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Friday, October 30, 2015

राजन की गिरफ्तारी से उठते सवाल


30 अक्टूबर
छोटा राजन को गिरफ्तार कर लिया गया है। मीडिया में सुर्खियां ही सुर्खियां इस खबर को लेकर। रॉ और कई एजेसियों को अपना करीबी सूत्र बताते हुये मीडिया में लिखा- कहा जा रहा है कि दाऊद को गिरफ्तार करने के लिये उसे इस्तेमाल किया जायेगा। एक धड़ा कह रहा है कि चूंकि वह अपनी सरकार को मदद करता था और दाऊद के लोग उसके पीछ थे इस लिये दऊद से जान बचाने के लिये अंदर करवा दिया। ये डान लोग अदृश्य ताकत-से होते हैं, जिन पर जितना लिखा-सुना जाता है, उतना सच होता है या नहीं. यह आम आदमी को शायद ही कभी पता चले, लेकिन वे होते जरूर हैं। 80 के दशक में जे एफ रिबेरो की एक किताब आयी थी ‘मुम्बई अंडरवर्ल्ड - फ्राम रामपुरी टू ए के 47।’ उसमें कहा गया है कि, तब अंडरवर्ल्ड जैसा कुछ नहीं था, बस चाकू-छुरे चला करते थे। वही चाकू-छुरे और कट्टे चलाने वाले संगठित होते चले गए तो अंडरवर्ल्ड जैसा कुछ बन गया। जो बना, उसमें बड़ा-सा रोल पुलिस का था और छोटा-मोटा रोल मीडिया का भी। मालूम नहीं क्यों, मीडिया ने 'भाई' को भाई ही लिखा, और पूरी दुनिया का 'भाई' बना डाला। फिर उसके खौफ को अपने कवरेज से कई गुना बढ़ा दिया। शायद तभी डॉन टाइप के लोगों को समझ आ गया था कि कुछ करो या न करो, मीडिया वालों को फोन ज़रूर घुमाओ। इस तरह मीडिया का इस्तेमाल शुरू हुआ।यह वह दूसरा चरण था दंतकथाओं, मीडिया और अंडरवर्ल्ड के रिश्तों का। इसके बाद एक नया दौर आया। जिसमें मीडिया का कुछ हिस्सा भी वैसे ही बंट गया, जैसे अंडरवर्ल्ड बंटा। कुछ लोगों को सिर्फ दाऊद एंड कंपनी के फोन आते और कुछ को छोटा राजन के। इस खेमेबाज़ी से पहले दाऊद और छोटा राजन दोनों अखबारों को प्रेस रिलीज़ भेजने जैसे प्रोफेशनल पीआर के काम में माहिर हो चुके थे। एक वह दौर भी आया, जब दाऊद और छोटा राजन जैसे लोग प्रेस के खास हिस्से को यह भी बताने लगे कि कैसे खबर छापनी है। इसके बाद टी वी का जमाना आया और दंतकथाओं वाले अपराधी ग्लोबल हो गए।जो अपराधी चंद लोगों का 'भाई' था, उसके पैर पूरे समाज में जम गये। राजन की गिरफ्तारी में ही कितना दिलचस्प वाकया हुआ। करीब दो महीने से दंत कथाओं की तरह दाऊद की कथाएं चारों तरफ घूम रहीं थीं , कोई उसका ताजा फोटो छाप रहा था तो कोई पाकिस्तान में उसके पड़ोसी रह चुके आदमी का बयान यछाप रहा था, खबरों का एक टेंपो था और इसी टेंपो में इंडोनेशिया के बाली में छोटा राजन उर्फ राजेंद्र सदाशिव निखलजे नाम का एक भगोड़ा पकड़ा गया है जिसका पासपोर्ट नंबर जी-9273860 है। इसके बारे में उन्हें कैनबरा पुलिस ने जानकारी दी थी। बताया जाता है कि राजन के पास से इसके अलावा दो और पासपोर्ट मिले हैं। इनमें से एक पासपोर्ट सिडनी में बना जिस पर उसका नाम मोहन कुमार लिखा है। एक टी वी चैनल का दावा है कि गिरफ्तार राजन ने बताया है कि वह किसी से नहीं डरता जबकि बाली पुलिस कह रही है कि वह बहुत डरा हुआ है। बाली के पुलिस कमिश्नर रीनहार्ड नैंगोलन का कहना है कि , 'राजन को मीडिया से दूर एक थाने में रखा गया है और वह काफी घबराया हुआ है। वह डरा हुआ लग रहा है। लगातार सिगरेट पिये जा रहा है। वह कह रहा है कि उसकी पत्नी और पिता मर चुके हैं और इसलिए वह भारत नहीं जाना चाहता। हालांकि , सी बी आई का कहना है कि राजन की पत्नी सुजाता निकलजे अभी जिंदा है। बताया जाता है कि कुछ साल पहले तक छोटा राजन की भारत के मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से काफी निकटता रही है। सन 2005 में मुंबई पुलिस ने राजन के दो साथियों विकी मलहोत्रा ओर फरीद तानाशाह को जब गिरफ्तार किया था तब डोभाल उनके साथ थे। राजन पर कई अपराधिक मामले दर्ज हैं। हालांकि, अब डोभाल खुफिया अधिकारी नहीं हैं, जो गोपनीय ढंग से काम कर सकें। वे अब देश के सुरक्षा तंत्र का चेहरा हैं। हालांकि डोभाल साहब के बारे में कहा जाता है कि वे दाऊद के बारे में रणनीत बना रहे हैं। मीडिया में दाऊद संबंधी दस्तावेज जारी करके पाकिस्तान पर दबाव डालने की कूटनीति की अपनी सीमा है, जैसा कि भारत-पाक के बीच एनएसए स्तर की वार्ता रद्द होने से जाहिर होता है। शासन कला में शोर कम, ठोस कार्रवाई की ज्यादा जरूरत होती है। यह प्रचार की ऐसी लड़ाई नहीं हो सकती, जो कड़ी बातें करके केवल अपनी जनता को संतुष्ट करने के लिए हो। भारतीय एजेंसियों से भी राजन की नजदीकियां रही हैं। ऐसे में इंडोनेशिया में उसकी अचानक गिरफ्तारी स्वाभाविक रूप से प्रश्न पैदा करने वाली है।भारत के फरार मुजरिम छोटा राजन की जो ताजा तस्वीरें सामने आई हैं उनमें वह बाली पुलिस की गिरफ्त में होने के बावजूद मुस्कराता हुआ दिखाई दे रहा है। यह तस्वीरें खुद ही कुछ कहने की कोशिश कर रही हैं। जिसकी कई सालों से तलाश थी उसकी इतनी आसानी से गिरफ्तारी हैरत में डालने वाली है। यहां राजन से जुड़ा एक सवाल भी है कि कैसे मुम्बई गोदी में तस्करी करने वाला अपराधी अंतरराष्ट्रीय अंडरवर्ल्ड डॉन हो गया। अपराधशा​​िस्त्र​यों के लिये यह शोध का विषय है।

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