मोदी भक्तों के हाथ के तोते उड़ गये
अंत में बाजी राहुल गांधी के हाथों में आ गयी। यदि कांग्रेस अध्यक्ष हर चुनावी पराजय के बाद अपने विरोधियों को खुल कर खेलने तथा उपहास करने के मैदान छोड़ जाते थे इस बार वे टिक गये और ताल ठोंकने लगे। बीएस येदियुरप्पा ने विधान सभा में हार मानने के चंद मिनट पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इसमें राष्ट्र गान बजाया गया और जिसमें भाजपा के विधायकों द्वारा सदन को त्यागने के लिए उनपर छींटाकशी हुई। राहुल गांधी ने जनता को यह बताने का प्रयास किया कि किस तरह " राष्ट्रवादी पार्टी " ने राष्ट्रगान का अपमान किया। उसकी कथनी क्या है और करनी क्या है। यहां आ कर भाजपा फंस गयी और उससे कोई उपाय नहीं सूझ रहा था। यहां तक कि उसके परम भक्तों की भी बोलती उस समय बंद थी जब यह बताया जा रहा था कि किस तरह इसी पार्टी ने एक समय राष्ट्रगान पर बहस के दौरान कितना बवाल खड़ा किया था। उन्होंने कहा कि यह व्यवहार और विचारधारा की लड़ाई जो हम लड़ रहे हैं।"राहुल गांधही ने कहा कि पूरी योजना बना कर भाजपा के विधायकों और स्पीकर ने राष्ट्रीय गान से पहले सदन को छोड़ने का अवसर चुना? इससे यह पता च्9ालता है कि वे अगर सत्ता में हैं तो किसी भी संस्था का अपमान कर सकते हैं, बीजेपी और आरएसएस दोनों में अपमानजनक संगठन हैं। उन्होंनें आगे कहा कि प्रधान मंत्री (श्री मोदी) कहते हैं कि वह भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं, लेकिन "वह खुद भ्रष्टाचार हैं।"राहुल गांधी ने कहा, "मुझे आशा है कि बीजेपी और आरएसएस एक सबक सीखेंगे कि देश की इच्छा का अपमान नहीं किया जा सकता है।"
मीडिया ने 2019 के लोकसभा चुनावों की बड़ी लड़ाई की शुरुआत के बारे में अपनी सामान्य गतिविधि शुरू कर दी थी क्योंकि सबको सहज ही अनुमान था कि भाजपा ही जीतेगी पर राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी की पकड़ से लोकतंत्र को बचाने के लिए बहुत सावधानी से उस अनुमान को गलत साबित कर दिया। असामान्य रूप से आक्रामक मनोदशा में, पहली बार कांग्रेस के अध्यक्ष ने मोदी जी बखिया उधेड़ दी। "नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार" से लड़ने के लिए अपनी पार्टी के कार्यकर्तओं और जेडी (एस) को बधाई देते हुए राहुल ने कहा कि उन्हें "गर्व है कि विपक्ष एक साथ खड़ा हुआ है और उसने भाजपा को हराया है"। ऐसा लगता है कि राहुल गांधी , उन सभी संभावित अपमानजनक भविष्यवाणियों का उत्त्त्तर देने के लिये तैयार थे ,जिसके जरिये विरोधियों ने उन्हें पहले ही ढेर कर देने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा, "प्रधान मंत्री मोदी भ्रष्टाचार के बारे में बात करते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि प्रधान मंत्री मोदी एक तरह से खुद भ्रष्टाचार है।" उन्होंने कहा कि "विधायकों की खरीद सीधे नई दिल्ली द्वारा अधिकृत थी"। राहुल ने ऑडियो क्लिप का जिक्र किया था जिसमें येदियुरप्पा सहित भाजपा नेताओं द्वारा विधायकों की खरीद का आरोप लगाया गया था। राहुल गांधी ने कहा ,"मुझे यह कहते हुए गर्व है कि भारत में, शक्ति सबकुछ नहीं है, पैसा सबकुछ नहीं है ... लोगों की इच्छा ही सब कुछ है।" भाजपा, जिसे कर्नाटक के गवर्नर ने बुधवार को 104 सीटों पर सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था, बहुमत के आठ से कम थी। शनिवार को, येदियुरप्पा ने स्वीकार किया कि उनकी पार्टी आवश्यक संख्या जुटाने में विफल रही है। आने वाले दिनों में कर्नाटक के विकास पर सभी आंखें टिकी होंगी और एक बात निश्चित रूप से है - कोई भी राहुल गांधी की राजनीति में उपस्थिति को चुनौती नहीं देगा। निश्चित रूप से कांग्रेस अध्यक्ष, अगला "तूफान" हैं।
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