मोदी – ट्रम्प की मुलाकात
पधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सोमावार को वाइट हाउस में मुलाकात हुई। ट्रम्प ने खुद को भारत का सच्चा दोस्त बताया आहैर कहा कि दानाहें में समरनीतिक भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। वायदों और आश्वासनों के बड़े – बड़े वायदा- आश्वासनों के बल पर सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे दोनो नेताओं की वार्ता का मुख्य विषय संभवत: समझौता-सौदा था और मुलाकात के बाद घोषणा पत्र में आतंकवाद से जंग और उसके खात्मे को मुख्य विषय बनाया गया। घोषणा पत्र में आतंकियों को सूचीबद्ध किये जाने के लिये ‘नयी परामर्श तकनीक ’ स्वागत योय है और इसका लम्बे समय से इंताजार था। इस प्रस्ताव के क्रियान्वित होने के पूर्व और भी बहुत कुछ किये जाने की जरूरत है। पाकिस्तान से सम्बंधित तथ्य का जिस जगह जिक्र का जिस जगह जिक्र आया है वहां यह सही है कि अमरीका भारत की इस बात को मानता है कि पाकिसतान की और से कई बार भारत पर हमले हुये। वे हमले पाकिस्तानी आतंकी गिरोहों ने किये। दोनों नेताओं ने सहमति जाहिर की कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर राष्ट्रसंघ में विस्तृत सम्मेलन का आयोजन किया जाना चाहिये। ओबामा प्रशासन इस प्रस्ताव पर लगातार ना नुकुर करता रहा था। दोनों नेताओं ने कहा कि यह एक सशक्त संयुक्त घेषणा पत्र है जो भारत अमरीका सुरक्षा सहयोग का पाथ प्रशस्त करेगा। यह दोनों की पहली मुलाकात थी और इसमें संकेत मिले कि यह चालू रहेगा। साथ ही अमरीका ने चीन के बॉर्डर बेल्ट रोड के प्रति भारत के रुख का अनुमोदन किया। वाइट हाउस के रोज गार्डन में चमकते सूरज की रोशनी में दोनों नेताऔ ने अमरीका वरिष्ठ अफसरों तथा पत्रकारों को सम्बोधित किया। पूरी वार्ता में दोनों ओर से एक दूसरे की प्रशंसा के पुल बांधे जा रहे थे। अमरीकी पक्ष ने पत्रकारों से सिफारिश की कि एक आदमी एक ही प्रश्न पूछेगा। पत्रकारों के सवाल के जवाब देने के प्रति मोदी जी की अनमयस्कता को देखते हुये उन्हें इस बात की ताकीद कर दी गयी कि प्रश्न केवल दानों नेताओं की वार्ता से ही सम्बंधित हों। ट्रम्प ने कहा कि ‘मैं भारत के लोगों का अभिवादन कर के रोमांचित महसूस करता हूं।’ लेकिन ट्रम्प अपनी आदत से बाज नहीं आये ओर उनहोंने विशेष तौर पर इस बात का जिक्र किया कि ‘दोनो देशों में साफ् सुथरा और बराबरी का कारोबार होना चाहिये और व्यारिक अवरोध हटाये जाने चाहिये तथा भारत के साथ जो अमरीका का व्यापार घाटा है उसे पूरा करने का प्रयास किया जाना चाहिये।’ भारत के साथ अमरीका का व्यापार घाटा 30 अरब डालर का है जो चीन की तुलना में बहुत कम है। सोमवार को उस प्रेम प्रदर्शन से भरे वातावरण में एकमात्र यही एक तीखी बात थी पर उसे ट्रम्प ने यह कर ततकाल संभाल किया कि इंडियन एअर लाइंस ने 100 विमानों का आर्डर दिया है इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। अब तक अमरीका के हर राष्ट्रपति ने भारत के प्रति मीठी वाणी का ही इस्तमाल किया है पर शायद पहली बार किसी ने खुल कर भारत के समर्थन में कहा कि आतंकवाद का खात्मा दोनो देशों में सबंधों का महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण कारक है। हम दोनों ‘कट्टर इस्लामी आतंकवाद को खत्म करलने के प्रति कृतसंकल्प हैं।’ ट्रम्प ने मंच से जब यह घोषणा की तो मोदी उन्हें एकटक देख रहे थे। अमरीका ने यहां अपनी सत्ता का प्रदर्शन किया। प्रथम पंक्ति में उपराष्ट्रपति माइक पेंस और अमरीका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प तथा उनके मंत्रिमंडल के सबी सहयोगी उपस्थित थे। इस पुरी मुलाकात का सबसे हैरतअंगेज हिस्सा वह घोषणा थी जिसमें कहा गया कि भहारलत में आयोजित होने वाली ग्लोबल इंटरप्रेनियरशिप समिट में ट्रम्प की पु1ा इवांका ट्रम्प शरीक होंगी। मोदी ने कहा कि वे इवांका की आगवानी के लिये उत्सुक हैं।
ट्रम्प के बाद उतने ही विशेषण भरे शब्दों से मोदी ने बी उनकी बात का जवाब दिया। उन्होने कहा कि दोनों की मुलाकात द्विपक्षी सम्बंधों के इतिहास में दर्ज होगी। उन्होंने इसके कारण गिनाये कि यह वार्ता आपसी भरोसे के आधार पर हुई। दोनों देश मूल्यों, भय और त्रासदी के समान भागीदार हैं। दोनों देश वैश्विक विकास के प्रमुख वाहक हैं। मोदी ने कहा कि दोनो देशों की समरनीतिक भागीदारी एक नयी ऊंचाई को स्पर्श करेगी। उन्होंने यकीन है कि ताकतवर अमरीका भारत के लिये लाभदायी होगा। मोदी ने ट्रम्प और उनके परिवार को भारत आने का न्यौता दिया। सारे विशेषणों और प्रशंसाओं के बावजूद इसे कायम रखने के लिये बहुत कुछ करना होगा।
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