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Friday, October 4, 2019

पाकिस्तानी युद्धक तत्वों को मिटाना जरूरी

पाकिस्तानी युद्धक तत्वों को मिटाना जरूरी

भारत में दुर्गा पूजा या नवरात्र की शंख ध्वनि से गरबा के उत्साह के बीच जैसे आतंकवादियों के प्रवेश की खबर ने एक विशेष सनसनी पैदा कर दी है। साथ ही पाकिस्तान से संभावित युद्ध की चर्चा फिजा में तैर रही है । कुछ जानकार पाकिस्तान से युद्ध की सूरत में मरने वालों के आंकड़े बताने में जुटे हैं।  बताया जाता है कि अगर युद्ध हुआ और उसमें परमाणु हथियारों का उपयोग किया गया तो 1 सप्ताह से कम समय में पचास  से साढे 12 करोड़ लोग मारे जाएंगे। एक अध्ययन में यह बात कही गई है जिसमें यह भी कहा गया है कि भारत-पाकिस्तान परमाणु युद्ध में जितने लोग मारे जाएंगे उससे कहीं कम लोग दूसरे विश्व युद्ध में मारे गए थे। कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय और रुतगर्स विश्वविद्यालय के विश्लेषकों के अध्ययन में पाया गया है। अगर भविष्य में ऐसा हुआ तो उसकी विभीषिका और कुप्रभाव कैसा होगा ? सच क्या होगा? यह अध्ययन साइंस एडवांस पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। जिसमें कहा गया है कि दोनों देशों के बीच कश्मीर को लेकर कई बार जंग हो चुकी है लेकिन इस बार हालात कुछ दूसरे होंगे। दोनों देशों के पास लगभग 500 परमाणु हथियार होंगे अगर ऐसा होता है तो धरती पर पहुंचने वाली सूरज की रोशनी मैं 20 से 35% तक कमी हो जाएगी। तापमान दो से 5 डिग्री सेल्सियस कम हो जाएगा। यही नहीं दुनिया में भुखमरी बढ़ जाएगी। जल की 30% कमी होगी जिसका व्यापक क्षेत्रीय प्रभाव होगा।
कुछ तो पाकिस्तान से युद्ध में होने वाली संभावित विजय की चर्चा में मशगूल हैं। यानी जितने मुंह उतनी बातें । लेकिन कोई इस पर नहीं निगाह कर रहा है कि अगर पाकिस्तान भारत के खिलाफ जंग की घोषणा करता है तो भारत के लिए यह एक अवसर भी बन सकता है । अपनी बीवी की जादूगरी और रावलपिंडी के फौजी मुख्यालय के हुकुम के बीच युद्ध पिपासु पाकिस्तान के प्रधानमंत्री  इमरान खान  ने राष्ट्र संघ में जो कहा और जून के देश में कहां सुना जा रहा है उसमें बहुत बड़ा फर्क है इमरान खान ने जो कुछ भी कहा वह कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने की प्रतिक्रिया के रूप में कहा भीतर से बौखलाए  इमरान खान जिन्होंने बारंबार भारत के खिलाफ जिहाद का औचित्य बताया है । उसे उसी रूप में भारत के खिलाफ जंग की घोषणा के रूप में देखा जाना चाहिए कि पाकिस्तान में सेना का एक विंग जेहादी भी हैं और वह अन्य युद्धों में जिहादियों का उपयोग कर चुका है ,इसलिए भारत को कुछ ऐसा सोचना होगा ताकि वह इन जिहादियों को दंडित कर सके। ऐसी हालत में यह युद्ध केवल जम्मू कश्मीर तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि पूरे भारत में फैल जाएगा। यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि पाकिस्तान युद्ध करता है तो परमाणु युद्ध होगा या नहीं। अभी तक दुनिया में कोई ऐसा तंत्र नहीं विकसित हुआ है जो किसी आतंकी हमले को पूरी तरह खत्म करने में सक्षम हो सके। इसलिए पूरी संभावना है कि पाकिस्तान भारत को उत्तेजित करने के लिए आतंकियों की लगाम ढीली कर देगा । जिससे युद्ध आरंभ करने का ठीकरा भारत के सिर पर फूटेगा और विश्व शक्तियों की हमदर्दी पाकिस्तान के साथ रहे। पाकिस्तान की मामूली गलती  एक बड़े युद्ध में बदल सकती है । भारतीय नेता और अधिकारी आतंकवाद को मानवता के खिलाफ अपराध घोषित करते हैं लेकिन इसका चरित्र उससे ज्यादा खतरनाक है। पाकिस्तान भारत के खिलाफ मानवाधिकार का रोना रो रहा है और धर्मनिरपेक्षता के सद्गुणों का बखान करता फिर रहा है जबकि भारत की तरफ से इसे गलत बताने का कोई प्रयास नहीं हो रहा है। अब केवल युद्ध ही विकल्प रह गया है और अगर युद्ध होता है तो भारत को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और पाकिस्तान के भीतर तैयार हो रहे इन विनाशक तत्वों को सदा के लिए समाप्त कर देना चाहिए।

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