कोलकाता के हीरा कारोबार में आतंकी गिरोहों ने लगाया पैसा
अब डायमंड से किया जा रहा है " टेरर फाइनैंसिंग "
हरिराम पाण्डेय
कोलकाता: आतंकवादियों को धन मुहैय्या करने के लिए इन दिनों यहां "डी डी" का चलन बढ़ रहा है। "डी डी" यानी ड्रग और डायमंड से आतंकवादियों को धन दिया जा रहा है। बंगला देश से ड्रग और जाली नोट भारत तस्करी के जरिये आता है और उसके लिए इन दिनों हीरों के माध्यम से भुगतान किया जाता है। जाली नोट का उपयोग अब केवल हमारी अर्थ व्यवस्था को चोट पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। आतंकवादियों को धन पहले यह सोने से दिया जाता था पर अब हीरों से भुगतान हो रहा है। चूंकि हीरों को आसानी से लाया और ले जाया जा सकता और और उसे सरलता से छिपा कर लंबे समय तक रखा जा सकता है इसलिए उसे विकल्प फाइनैंसिंग के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। रॉ के सूत्रों के मुताबिक गत वर्ष सरकार को यह जानकारी दी गई थी कि जिंसों की खरीदारी और रुपयों की लेनदेन के बदले अब आतंकियों को डायमंड के जरिये भुगतान किया जा रहा है। यही कारण है कि नोटबंदी के बाद भी इस पर कोई असर नहीं पड़ा। हीरों में कई खूबियां होती हैं मसलन काम वज़न और छोटे आकार की ज्यादा कीमत, उसका टिकाऊपन , कीमत की स्थिरता और पकड़े जाने का खतरा कम इत्यादि। एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी के मुताबिक लहू और पत्थर का यह रिश्ता बहुत तेज़ी भयावहता की ओर बढ़ रहा है। उक्त अधिकारी के मुताबिक मुम्बई हमला और पठानकोट हमले के लिए हीरों में ही भुगतान हुआ था। इस मामले में एक सनसनी खेज रिपोर्ट यह भी है कि मुम्बई ए टी एस के अफसर हेमंत करकरे केवल इस लिए मार दिए गए थे कि उन्हें इस हमले के लिए भुगतान करने वाले हीरों के व्यापारी का सुराग लग गया था( सन्मार्ग इस मामले की तह तक जाने के प्रयास में है )। सूत्रों के अनुसार यहां हाल तक जमायतुल मुजाहीदीन , बंगलादेश का बहुत धन अन्य माध्यमों शेयर बाज़ार में लगा था जिसे हटा कर डायमंड के कारोबार में लगा दिया गया है। यहां हीरा व्यापार सूत्रों के मुताबिक कुछ संदेहास्पद लोग इस धंधे में घुस आए हैं। व्यापार के सूत्रों के मुताबिक यहां जनवरी से मार्च के बीच बहुत बड़ी राशि के हीरे बिके हैं। केंद्रीय वित्तीय खुफिया इकाई ( एफ आई यू ) के एक बड़े अफसर ने सन्मार्ग को बताया कि शेयर बाजार के चढ़ाव उतार और हीरों के कारोबार में अच्छा मुनाफे के कारण आतंकी गिरोह इसमें प्रवेश कर रहे हैं। हीरों के सबसे बड़े बाजार सूरत के डायमंड असोसिएशन के अध्यक्ष सी टी वनानी के मुताबिक भी कुछ महीनों से अचानक हीरों की खरीदारी तेज़ हो गई है और खरीदारों का पता नहीं चल रहा है। कोलकाता महानगर धीरे धीरे इस्लामी आतंकियों के लिए ट्रांजिट पॉइंट बन गया है और शक है कि बहुत जल्द कोई बहुत बड़ा विध्वंस हो सकता है।
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