इस्लामिक स्टेट के मुखिया अबू बकर अल बगदादी का मारा जाना इस आतंकी गिरोह के लिए एक नया मोड़ साबित होगा । क्योंकि यह समूह अपनी खिलाफत के सिकुड़ने के बाद अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। अब से कोई 6 महीने पहले अमेरिकी फौज ने घोषणा की थी कि बगदादी इस्लामिक स्टेट या खलीफा का इलाका अब भंग हो गया ह और इस तरह की कोई चीज नहीं रह गई। इस तरह से इस्लामिक स्टेट की ओर आकर्षित होने वाले लड़ाके अब नहीं रहेंगे । रविवार को बगदादी के मरने की खबर आई थी किसी को भरोसा नहीं हो रहा था । अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अधिकृत घोषणा की तो लोगों को भरोसा हुआ।
बगदादी के मारे जाने के बाद दुनिया भर के नेताओं ने गंभीर प्रतिक्रिया व्यक्त की । संयुक्त राष्ट्र में पूर्व राजदूत निक्की हेली ने कहा कि अमेरिका के लिए महान दिन था। उन्होंने ट्वीट किया कि हमारे बौद्धिक समुदाय और दुनिया में सबसे अधिक वांछित आतंकवादी को खत्म करने के लिए अमेरिका का बधाई । रिपब्लिकन सीनेटरों ने कहा कि राष्ट्रपति को इसके लिए बधाई।
बगदादी ने जो खिलाफत तैयार की थी उसके खत्म होने की उम्मीद बहुत कम थी । बगदादी के खिलाफत का आकार लगभग ग्रेट ब्रिटेन के बराबर था। किसी को उम्मीद नहीं थी की यह साम्राज्य नेस्तनाबूद हो जाएगा । बेशक अल बगदादी की मौत दुनिया में आतंकवाद विरोधियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन इसका मतलब नहीं है की आईएसआईएस की मौत हो गई। इसके लड़ाके दुनिया भर में अनगिनत लोगों पर अपना प्रभाव रखते हैं और आतंक को फैलाने के इरादे से कायम हैं। दुनिया के नेताओं ने इसे आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में महत्वपूर्ण बताया है।
व्हाइट हाउस के आतंकवाद विरोधी पूर्व निदेशक जावेद अली ने बगदादी की मौत पर कहा की आधुनिक आतंकवाद के अब तक के इतिहास में इस तरह के रणनीतिक विखंडन किसी आतंकवादी संगठन के सांगठनिक पराजय की मिसाल नहीं है । रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आधिकारिक घोषणा के अनुसार अमेरिकी फौज से घिर जाने के बाद बगदादी से खुद को उड़ा लिया । लेकिन जहां तक अनुमान है कि इस्लामिक स्टेट अपने को फिर से गठित कर लेगा और इराक तथा सिरिया में नए नेता की तलाश कर लेगा। इसके हजारों लड़ाके इराक और सीरिया में कैद हैं तथा हजारों समर्थक विभिन्न कैंप में पड़े हुए हैं । उस क्षेत्र में रहने वाले ऐसे सुन्नी फिरके के लोग हैं जिनका इसके यानी इस्लामिक स्टेट के चाल ढाल से उनके प्रति मोहभंग हो गया है और हुए उनकी तरफ रुख करना छोड़ चुके है। इस्लामिक स्टेट का संगठन कमजोर होता जा रहा है ।ऐसे में बगदादी का मारा जाना उसे और कमजोर कर देगा । यद्यपि उन्होंने इस पल के लिए तैयारी कर रखी होगी। लेकिन उनके लिए संगठन को अपनी तैयारी से मुतमईन करना बड़ा कठिन होगा। आतंकवाद विशेषज्ञों को यह शक है की शायद ही आई एस आई एस अब खड़ा हो सकेगा। नाइजीरिया, फिलिपिंस और भारत में विभिन्न स्थानों पर सहयोगी संगठनों को एक वैश्विक नेटवर्क से जोड़ना बगदादी की स्थाई सफलता थी इन संगठनों को संचालित करने वाले स्थानीय नेता संभवतः बगदादी के मूल नेटवर्क आईएसआईएस से अलग भी हो सकते हैं। यह बगदादी की पूर्ववर्ती अपीलों पर विश्वास करने पर ही कायम रह सकता है। वरना विखंडन में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। यही नहीं ,बगदादी के मारे जाने के बाद इराक और सीरिया में काम करने के तरीकों पर भी तत्काल प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि, बगदादी इन लड़ाकों को संचालित करने में सीधे तौर पर शामिल रहा करता था।
बगदादी के मारे जाने के बाद एक नाम चारों तरफ फैला हुआ है वह है अलहज अब्दुल्ला। वह तुर्की मूल का है और इराक के तल अफार का निवासी है। यह बगदादी के नजदीकी लोगों में से था। लेकिन सब कुछ के बावजूद इस घटना के बाद यह संगठन एक बार जरूर तितर-बितर हो जाएगा और उसे फिर से जमीन से शुरू करना पड़ेगा। कुछ लोग इसे छोड़ेंगे तो कुछ लोग इसमें शामिल होंगे। अभी कुछ भी कहना संभव नहीं है लेकिन यह है कि बगदादी का मारा जाना आईएसआईएस के लिए शुभ नहीं होगा। आतंकवाद का खात्मा करना इस लड़ाई में शामिल दुनिया के नेताओं के भौतिक विनाश की तुलना में ज्यादा कठिन काम है ,लेकिन यह भी अंजाम दिया गया। इसके लिए हर शांतिप्रिय आदमी को खुशी होगी।
Monday, October 28, 2019
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