जाधव मामले में पाकिस्तान भारत को उकसा रहा है
पाकिस्तान का कहना है कि कुलभूषण जाधव पर कई मामले हैं जिनमें आतंकवाद, तोड़फोड़ और जासूसी भी शामिल हैं। पाकिस्तान का यहभी कहना है कि जाधव जासूसी के माध्यम से उपद्रव फैला कर पाकिस्तान-अफगान संबंधों को बिगाड़ने की साजिश की साजिश में लगा था। यही मामला वहां की सैनिक अदालत में भी चल रहा है। जाधव की क्षमा याचिका सैनिक अदालत के पास पड़ी हुई है। इस बीच पाकिस्तान ने. अपने देश के एक मशहूर अखबार के यह खबर उड़वा दी । इससे सैनिक अदालत और अंतरराष्ट्रीय अदालत में विचाराधीन मामला सार्वजनिक हो गया।
अखबार ने कहा है कि पाकिस्तान ने इस मामले में 13 भारतीयों से पूछताछ करने की मई 2017 में अनुमति मांगी थी। उस समय अंतरराष्ट्रीय अदालत में इस मामले पर सुनवाई चल रही थी। भारत ने अर्जी दी थी जाधव को फांसी नहीं दी जाए। पाकिस्तान के वकील ने पहली बार यह बताया पाकिस्तान ने इस मामले में जांच के लिए 13 भारतीयों से पूछताछ की इजाजत मांगी थी।
इस मामले के कागजातों को देखने पर यह पता चलता है कि पाकिस्तान ने कूटनीतिक टिप्पणी के साथ जनवरी 2017 में भारत को दी थी। जिसमें 13 लोगों के नामों की सूची भी थी ।भारत ने ऐसी कोई इजाजत नहीं दी।अदालत में इस नोट की एक प्रति भी दी गई थी। हालांकि दोनों देशों ने यह नहीं बताया कि किन तीन लोगों से पूछताछ की जाने वाली थी ।लेकिन अखबार ने लिखा कि उन 13 लोगों में भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का भी नाम था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि भारत की खुफिया विभाग के पूर्व महानिदेशक को भी इस सूची में शामिल किया गया था। इनके अलावा भारतीय खुफिया विभाग के अधिकारी, बैंक अधिकारी और पासपोर्ट अधिकारी भी के भी नाम थे। पाकिस्तान में दूसरी बार इस मामले में डोभाल का नाम जोड़ा गया। पहली बार जब मार्च 2016 में पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी की घोषणा की तब जानबूझकर डोभाल का नाम जोड़कर भारत को भड़काने की कोशिश की गई । अखबार के रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत ने इन 13 लोगों से पूछताछ करने की अनुमति नहीं दी। इस पूरे दुष्प्रचार का लाभ पाकिस्तान को यह मिलने वाला था कि दुनिया भर में यह संदेश जाय कि बलूचिस्तान और पाकिस्तान के अन्य भागों में तोड़फोड़ की गतिविधियों में भारत शामिल है । सोचा भी नहीं जा सकता है कि भारत ऐसा कर है। इसलिए जब जाधव को भारतीय कूटनयिकों से मिलने की अनुमति की याचिका दी गई थी तो उस समय भी पाकिस्तान ने बदले में 13 लोगों से पूछताछ वाली शर्त रखी । लेकिन भारत ने साफ मना कर दिया। पाकिस्तान ने यह खबर उड़ाई है कि जाधव नौसेना अधिकारी था और ड्यूटी पर तैनात था । लेकिन कौन बताए कि ड्यूटी पर तैनात अधिकारी इतनी लंबी अवधि तक, लगभग 5 वर्ष तक, बाहर नहीं रह सकता। इसलिए जाधव रिटायर्ड अधिकारी था या सेवारत अधिकारी था, महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान क्यों इस स्थिति का लाभ उठा रहा है ? पाकिस्तान चाहता है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को गहरा आघात पहुंचे। यह प्रचारित हो जाए कि पाकिस्तान में तोड़फोड़ में भारत शामिल है । इसीलिए बीच बचाव की कोई बात नहीं सुनी जा रही है । पाकिस्तान का कहना है कि अगर जाधव अवकाशप्राप्त अधिकारी था तो उसके पेंशन जमा किए जाने का हिसाब-किताब अदालत में पेश किए जाएं । जाधव पर जो मुकदमे चल रहे हैं वह चाहे आतंकवाद से संबंधित हो या तोड़फोड़ से या जासूसी से सब के सब सेना की अदालत में चल रहे हैं और सेना की अदालत एक तरह से कंगारू अदालत है। जिसकी कोई विश्वसनीयता नहीं है । यहां सवाल उठता है हाल में बैंकॉक में भारत के सुरक्षा सलाहकार और पाकिस्तान के सुरक्षा सलाहकार की मुलाकात और बातचीत हुई थी ऐसी स्थिति में पाकिस्तान क्यों चाहता है कि भारत के सुरक्षा सलाहकार पर कीचड़ उछाल सके..। कारण स्पष्ट है कि भारत के सुरक्षा सलाहकार को दुनिया की नजर में संदेहास्पद बनाकर वह दुनिया के सामने फरियादी बन जाय। अमरीका- पाकिस्तान या अफगान पाकिस्तान संबंधों में तनाव है उसका फोकस भारत की ओर हो जाएगा। यही नहीं ,पाकिस्तान चाहता है कि भारत इस प्रोपेगंडा से उत्तेजित हो कोई कार्रवाई कर बैठे जिसे वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेकर घूम सके। पाकिस्तान की कोशिश है कि भारत भड़क उठे । इस कोशिश को कामयाब करने के लिए और तरह-तरह की साजिश रच रहा है।
Monday, February 12, 2018
जाधव मामले में पाकिस्तान भारत को उकसा रहा है
Posted by pandeyhariram at 7:47 PM
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