जब से कश्मीर में धारा 370 खत्म की गई है तब से पाकिस्तान में छटपटाहट है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से देखकर इस्लामाबाद के वार रूम तक पाकिस्तान की छटपटाहट देखी जा सकती है। कभी वहां के रक्षा मंत्री 200 - 250 ग्राम के परमाणु बम दिखाते हैं तो कभी वहां की सेना नियंत्रण रेखा पर कवर फायर देकर आतंकवादियों को भारत में घुसाने का प्रयास करती है। अभी रविवार को समाप्त हुए सप्ताह की ही बात है कि पाकिस्तानी सेना ने कई बार नियंत्रण रेखा पर भयंकर फायरिंग की उसका इरादा था इस फायरिंग के पर्दे में आतंकवादियों को कश्मीर में घुसा दिया जाए। परंतु ऐसा नहीं हुआ भारतीय सेना सतर्क थी। उसने पाकिस्तानी कार्रवाई का करारा जवाब दिया। रविवार को भारतीय फौज ने लगभग 10 पाकिस्तानी फौजियों को मार गिराया और तीन आतंकी शिविरों को नेस्तनाबूद कर दिया। सेना के अनुसार प्रत्येक शिविर में 15 से 20 आतंकवादी भारत में घुसने के लिए तैयार थे। भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ढांचे को भारी बर्बादी झेलनी पड़ी है। पाकिस्तान की कार्रवाई से दो भारतीय सैनिक तथा उत्तरी कश्मीर में एक असैनिक मारा गया। नियंत्रण रेखा पर बेतुकी हरकतें करने और युद्ध विराम का उल्लंघन करने की पाकिस्तान की पुरानी आदत है। अब से कोई 16 वर्ष पहले भारत और पाकिस्तान में युद्ध विराम संधि हुई थी और तब से अब तक वह इस संधि का उल्लंघन करता रहा है । आंकड़े बताते हैं कि इसी वर्ष जुलाई में पाकिस्तान ने युद्ध विराम के 296 बार उल्लंघन किए, अगस्त में 307 बार ,सितंबर में 293 बार उसने ऐसा किया। 2018 में पाकिस्तान ने 13 लाख 44 हजार 102 बार ऐसा किया है।
भारतीय सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने बताया है कि पाकिस्तान ने गुरेज ,तंगधार, उरी और मैक हिल क्षेत्रों में हाल में आतंकवादियों को प्रवेश कराने की कोशिश की है पाकिस्तान की इस हरकत से परेशान होकर भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की। इस कार्रवाई में 155 मिलीमीटर की तोपों का इस्तेमाल किया गया।
पाकिस्तानियों द्वारा जब लगातार फायरिंग की जाने लगी तो भारतीय सेना ने उसके इरादे को भांप लिया और फायरिंग का करारा जवाब दिया। पाकिस्तान की एक-एक गोली का एक-एक गोले से जवाब दिया गया। उधर पाकिस्तान ने भारतीय सेना के बयान का जवाब देते हुए कहा है कि भारत ने बिना किसी उकसावे के पाकिस्तान की जनता पर गोलियां बरसाई है। पाकिस्तान से आई एस आई के जनसंपर्क अधिकारी ने ट्वीट किया है कि भारत ने बिना किसी उकसावे के जोरा शाहकोट और नोशेरी क्षेत्रों पर हमले किए और उन हमलों से सिविलियंस की जानमाल की क्षति हुई।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि पाकिस्तान के महानिदेशक ने भारतीय उच्चायुक्त को बुलाकर आधिकारिक विरोध दर्ज किया है। जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान स्पष्ट रूप से किसी भी आतंकी शिविर की मौजूदगी से इनकार करता है भारत का यह कथन बिल्कुल गलत है। पाकिस्तान ने कहा है कि भारत उस कथित आतंकी शिविर के बारे में सबूत प्रस्तुत करे। साथ ही पाकिस्तान ने कहा है कि वह भारतीय मिथ्या का पर्दाफाश करने के लिए विदेशी राजनयिकों को उस क्षेत्र का दौरा करने के लिए आमंत्रित करेगा। यही नहीं पाकिस्तान विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक अन्य बयान में कहा गया है कि "महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं इसीलिए भाजपा पाकिस्तान पर यह झूठे आरोप थोप कर इलेक्शन जीतना चाहती है।"
भारतीय सेना प्रमुख जनरल रावत ने कहा ,इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान यकीनन बौखला जाएगा और वह बदला लेने फिराक में रहेगा। भारत को इसके लिए सतर्क रहना होगा। उन्होंने एक तरह से पाकिस्तानी हुकूमत को सलाह दी कि किसी भी तरह ही कार्रवाई भारत के खिलाफ यदि होती है तो उसका कठोर जवाब दिया जाएगा। भारत किसी भी मुकाबले में उससे 20 पड़ता है। पाकिस्तान को अब तक की घटनाओं से यह समझ में तो आ ही गया होगा।
पाकिस्तान को एफ ए टी एफ फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि किसी भी आतंकी शिविर को आर्थिक मदद नहीं दी जाएगी और ऐसा कुछ भी नहीं किया जाएगा जिससे नियंत्रण रेखा पर या नियंत्रण रेखा के आर-पार के क्षेत्रों में हालात बिगड़े। पिछले कुछ दिनों में कई बार पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर लागू युद्ध विराम संधि को भंग किया है। लेकिन इस बार वह फंस गया । भारत सरकार ने और भारत की सेना ने उसकी इस कार्रवाई को लेकर स्पष्ट चेतावनी दी है की वह इस तरह की हरकतों से बाज आ जाए वरना मिटा दिया जाएगा।
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