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Thursday, August 8, 2019

पाक अपना सोचे, भारत का वह कुछ नहीं बिगाड़ सकता

पाक अपना सोचे, भारत का वह कुछ नहीं बिगाड़ सकता

आने वाले बृहस्पतिवार को स्वाधीनता दिवस है भारत के लिए एक  विशिष्ट दिवस खासकर इस वर्ष का यह दिवस ऐतिहासिक होगा, क्योंकि इस बार कश्मीर का वह घाव जो 70 वर्षों से रिस रहा था उसे खत्म कर दिया गया। बेशक इस ऑपरेशन को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद शुरू हो गए हैं । एक तरफ जहां संयुक्त अरब अमीरात ने भारत के इस कदम का समर्थन किया है वहीं अमरीका ने कहा है कि भारत ने इसकी जानकारी से पहले नहीं दी थी । पाकिस्तान ने तो इसे गाजा पट्टी की संज्ञा दी है और भारत के इस फैसले से बेहद नाराज हो गया है। नाराजगी यहां तक बढ़ गई है कि पाकिस्तान भारत के साथ अपने विपक्षी व्यापारिक रिश्ते को तोड़ दिया है और राजनयिक संबंध हो सीमित कर दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति एक बैठक में यह फैसले लिए गए। इस बैठक में विदेश मंत्री ,गृहमंत्री सहित सेना और खुफिया एजेंसियों अफसर भी शामिल थे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बयान दिया है कि दिल्ली से वे अपने उच्चायुक्त जल्द बुला लेंगे साथ ही भारतीय उच्चायुक्त  यहां से वापस भेज दिए जाएंगे। यही नहीं, पाकिस्तान अपने स्वाधीनता दिवस 14 अगस्त को कश्मीरियों के साथ एकजुटता दिवस के रूप में उमंग आएगा और भारत के स्वाधीनता दिवस 15 अगस्त को काला दिवस के रूप में मनाएगा। इसी के साथ प्रधानमंत्री इमरान खान ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान कश्मीर में मानवाधिकार का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेगा और इसे रोकने के लिए भारत के खिलाफ सभी कूटनीतिक उपायों को इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है। यहां तक कि फौज को भी अलर्ट कर दिया गया है।
       पाकिस्तान ने यह जो राजनयिक संबंध सीमित किया है यह कोई नई बात नहीं है। ऐसा पहले भी हो चुका है। भारत की संसद पर हमले के बाद जब पता चला  कि हमला जैश ए मोहम्मद की करतूत है तो भारत ने भी पाकिस्तान से अपने उच्चायुक्त बुला लिए थे। पाकिस्तान ने भी ऐसा ही किया था। लेकिन संबंध तो रखने ही होते हैं। आर्थिक कंगाली की ओर बढ़ रहे पाकिस्तान को अपने देश की जनता का ध्यान हटाने के लिए यह एक विकल्प मिला है। वह राष्ट्र संघ में जाना चाहता है वह जाएगा ,पहले भी जा चुका है।  होगा क्या ? 
पाकिस्तान द्वारा द्विपक्षीय संबंध खत्म करने के साथ  ही व्यापारिक संबंध भी है खत्म कर दिए जाने से भारत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि भारत के साथ पाकिस्तान का लगभग 2 अरब डालर का कारोबार था। यह बढ़कर 2.5 अरब डालर हो गया था । पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान ने सभी प्रकार के निर्यात पर 200% की ड्यूटी लगा दी थी जिससे व्यापार घट गया था। भारत पाकिस्तान को रसायन निर्यात करता था, बदले में पाकिस्तान भारत को वनस्पति तेल ,तेल और खनिज भेजता था। पाकिस्तान की इस कदम से भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला उल्टे पाकिस्तान इससे प्रभावित होगा।
पाकिस्तान की सबसे बड़ी ट्रेजडी  है की वहां के प्रधानमंत्री वहां की फौज के सहायक की भूमिका में हैं। जो सेना कहेगी वही करेंगे और मौजूदा हालात में फौज को यह एहसास हो चुका है कि ताकत से कुछ नहीं होने वाला। इसलिए वह इमरान खान को सामने रखकर उसी की आड़ में दुबकी हुई है। पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा है  कि "कश्मीर में भारत जो कुछ कर रहा है वह किसी धूर्त सरकार के युद्ध अपराधों जैसा है। भारत  जो हिंसा कर रहा है वह खासतौर वह साफ तौर पर नस्लीय सफाया तथा नरसंहार है।" पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सेनेटर राजा रब्बानी ने कहा है ,"कश्मीर अब इस उपमहाद्वीप का गाजा पट्टी बन जाएगा। अगर इसे व्यापक संदर्भ में देखें तो यह अमरीका इसराइल और भारत का एक गठजोड़ है। जिसे हम समझ नहीं पा रहे हैं । जरा पीछे जाकर देखें तो यह साफ दिखाई देगा कि अमरीका के राष्ट्रपति ट्रंप ने मध्यस्था की थी तो गोलन पहाड़ियों को इसराइल को दे दिया था।"  पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा कि यह पूर्वी पाकिस्तान की ट्रेजडी की तरह है। वहीं मुस्लिम लीग के नेता ख्वाजा आसिफ ने इमरान खान को भी दोषी बताते हुए कहा कि "हमें इतिहास से सबक लेने के लिए  ना कहें ,यह भी न बताएं कि इतिहास में क्या हुआ हमें यह बताएं कि भविष्य में क्या होने वाला है।"
       पाकिस्तान ने भारत के लिए अपना हवाई क्षेत्र ,एअर कॉरिडोर बंद कर दिया है और अब भारत के विमानों को 12 मिनट ज्यादा समय देना होगा। हालांकि इससे भारत को कोई ज्यादा नुकसान होगा।
कूटनयिक संबंध को सीमित करने के फैसले को भारत के पूर्व विदेश मंत्री एवं कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने निकट दृष्टि दोष बताया है। सलमान खुर्शीद ने कहा ऐसे वक्त में द्विपक्षीय संबंध रखना जरूरी होता है इस संबंध को सीमित कर देने से भारत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। 
बिल्कुल सही है कि मौजूदा हालात में पाकिस्तान के इन किसी भी कदम का भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा और ना ही राष्ट्र संघ का राग आपने से कोई लाभ होगा। अभी जरूरत है कि पाकिस्तान भारत के इस कदम को स्वीकार कर ले और आगे की सोचे। कहीं ऐसा ना हो कि अधिकृत कश्मीर भी हाथ से निकल जाए।

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