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Sunday, December 9, 2018

मिशेल भाजपा के लिए लाभदायक हो सकता है

मिशेल भाजपा के लिए लाभदायक हो सकता है

2014 में भ्रष्टाचार ने मनमोहन सिंह की सरकार को गिरा दिया अन्ना हजारे ने इसकी आग सुलगाई थी । यूपीए सरकार के शासनकाल में जो भ्रष्टाचार हुए उसके कारण उपजे जनता के गुस्से ने नरेंद्र मोदी को ऐतिहासिक विजय दिलाई । 5 वर्ष तक नरेंद्र मोदी यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार की परछाईं से जूझते  रहे और अब धीरे-धीरे उनकी साख खत्म हो रही है। 2जी घोटाला, कॉमनवेल्थ घोटाला, कोलगेट ,एयरसेल- मैक्सिस घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला इत्यादि। इन सारे घोटालों के अपराधी अभी खुला घूम रहे हैं और सरकार उनका कुछ नहीं बिगाड़ पा रही है। भाजपा ने अपना सिर खुद नोच कर घायल कर लिया है और उस पर विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे लोग के भागने या भगाने की घटना नमक छिड़क रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले मोदी की छवि धुंधली होती जा रही है। ऐसे में  अब संयुक्त अरब अमीरात से क्रिश्चियन मिशेल को प्रत्यर्पित कराया गया है। देखना है कि यह घटना मोदी जी की साख को कितना बचा पाती है। मोदी जी के लिए मिशेल एक बेहतरीन शिकार है। इसके तीन कारण हैं। पहला कि वह गांधी परिवार से बिल्कुल जुड़ा हुआ है। क्रिश्चियन मिशेल का बाप  वुल्फगैंग मिशेल हथियारों का कुख्यात व्यापारी था। उसकी मृत्यु 2012 में हुई । उसी ने लुटियंस के गलियारों में डोरे डाले । यह घटना 1980 की है और कहा जाता है कि वह गांधी परिवार से बिल्कुल निकट था। 2003 में सीनियर मिशेल ने भारत को नागरिक विमान बेचने का वैधानिक सौदा किया। दस्तावेज बताते हैं कि उसका लेन-देन फ्रेंच सरकार की उस कंपनी से भी था जो मिराज युद्धक विमान का इंजन बनाता है । दूसरी बात कि मिशेल को लाया जाना मोदी जी के लिए चुनावी फायदा लाएगा। क्योंकि यह सब को दिखेगा कि उन्होंने एक अपराधी को प्रत्यर्पित किया है और वह भारतीय जेल में है। इससे जनता के बीच संदेश जाएगा कि सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को सजा देने के प्रति गंभीर है। यहां तक की जिन लोगों के संबंध बड़े-बड़े भारतीय राजनीतिज्ञों से हैं उन्हें भी नहीं बख्शा जा रहा है।  तीसरा कि मिशेल को दुबई से लाया गया है ।यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है । क्योंकि अमीरात अपराधियों को शरण देने के लिए विख्यात है। जिस भी अपराधी को दुनिया भर में कहीं जगह नहीं मिलती थी उन्हें दुबई में जगह मिल जाती थी। यह भारत की कूटनीति और खुफियागिरी की विजय मान जाएगी। इससे उन आतंकियों और आर्थिक अपराधियों में भी डर व्याप जाएगा जो अब तक अमीरात को एक सुरक्षित जगह मानते थे।
         3600 करोड़ के अगस्तावेस्टलैंड केस का असर अदालतों के माध्यम से चारों तरफ पड़ेगा और माल्या ,चोकसी और नीरव मोदी के प्रति भी एक जागरूकता आएगी। सुनने में आया है कि माल्या मामले को सलटाना चाहता है। माल्या ने लगभग 5 साल तक किंगफिशर के कर्मचारियों को तनख्वा नहीं दी थी वह माल्या अब सारे बकायों को सलटाना  चाहता है। नीरव मोदी और चोकसी का मामला थोड़ा जटिल है । दोनों ने धोखाधड़ी से उद्यम तैयार किए । उन्होंने सोची-समझी स्कीम के तहत घोटाला किया और कई वर्षों तक यह चलता रहा ।इन दोनों को प्रत्यर्पित करना एक चुनौती होगी और मिशेल के लौटने के बाद यह हमेशा डरे -डरे से रहेंगे । मोदी जी 2019 के लोकसभा चुनाव में मिशेल मामले को पूरा उछालेंगे लेकिन मिशेल को सजा देना सरल नहीं होगा। सवाल है कि  क्या भारतीय जांचकर्ताओं के पास ठोस सबूत हैं? क्या ऐसे सबूत हैं जो अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मामले में सोनिया गांधी और अहमद पटेल जैसे राजनीतिज्ञों को दोषी साबित कर सकते हैं? अब तक सीबीआई एक हस्तलिखित रिकॉर्ड पर भरोसा कर रही है। वह ग्वीडो हश्के के हाथों का लिखा है। वह अगस्तावेस्टलैंड कंपनी कलाकार है। जिस हस्तलिखित रिकॉर्ड के बारे में कहा जा रहा है उसमें  सारी बातें संकेत में लिखी हुई हैं। मसलन "एपी" यानी अहमद पटेल इत्यादि। यह सबूत अदालत में शायद ही  टिक सके । मिशेल एक ब्रिटिश नागरिक है और उसके हाथ बहुत लंबे हैं । उधर करप्शन के मामलों में सजा दिलाने में सीबीआई का बहुत अच्छा रिकॉर्ड नहीं रहा है। हालांकि अगस्तावेस्टलैंड मामले में मामला कुछ दूसरा है। क्योंकि यह सीधा गांधी परिवार के चौखट तक जाता है । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अभी कुछ दिन पहले मोदी जी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला उठाने के लिए राफेल डील का मसला उठाया था । राफेल सौदा एक गुब्बारा है जिसे कांग्रेस ने उड़ाया था। इसमें रिश्वत के या दलाली के कोई विश्वसनीय सबूत नहीं है। अलबत्ता स्थितिजन्य सबूत हैं जिससे  लगता है कि भारतीयों को दलाली दी गई है। सीबीआई की हिरासत में 5 दिन गुजारने के बाद मिशेल 10 दिसंबर को यानी सोमवार को अदालत में पेश होगा और इसे पुनः हिरासत में भेज दिया जाएगा और यह चुनाव के लिए भाजपा के पास एक बेहतरीन मसाला हो जाएगा।

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