मोदी जी के 365 दिन
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे दौर के 365 दिन पूरे हुए। भारत के इतिहास में यह कोई बड़ी बात नहीं है। भारतीय लोकतंत्र में 1 साल के वक्त गुजरना कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि सरकार की अवधि 5 साल की होती है। इसमें बड़ी बात यह है कि यह 2 वर्ष कैसे गुजरे और इन 2 वर्षों में सरकार ने जो सपने देखे थे जो वायदे किए थे उनमें कितने पूरे हो सके और कितने यूं ही रह गए।इसके अलावा कोई काम ऐसे हैं जो इस स्थिति के अनुसार किए गए। फैसले से पीछे जिनका विरोध भी हुआ। मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान ऐतिहासिक असर करने वाले भी फैसले लिए जिनमें आत्मनिर्भर भारत अभियान भी एक है। महत्वपूर्ण रहा कश्मीर से धारा 370 को हटाया जाना और तीन तलाक को खत्म किया जाना सबसे महत्वपूर्ण है। महामारी के दौरान बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मोदी जी ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की। इस फैसले की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी की भारत हो यह सब का सपना ही नहीं जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलना होगा। इसके लिए इकॉनमी इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम डेमोग्राफी और डिमांड जैसे कम हो को मजबूती देने का आह्वान भी किया। मोदी सरकार ने कश्मीर में धारा 370 को निष्प्रभावी बनाने के साथ-साथ राज्य को दो हिस्से में बांटने का भी काम किया। इस फैसले का महत्त्व इसी से जाना जा सकता है जब से भारत आजाद हुआ तब से अब तक एक विधान और एक निशान नहीं था। मोदी जी ने फैसला लेकर एक देश एक विधान और एक निशान लागू कर दिया। यह फैसला भारत के इतिहास सदा याद किया जाता रहेगा। भारत में कश्मीर को दो हिस्से में बांटने के अलावा कोई इतना महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कार्य नहीं हुआ था जिसे भारत के इतिहास में सदा याद रखा जाए। मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने का कदम नहीं उठाया। मुस्लिम विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 को संसद के दोनों सदनों से पारित करवाया। यही नहीं नागरिकता संशोधन कानून को भी मोदी सरकार में इसी कार्यकाल में अमलीजामा पहनाया। 10 जनवरी 2020 को इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया। इस कानून से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रह रहे लाखों हिंदू बौद्ध सिख पारसी ईसाई और यहूदी लोगों को भारत की नागरिकता मिल सकती है। इसका प्रचंड विरोध हुआ लेकिन सरकार ने अपना फैसला नहीं बदला हां इतना जरूर कहा किसी भी अल्पसंख्यक नागरिकता नहीं छीनी जाएगी। यू ए पी ए यानी गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम विधेयक 2019 भी इसी दौर में पारित हुआ।
एक देश एक राशन कार्ड जैसा ऐतिहासिक निर्णय भी इसी दौर में किया गया। इस योजना के तहत पूरे देश में एक ही राशन कार्ड पर कोई भी व्यक्ति कहीं से भी राशन उठा सकेगा। यह योजना 1 जून से आरंभ होगी और इसके अंतर्गत बिहार उत्तर प्रदेश पंजाब तेलंगना महाराष्ट्र गुजरात हरियाणा राजस्थान कर्नाटक मध्य प्रदेश झारखंड गोवा त्रिपुरा हिमाचल प्रदेश और दमन दीव पहले ही जुड़ चुके हैं। इससे ना केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी बल्कि रोजगार के लिए कहीं दूसरी जगह जय लोगों को मिलने वाली सब्सिडी भी उन्हें मिलती रहेगी अब गरीबों को सब्सिडी वाले राशन से वंचित नहीं होना पड़ेगा।
इसी के साथ आर्थिक क्षेत्र में भी एक क्रांतिकारी परिवर्तन किया गया। 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाए गए। इससे बैंकों के बढ़ते एनपीए से राहत मिलेगी।
5 साल की अवधि को पूरा कर दूसरे दौर में चुनाव को जीत कर आना अपने आप में सनद है कि सरकार ने पहले दौर में लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास किया और यह प्रयास न केवल दिखा बल्कि देशवासियों को विश्वसनीय भी लगा। नरेंद्र मोदी ने अपने शासन के दूसरे दौर का बागडोर संभालते कुछ वायदे किए थे जैसे अर्थव्यवस्था को गति देकर उसे 5 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना , सबके लिए मकान , सबके लिए स्वास्थ्यऔर जल सुरक्षा। जरा गौर से देखें तो लगेगा इन तीनों में अन्योन्याश्रय संबंध है। लेकिन इसका थोड़ा विश्लेषण करें तो निष्कर्ष मिलेगा तीनों एक होते हुए भी अलग अलग हैं। इन्हें एक मान कर एक साथ मूल्यांकन करना गलती होगी। जैसे अर्थव्यवस्था में भारी सुधार होने के बावजूद जल सुरक्षा संभव नहीं है। आर्थिक स्थिति चाहे जितनी मजबूत हो अगर पानी नहीं है तो उसे प्राप्त करना बहुत कठिन है। क्योंकि यह जीवनशैली से जुड़ी आदत है उसी तरह स्वास्थ्य भी जीवनशैली पर निर्भर एक अवस्था है। मोदी जी ने इन्हें बड़ी बारीकी से परखा और फिर इसकी उपलब्धता की कोशिश में लग गए। इसलिए आइए पहले सबके लिए आवास के उनके वायदे को देखते हैं।
जब मोदी सरकार ने दूसरे दौर की कमान संभाली तो उन्होंने एक करोड़ 13 लाख घरों की जरूरतों को महसूस किया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1 वर्ष बीतते बीतते लगभग 27 लाख घर तैयार हो गए यानी देश के लगभग 27 लाख बेघर लोगों के सर पर छत हो गई। कोशिशें अभी जारी हैं। गांव में 2 करोड़ घरों की जरूरतों का आकलन किया गया और इनमें लगभग 20 लाख घर तैयार हो चुके हैं। इसमें बड़ी बात यह है यह सारे घर सभी जरूरी सुविधाओं से जैसे पानी, बिजली इत्यादि से युक्त हैं। इसका मतलब है करीब करीब 50 लाख बेघर लोगों को रहने लायक घर मिला। यह मानव संसाधन हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में जुट जाएगा।
यही हाल स्वास्थ्य में सुधार की कोशिशों का भी है। इतनी बड़ी आबादी और इसमें तरह-तरह की आदतें जीवनशैली इत्यादि के बाद भी सरकार ने जो आयुष्मान भारत योजना आरंभ की और गांव के लिए मोदी जी ने मोदी केयर योजना की मंजूरी दी उसकी सारी दुनिया की नजर गई। आलोचकों का कहना है कि इससे केवल निजी अस्पतालों को ही लाभ मिल रहा है। बेशक यह बात है लेकिन उसका कुछ कारण भी है। निजी अस्पतालों में जो उपकरण और विशेषज्ञ हैं वह अभी सरकारी अस्पतालों मैं नहीं हैं। फिलहाल, हमें जनता के स्वास्थ्य को देखना है किसी योजना के गुण या अवगुण को नहीं। इस दिशा में भी प्रधानमंत्री ने कदम उठाया है और पूरे देश में लगभग 1 लाख 50,000 हेल्थ सेंटर खोलने की योजना बनाई है जिनमें 8000 काम भी करने लगे हैं।
मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को 5 खरब डालर तक पहुंचाने योजना बनाई थी। यद्यपि कोविड-19 जैसी महामारी के कारण हमारी अर्थव्यवस्था को आघात लगा है और 5 खरब डालर तक पहुंचना अब संभव नहीं लग रहा है। फिर भी कोशिश जारी है क्योंकि अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान सेवा क्षेत्र का होता है और यह क्षेत्र बेरोजगारी के कारण ठंडा पड़ गया है।