बजट में कुछ भी खास नहीं
बजट के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका उद्देय गरीबों का हाथ मजबूत करना है। यह बजट गरीबों पर केंद्रित है साथ ही काला धन और भ्रष्टाचार मिटाने के संकल्प वाला है। हंगामे के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में बजट पेश करने की कार्यवाही शुरू की। वित्त मंत्री ने 2017-18 के लिए आम बजट प्रस्तावों को पेश किया। टैक्स स्लैब में बदलाव के जरिए मध्य वर्ग को थोड़ी राहत तीन लाख तक सालाना आमदनी पर कोई टैक्स नहीं। 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की सालाना आय पर 5 फीसदी टैक्स । पांच से 10 लाख की आय पर 20 फीसदी टैक्स। 10 लाख से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्स। 50 लाख से 1 करोड़ की सालाना आमदनी पर 10 फीसदी सरचार्ज। एक करोड़ से ज्यादा की सालाना आमदनी पर 15 फीसदी सरचार्ज। निवेश में छूट के लिए सीमा 1.5 लाख रुपये की गई।रेल भाड़े में ना कोई छूट दी गयी ओर ना कुछ बढ़ाया गया। अलबत्ता ई टिकट कटाने वालों को सर्विस टैक्स से छूट मिलने से रेल यात्रा कु सस्ष्ती तो हो गयी। हालांकि इस बजट में कोई ऐसा धमाका नहीं हुआ और ना ही कुछ ऐसा हुआा जिसकी सचमुच आलेचना की जाय। एक साधारण ओर नाकर्षक बजट इसे कहा जा सकता था। जैसी कि बजट से पहले उम्मीद थी कि पांच रायों में चुनाव को देखते हुये यह लोक लुभावन होगा पर वैसा भी कुछ नहीं हुआ। जहां तक राजनीतिक चहंदे से दान उगाहने की बात है तो उसे भी दो हजार तक नगदी की सीमा में बांध दिया गया। राजस्व की हानि की कुछ भरपायी करने के लिये सरकार ने 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये की आय वालों पर 10 प्रतिशत अधिभार लगाने की घोषणा की है इससे , वित्तमंत्री के अनुसार , 27 सौ करोड़ रुपयों की आय होगी। नोटबंदी के बाद मध्यवर्ग को उम्मीद थी सरकार कोई राहत देगी। सरकार ने आयकर 205 लाख से 5 लाख तक के आयकर दाताओं के जख्म पर हल्का मरहम लगाया है और 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। बजट में किसानों के लिये 10 लाख करोड़ के क्रेडिट का प्रावधान किया गया है। किसानों का 60 दिन का ब्याज माफ होगा। 40 फीसदी किसानों को कोऑपरेटिव सोसायटीज से क्रेडिट मिलेगा। फसल बीमा योजना में कवरेज को 40 प्रतिशत बढ़ाया गया। मिट्टी की परीक्षा के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों में मिनी लैब्स बनाने का प्रावधान किया गया है ताकि किसान वहां जाकर अपनी खेती की जमीन की मिट्टी का टेस्ट कर सकें। बजट में रेल सेफ्टी फंड के तहत पांच साल के लिए 1 लाख करोड़ मिलेंगे। लेकिन साथ ही सरकार गाइडलाइन बनाएगी ताकि इस फंड का इस्तेमाल हो सके। 2020 तक ब्रॉडगेज लाइन पर मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग खत्म कर दी जाएगी। यही नहीं 25 स्टेशनों का पुनर्विकास होगा। 7000 स्टेशनों पर सौर ऊर्जा का उपयोग होगा। साथ ही नई मेट्रो रेल पॉलिसी का एलान होगा ,नया कानून बनेगा जिससे निजी भागीदारी में मदद मिलेगी। देश में ढांचा गत सुधार के लिये 64900 करोड़ रुपए हाई-वे के लिए मंजूर किये गये हैं। वित्तमंत्री ने बताया कि 1,40,000 किलोमीटर सड़क बनी 2014 से 2016-17 के बीच और इसीके साथ ट्रांसपोर्ट के लिए 2,41,387 करोड़ रु. का बजट प्रावधान है। बजट में बताया गया है कि 3,96,135 करोड़ रुपए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए जाएंगे। इस बजट की सर्वाधिक आकर्षक घोषणा है कि सीनियर सिटीजन के लिए आधार बेस्ड स्मार्ट कार्ड बनेंगे जो उनकी सेहत का रिकॉर्ड रखेंगे।केंद्र सरकार ने एक बार फिर मनरेगा के बजट में बढ़ोतरी की है. वित्त मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए मनरेगा आवंटन को 48,000 करोड़ रुपये किया गया है। 2016-17 में यह 37,000 करोड़ रुपये था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले मनरेगा को कांग्रेस की यादगार विफलता का नमूना बता चुके हैं। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र, कृषि और अन्य सहायक क्षेत्रों के कुल व्यय को बढ़ाकर 1,87,223 करोड़ रुपये कर दिया है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष से 24 फीसदी ज्यादा है। वित्त मंत्री बताया कि सरकार ने आम बजट में मई 2018 तक 100 फीसदी गांवों का विद्युतीकरण करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के तहत कर्ज लौटाने का समय 15 साल से बढ़ाकर 20 साल कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा युवाओं को प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने स्कूलों में बच्चों के सीखने की स्थिति के आलकन के लिए व्यवस्था लाने और विदेश में रोजगार की तलाश करने वाले युवाओं के लिए कौशल विकास केंद्र खोलने का प्रस्ताव किया है। अरुण जेटली ने 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य सामने रखा। उन्होंने कहा कि इसी वित्त वर्ष से ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए महिला शक्ति केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा अगले चार साल में आर्सेनिक और फ्लोराइड से प्रभावित 28,000 गांवों को सुरक्षित पेयजल योजना के दायरे में लाया जाएगा। झारखंड और गुजरात में दो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थापित करने की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि महिलाओं और बच्चों से संबंधित योजनाओं के लिए बजट आवंटन 1.56 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.84 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा अनुसूचित जातियों से संबंधित योजनाओं के लिए 53, 393 करोड़ रुपये का बजट आवंटन हुआ है। कुल मिला कर यह बजट सादारण कहा जायेगा और इससे कोई उम्मीद नहीं जगती है। थोड़ा बहुत दिखाऊ बदलाव ही किया जा सका है। इससे शायद ही विकास को इच्छित गति मिले और मुद्रास्फीति कम हो।
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