CLICK HERE FOR BLOGGER TEMPLATES AND MYSPACE LAYOUTS »

Wednesday, February 8, 2017

मोदी जी ने नया रिकॉर्ड बनाया

मोदी जी ने एक नया रिकार्ड बनाया

कई बार ऐसा हिता है कि किसी कि कोई बात चुनिन्दा दोस्त्यो के बीच ठहाके पैदा कर देती है पर उस के बाहर वह बेअसर हो जाती हियो और खुद कहने वाले का मजाक बनने लगता है. ऐसे मौके आप सबके सामने  भी आये होंगे.प्रधानमन्त्री जी ने मंगल वर को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सरकार कि और से धन्यवाद  ज्ञापन करते हुए कुछ ऐसा ही कह दिया. मोदी जी ने इस महत्वपूर्ण और गरिमापूर्ण अवसर पर प्राकृतिक आपदा को  मजाक का जरिया बना कर विपक्सः के नेता पर फब्ती कासी और इससे केवल सत्तारूढ़ पक्ष ने ठहाके लगाए और मेजें थपथपाई. प्रधानमंत्री ने बात तो ऐसे शुरू कि की सोमवार कि रात में उत्तर बारात में आये भोकंप पर दुःख जताने वाले हैं. लेकिन दुःख के चन्द शब्दों के बाद उन्होंने साफ़ कर दिया कि दुःख के इन शब्दों को  कोंग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी का मज़ाक उड़ाने का बहाना बनाया गया था . एक अत्यंत विकृत विवृति के जरिये उन्होंने भूकंप कला दोष राहुल गांधी के माथे पर दाल दिया. मोदी जी ने कहा, “ आखिर भूकंप आ ही गया , मैं सोच रहा था की कैसे आया? धमकी तो बहुत पहले सुना था . कोई तो कारन होगा कि धरती माँ इतनी रूठ गयी होगी. उनका इशारा था संसद के पिछले सत्र में राहुल गांधी के बयान कि और. राहुल गांधी ने कहा था कि “ अगर वे बोलेंगे तो भूकंप आ जाएगा.” एक राजनीतिज्ञ द्वारा दूसरे पर फब्ती कसना सही है पर क्या वह प्राकृतिक आपदा के मूल्य पर. और वह भी ऐसी आपदा जो चार साल पहले के विनाशक भूकंप से जुडी हो. मोदी जी को अपनी बातों के मामले में गंभीर होना चाहिए. उत्तराखंड के मुख्य मंत्री हरीश रावत ने फौरन ट्वीट कर कहा कि “ उत्तराखंड में आये भूकंप का मजाक उड़ाने मोदी जी शर्म आणि चाहिए. “ पिछले दिनों मोदी जी ने उत्तर प्रदेश में एक चुनावी रैली को सम्बोधिक करते हुए कहा था कि स्कैम ( अंग्रेजी के चार अक्षर एस. सी . ए . एम. , जिसका हिंदी में अर्थग घोटाला होता है ) का मतलब एस से समाजवादी,  सी से कोंग्रेस , ए से अखिलेश और एम से मायावती. राहुल ने जवाब दियता था कि एस का अर्थ है सर्विस फॉर द पूअर यानी जनसेवा ,सी मतलब करेज यानि साहस, ए का अर्थ है एबिलिटी यानी योग्यता और एम का मतलब है मॉडेस्टी यानी गरिमा. मोदी जी ने लोकसभा में इसपर भी फब्ती कसी की “तब जाकर भूकंप आता है.” जब कोई सेवा का भाव देखता है , नम्रता का भाव देखता है तो केवल माँ ही नहीं धरती माँ भी दुखी हो जाती है. प्रधान मंत्री संसद में बोल तो रहे थे राष्ट्रपतिऊ के अभिभाषण पर दन्यवाद प्रस्ताव पर और विपक्ष बाधा उत्पन्न कर रहा था और प्रस्ताव के चन्द विन्दुओं कि आलोचना करते हुए  संशोधन की  मांग कर रहा था. ऐसा अक्सर होता है. संसद में उसपर बोलते हुए सरकार का काम होता है कि आलोचना के विन्दुओं का उत्तर दे. जो कार्य सरकार ने किये उसे दुबारा बताएं , लेकिन विगत 60 वर्षों में जो नहीं हुआ वह मादी जी कर डाला. इस तरह की बातें चुनावी सभाओं में की जाती हैं, संसद में नहीं. संसद कि बहस ख़ास विषय पर होती है. विषय केन्द्रित बहस को छोड़ कर बोलने का अर्थ होता है शब्दों  और विचारों में गंभीर विभ्रम पैदा करना. सदा पिछली सर्कार पर टीका टिपण्णी करने के जोम में मोदी जी यह भूल गए कि उनकी सरकार कि जिन कामयाबियों का ढोल वे अक्सर पीटते उसकी नीव , उसके तौर तरीके और अवधारणा  पिछली सरकारों ने ही तैयार की  थी. इससे तो यह भी पता क्व्हालता है कि मोदी सरकार में नए चिंतन या आइडिया का घोर अभाव है. ऐसा कलहे जाने पर मोदी जी कहते हैं कि इससे क्या होता है काम तो कर के हमने दिखाया. लेकिन मोदी जी यह भूलते हैं कि जिसका वे ढोल पीट रहे हैं वह सब उसी सरकार ने किया था. अब जैसे आधार कि ही बात लें. सब जानते हैं कि आधार कि शुरुआत पिछली सरकार ने ही की थी. राहुल गांधी के अलावा उन्होंने कई और विपक्षी नेताओ पर फब्तियां कासी हैं. मसलन, तृणमूल के कल्याण बनर्जी को कहा था  कि कल्याण जी आपका  सी आर ठीक हो रहा है आपका कल्याण हो जाएगा. मल्लिकार्जुन खड्गे को उन्होंने कहा था कि “ हमें कुत्तों कि तरह नहीं पला गया है .“ खडगे  ने एक चिठ्ठी लिखकर केवल यही कहा था कि “ गाँधी जी ने देश के लिए अपना जीवन कुर्बान किया , इंदिरा जी ने भी कुर्बानी दी, आपके यहाँ कोई है? एक कुत्ता भी तो नहीं आया आपकी तरफ से.” आम आदमी पार्टी  के  भगवंत मान   के बारे में अफवाह है कि वे शराबनोशी करते हैं. इसपर मोदी जी कहा था कि “ चार्वाक ने कहा था , जब तक जिओ घी पियो, भाई भगवंत मान होते तो कुछ और ही पीने को कहते.” यही नहीं मोदी जी कभी अपनी गलती मानते ही नहीं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है नोट बंदी का मामला . आर्थिक सर्वे में मना गया है कि नोट बंदी से हानि हुई है. मोदी बार बार कहते है कि इससे भ्रष्टाचार पर आघात हुआ है. “ पिछली सरकार कहती थी कितना गया मैं कह्त्या हूँ कितना आया.” मोदी जी त्रुटिपूर्ण राजनितिक हमले करने  और वास्तविकताओं को तोड़ने मरोड़ने में माहिर हैं. लेकिन जो कुछ उन्होंने संसद में कहा वह तो इतिहास में दर्ज हो जाएगा. 

0 comments: