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Sunday, September 9, 2018

ट्रेनों और रेलवे ढांचों पर व्यापक हमले की योजना

ट्रेनों और रेलवे ढांचों पर व्यापक हमले की योजना

आतंकियों  को अब सोने से की जा रही है फंडिंग

हरिराम पाण्डेय

कोलकाता : कठुआ कांड को बहाना बना कर भारत में उपद्रव के लिये लश्कर- ए - तैयबा और बंगलादेश के जमायत- उल - मुजाहिदीन ने मिलकर  अगले महीने के बाद से  रेलों पर हमले करने की योजना बनायी है। इस कांड का उपयोग केवल भारत के अल्प संख्यक समुदाय की भावनाओं को भड़काने के लिये किया जा रहा है। बंगलादेश के एन एस आई और रैपिड एक्शन बटालियन के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इसके लिये बंगाल और अन्य राज्यों में जो उनके गुप्त संगठन हैं उन्हें तैयार रहने को कहा गया है। 

  ढाका के पोस्टऑफिस पाड़ा से गत दो अगस्त को गिरफ्तार जे एम बी के तीन सदस्यों ने पूछताछ के दौरान बताया कि जे एम बी आई के नाम से भारत में इसकी शाखा का  गठन हो चुका है। इसका मुख्यालय कोलकाता के आस पास ही है लेकिन  कहां है यह बताने में सूत्रों ने असमर्थता जाहिर की है। इन्हीं गिरफ्तार लवोगों से पूछताछ से पता चला है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक जगह जगह ट्रेनों पर रेलवे ढांचे पर हमले किये जा सकते हैं। एन एस आई के सूत्रों के अनुसार इसकी सूचना भारत सरकार को दे दी गयी है।   

इसमें सबसे विचित्र तथ्य यह है कि सारी गतिविधियों के लिये अब फंडिंग रुपयों से नहीं सोने से की जा रही है। अब तक यह सब  रुपयों से होता था अब सोने और हीरे दिये जाते हैं क्योंकि भारतीय मुद्रा को अंतरराष्ट्रीय बाजार में चलाना कठिन होता है।  बंगलादेश के रैपिड एक्शन बटालियन के एक उच्च पदस्थ अधिकारी के मुताबिक सोने को भारत में तस्करी द्वारा पहुंचाया जाता है। इसका केंद्र कोलकाता का बड़ाबाजार और आसपास के क्षेत्र हैं। यहीं से सोने की छड़ें दूसरे आकार में ढाल कर अन्य स्थानों में पहुंचायी जाती है। सूत्रों के मुताबिक बंगलादेश -भारत सीमा से सटे बेनापोल में जब सोने की आमद बढ़ी और तस्कर पकड़े जाने लगे तो यह राज खुला। 

कैसे होती है तस्करी 

सोना नेपाल और बंगलादेश के जरिये कोलकाता पहुंचता है। नेपाल और भारत सीमा पर सुस्ता में बहुत से लोग दोहरी नागरिकता के हैं। 71 हजार वर्गमीटर में बसे ये 800या 900 लोग भारत तथा नेपाल दोनों देशों के नागरिक हैं।सोना यहां तक बिना किसी अवरोध के पहुंच जाता है और उसके बाद वहां से कुछ लोग उसे लेकर वाल्मीकिनगर पहुंचा देते हैं जहां से सोना रेल मार्ग या सड़क मार्ग से कोलकाता आ जाता है। 

    उधर बंगलादेश के चटगांव में दुबई और संयुक्त अरब अमीरात से कुछ लोग सोना लाते हैं। विगत 4 सितम्बर को बेनापोल में 11.5 किलोग्राम सोने के साथ पकड़े गये 5 तस्करों के अनुसार वे यहीं के रहने वाले हैं और उन्हें चटगांव से फोन आता है और एक पता बताया जाता है। जहां जाकर वे अपनी चप्पलें खोल देते हैं और वहां उनहें नये जूते दिये जाते हैं और उन्हें भारतीय सीमा में किसी जगह का पता दिया जाता है साथ में आाठ हजार रुपये भी दिये जाते हैं।  उन जूतों को पहन कर वे भारतीय सीमा में प्रवेश कर जाते हैं  और बताये गये पते पर पहुंच जाते हैं। जहां उनसे जूते ले लिये जाते हैं और उन्हें सात हजार रुपये और दिये जाते हैं। यानी एक बार आने जाने में एक आदमी को 15 हजार रुपयों की आमदनी है।  सप्ताह में दो बार आना जाना होता है।  इस तरह से  महीने के लाख रुपयों की आमदनी हो जाती है। लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि एक ग्रुप लगभग 90 किलो सोना आतंकवादियों को देने के लिये कोलकाता पहुचाता है। सूत्रों मुताबिक ऐसे कई ग्रुप सक्रिय हैं। इस तरह से अगर महीने में  100 किलो सोना भी कोलकाता आता है तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी बड़ी साजिश चल रही है।   

     

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