CLICK HERE FOR BLOGGER TEMPLATES AND MYSPACE LAYOUTS »

Sunday, December 23, 2018

गांधी परिवार का नाम लेने  के लिए मिशेल पर बढ़ते जा रहे हैं दबाव

गांधी परिवार का नाम लेने  के लिए मिशेल पर बढ़ते जा रहे हैं दबाव

हरिराम पाण्डेय
अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी हेलीकॉप्टर की खरीद में घोटाले मैं कथित दलाल क्रिश्चन मिशेल सीबीआई ने दुबई से प्रत्यर्पित किया यह प्रत्यर्पण राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत दोवाल की देखरेख में हुआ। लेकिन, जिस उद्देश्य से यह किया गया वह पूरा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है और क्रिश्चियन मिशेल पर लगातार दबाव बढ़ रहा है कि वह गांधी परिवार का नाम ले ले। फिलहाल वह तिहाड़ जेल में है और उसे 28 दिसंबर तक हिरासत में भेजा गया है।
      अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले सामने रखकर  भाजपा  लंबी चाल चलने वाली थी, वरना क्या कारण थे कि मिशेल का प्रत्यर्पण 19 नवंबर को मंजूर हो गया था और उसे 4 दिसंबर को दुबई से एक विशेष विमान से भारत लाया गया। जबकि बड़े-बड़े आतंकवादियों को भी कमर्शियल एयरलाइंस से लाया जाता है। 
      सन्मार्ग ने कुछ ऐसे विवादास्पद कागजात भी देखे हैं जिसमें देश के कुछ बड़े राजनीतिज्ञों के नामों के पहले अक्षर हैं और इसी ने मौजूदा राजनीतिक वातावरण में मिशेल को मोहरा बना दिया है। यह दस्तावेज कथित रूप में बताते हैं कि भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी गई है। जिनमें राजनीतिज्ञ भी हैं। यह रिश्वत कुल मिलाकर 3 करोड़ यूरो के बराबर थी। जो शुरुआती अक्षर से उनके अनुसार कुछ ऐसे बनते हैं नाम:
ए एफ - एयर फोर्स अधिकारी -पच्चीस लाख यूरो 
बी यू आर- ब्यूरोक्रेट्स ,जेएसए- ज्वाइंट सेक्रेट्री एयर फोर्स, सीवीसी - सेंट्रल विजिलेंस कमिशन-  30 लाख यूरो 
एफएएम यानी फैमिली यानी गांधी परिवार-  1.6 करोड़ यूरो ।
हालांकि इटली की अदालत ने इस सबूत को मानने से इनकार कर दिया है। यही सबूत भारत में मिशेल को महत्वपूर्ण बना रहे हैं और हो सकता है आने वाले दिनों में इसी को अफवाह बनाकर उड़ाया जाए । 
    राज्यों के चुनाव कुछ दिन पहले 4 दिसम्बर 2018 को हुए  इस प्रत्यर्पण ने अब मोदी जी को निराश करना शुरू कर दिया है। जिस दिन मिशेल को लाया गया उसके ठीक एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इलेक्शन रैली को संबोधित करते हुए घोषणा की कि मिशेल मैडम सोनिया गांधी सहित गांधी परिवार के राज  खोलने वाला है। मोदी जी ने कहा कि क्रिश्चियन मिशेल अब उस डायरी के बारे में बताएगा इसमें सोनिया गांधी का नाम है आप लोग मैडम सोनिया गांधी के  पत्र के बारे में जानते ही होंगे ।जब हम सत्ता में आए तो हमने फाइल को खोजा और उसके राजदार को खोजना शुरू किया और अंत में पकड़ लिया। मोदी जी ने यह बात 5 दिसंबर को कही थी।उसे 14 दिन की हिरासत में भेज दिया गया था और इन 14 दिनों में मिशेल ने गांधी फैमिली और न कांग्रेस पार्टी के किसी नेता का कोई नाम नहीं लिया। मोदी जी ने उसी रैली में कहा था कि मिशेल "नामदार" के मित्रों सेवा करता है। सरकार  उसे भारत ले आयी है और अब यह "राजदार" सभी राज को खुलेगा । मालूम नहीं यह कहां तक जाएगा।
           लेकिन सरकार की इन अपेक्षाओं के विपरीत मिशेल ने हिरासत के दौरान गांधी परिवार के किसी भी सदस्य का नाम लेने से इंकार कर दिया कि उसने हेलीकॉप्टर सौदे में  रिश्वत दी थी ऐसा लगता है कि मिशेल का प्रत्यर्पण गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी को डराने के लिए किया गया था कई लोग तो प्रत्यर्पण किस समय पर भी उंगली उठा रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा कांग्रेस को चुनाव के दौरान बदनाम कर राजनीतिक लाभ उठाना चाह रही है लेकिन ऐसा तभी संभव होता जब मिशन में कोई नाम दिया होता लेकिन भाजपा निराश हो गई दलाल ने कोई नाम नहीं लिया अब वही स्थिति यह है की मिशन के कुछ नहीं कहने के कारण कांग्रेस पार्टी ने ताल ठोकना शुरू कर दिया कि कांग्रेस ने खुद ही अगस्ता वेस्टलैंड के मामले में मुकदमा शुरू किया था और अब भाजपा यह सब इसलिए कर रही है कि वह खुद को पांच राज्यों में पराजित होता हुआ पा रही है। चुनाव के बाद परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आए।
        
सन्मार्ग की खोज के मुताबिक मिशेल को भारत के अनुरोध पर 8 अक्टूबर 2016  को ही गिरफ्तार कर लिया गया था और उसने दुबई में अभियोग पक्ष को बयान दिया था कि " उसने मनमोहन सिंह के जमाने में भारत में काम किया था और तब तक करता रहा था जब 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी।" उस पर आरोप लगाए गए कि वह एक बार पिछली सरकार के हेलीकॉप्टर सौदे में जुड़ा था बाद में जब उससे पूछा गया कि क्या खरीद के बारे में फैसला करने वालों को रिश्वत दी गई थी तो मिशेल ने कहा कि "मेसर्स ग्लोबल सर्विसेज और मेसर्स इंटरनेशनल ट्रेडिंग कंपनी को 7 करोड़ यूरो की रिश्वत दी गई थी।" मिशेल ने दुबई में जन अभियोजक की जांच के दौरान कहा कि "वह अब भी अपने बयान पर कायम है कि उसने मनमोहन सिंह सरकार के साथ काम किया था और उस पर आरोप लगाए जा रहे हैं। मुझ पर यह मामला इसलिए चल रहा है कि मैं पिछली सरकार के खिलाफ बयान दूं। यह सौदा बिना किसी दलाली के हुआ था या मैंने किसी को रिश्वत नहीं दी थी और मैं भारत में किसी कंपनी शाखा में काम नहीं करता था। जब हेलीकॉप्टर की उड़ान की ऊंचाई को 6000 मीटर से घटाकर 4000 मीटर किया गया तब शायद मैं इंग्लैंड की कंपनियों के शाखा में काम करता था। मिशेल ने  यह भी कहा है कि उसके खिलाफ यह मामला पहले भी भारत सरकार ने दायर किया था और इटली तथा स्विजरलैंड की सरकारों ने भी भारत के कहने पर यह मुकदमा शुरू किया था।
       अभी पता चला है  भारत सरकार उस पर दबाव दबाव डाल रही है कि वह गांधी परिवार का नाम ले ले और इसके लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं । जो पता चला है उसके मुताबिक उसने अभी तक कबूल नहीं किया है।

0 comments: