकार हो गये। सरकार ने दो हजार के नोट आज से यानी 10 नवम्बर से बाजार में लाने की घोषणा की है। हालांकि यह व्यावहारिक नहीं लग रहा है। दो हजार के नोट पहली बार आ रहे हें। इसके पहले दस हजार के नोट थे जिन्हे 1978 में बंद कर दिया गया था। अभी 500 रुपए के 1650 करोड़ नोट चलन में हैं। यानी 8.25 लाख करोड़ रुपए। इसी तरह 1000 रुपए के 670 करोड़ नोट चलन में हैं। यानी 6.70 लाख करोड़ रुपए। पांच सौ के नोट अक्टूबर 1987 में चलन शुरू हुआ था। जबकि एक हजार रुपए का नोट नवंबर 2000 में वापस लौटा था। उस समय 

मुद्रास्फीति के कारण नोटों की संख्या को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा, 'कालेधन और जाली नोट के कारोबार में लिप्त देशविरोधी और समाज विरोधी तत्वों के पास मौजूद 500 और 1000 के पुराने नोट अब केवल कागज के एक टुकड़े के समान रह जाएंगे। ऐसे नागरिक जो संपत्ति मेहनत और ईमानदारी से कमा रहे हैं, उनके हितों और हक़ की पूरी रक्षा की जाएगी। ध्यान रहे कि 100, 50, 20, 10, 5, 2 और 1 रुपए के नोट और सभी सिक्के नियमित हैं और लेनदेन के लिए उपयोग हो सकते हैं। उसपर कोई रोक नहीं है'। प्रधानमंत्री की घोषणा के मुताबिक बुधवार को बैंक बंद रहेंगे। 10 नवंबर तक देशभर के दो लाख से ज्यादा एटीएम काम नहीं करेंगे। मंगलवार रात राष्ट्र के नाम संदेश में मोदी ने आह्वान किया कि  हमने काले धन के चोरों के लिए दरवाजे बंद कर दिए हैं। देश अब शुचिता की दिवाली मनाए। दीपावली के बाद ईमानदारी के इस उत्सव में आप बढ़चढ़कर भाग लें। प्रधानमंत्री ने कहा कि  “देश का ईमानदार नागरिक असुविधा तो चुनेगा लेकिन भ्रष्टाचार नहीं। ये देश की सफाई का अभियान है। ताकि हर नागरिक गर्व के साथ यह काम कर सके। दुनिया को दिखा दें कि भारत का नागरिक कितना ईमानदार है। कार्ड और चेक से लेनदेन पर असर नहीं पड़ेगा।” प्रधानमंत्री ने कहा, 'देशवासी 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट 10 नवंबर से लेकर 30 दिसबंर 2016 तक बैंक या डाकघर में जमा करवा सकते हैं। आपके पास लगभग 50 दिनों का समय है। नोट जमा करने के लिए अफरा-तफरी करने की कोई आवश्यकता नहीं है। 500 या 1000 हजार रुपए के नोटों को जमा करके अपनी जरूरत के अनुसार ले सकते हैं ।’ आरंभिक दिनों में खाते से धनराशि निकालने पर प्रतिदिन 1 हजार और प्रति सप्ताह 20 हज़ार की सीमा तय की गई है। ऐसा नए नोटों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए किया गया है। तत्काल आवश्यकता के लिए 500 और 1000 के पुराने नोटों को नए और मान्य नोटों के साथ 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक किसी भी बैंक प्रमुख और उप डाकघर के काउंटर से अपना पहचान पत्र आधार कार्ड, मतदाता, पैन कार्ड इत्यादि सबूत के रूप में पेश करके नोट बदल सकते हैं। 30 दिसंबर 2016 तककोई भी व्यक्ति  किसी कारणवश पुराने नोट अगर जमा नहीं कर पाए तो उन्हें बदलने का अंतिम अवसर 31 मार्च 2017 दिया जाएगा। ऐसे लोग रिजर्व बैंक के निर्धारित ऑफिस में अपनी राशि घोषणापत्र के साथ उस तिथि जमा करवा सकते हैं। आज भी यानी 10 नवंबर को एटीएम काम नहीं करेंगे। शुरू में एटीएम से प्रतिदिन और प्रतिकार्ड समयसीमा 2 हज़ार की होगी, फिर उसे बढ़ा दिया जाएगा। सरकार के इस फैसले से अर्थ व्यवस्था के कई क्षेत्रों में भारी प्रभाव पड़ सकता है। मसलन, निर्माण में और आभूषण बाजार में जहां नगदी लेन देन बड़े पैमाने पर होता है। यही नहीं शुरू के दिनों में रोजाना जरूरत के सामान , सड़कों पर खुदरा कारोबार करने वाले वेंडर , हॉकर इत्यादि भी प्रभावित होंगे। चर्चा है कि यह निर्णय बाबा रामदेव की मांग के दबाव में किया गया है क्योंकि वे पिछले साल से ही बड़े नोटों को निरस्त करने की मांग कर रहे थे। हालांकि यह भी खबर है कि पुणें की इंजीनियरों और चाटर्ड अकाउंटेंट्स की किसी संस्थ ने भी सरकार को बड़े नोट हटाने का प्रस्मताव दिया था। 

अगर प्रशासनिक पक्ष से देखें तो नोटों को रद्द किया जाना सरकार की प्रशासनिक दुर्बलताओं का परिणाम है। इसका दंड देशवासी भोगेंगे। विदेश से कालाधन वापस लाने के बड़े बड़े दावे कर के सत्ता में आयी सरकार अपने देश में जमा हो रहे कालेधन को भी रोक नहीं सकी। इसके अलावा जाली नोटों का कारोबार पर भी लगाम नहीं लगाया जा सका। जिन लोगों पर जाली नोट बनाने और देश में प्रवेश कराने का आरोप लग रहा है वे लोग दो हजार के नोट नहीं बनायेंगे तथा देश में नहीं लायेंगे इसकी क्या गारंटी है। 

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