अंतरिम बजट में मध्य वर्ग को राहत
मोदी सरकार के कार्यकारी वित्त मंत्री ने संसद में सरकार का छठा बजट पेश किया। यह अंतरिम बजट था। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने इस बजट में आम लोगों से लेकर मजदूरों का ध्यान रखा है और महंगाई पर अंकुश लगाने की कोशिश की है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके पहले 5 बजट पेश किए थे। वित्त मंत्री गोयल ने अपने भाषण में कहा कि "यह अंतरिम बजट नहीं है बल्कि देश की विकास यात्रा का माध्यम है। देश में आ रहे सकारात्मक बदलाव का श्रेय हमारे देशवासियों को है । " वित्त मंत्री ने कहा कि इनकम टैक्स में रियायत की घोषणा करते हुए कहा कि अब 5 लाख तक की आमदनी वाला मध्यवर्ग अपना टैक्स बचा सकता है। वित्त मंत्री ने कहा कि होम लोन ,राष्ट्रीय पेंशन योजना स्वास्थ्य बीमा भविष्य निधि आदि योजनाओं में निवेश करने वालों को साढे छह लाख तक की आमदनी पर टैक्स नहीं लगेगा। सरकार के अनुमान के मुताबिक 2019- 20 में वित्तीय घाटा जीडीपी के 3% रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा अगले 5 साल में भारत की अर्थव्यवस्था 5 अरब डालर की होगी जिसे हम अगले 8 साल में बढ़ाकर 8 अरब डॉलर करने को इच्छुक हैं । वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की देश के लिए हितकारी नीतियों के चलते टैक्स देने वाले की संख्या में 80% तक वृद्धि हुई है। वित्त मंत्री ने सैनिकों के लिए लंबित एक रैंक एक पेंशन की योजना लागू कर दी है । वित्त मंत्री ने आंकड़े देते हुए कहा कि देश में 27 किलोमीटर हाईवे रोजाना बनाए जा रहे हैं। सरकार ने राहुल गांधी की ऋण माफी योजना के जवाब में किसानों को हर महीने ₹500 दिए जाने की घोषणा की है । इससे 12 करोड़ छोटे किसानों को लाभ होने की संभावना है। यही नहीं, जो किसान मछली पालन और पशुपालन में लगे हैं उन किसानों को ब्याज में 2% की छूट मिलेगी। 21000 रुपए से कम वेतन वाले मजदूरों को 7हजार रुपए का बोनस दिया जाएगा। मजदूरों के पेंशन में भी वृद्धि कर दी गयी है । मजदूरों को कम से कम एक हज़ार रुपये और ज्यादा से ज्यादा तीन हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दिए जाने की घोषणा की गई है। सरकार ने आयुष्मान भारत को दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कार्यक्रम बताते हुए कहा कि इससे भारी संख्या में गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों का इलाज में पैसा बचा है और यह राशि तीन हजार करोड़ करोड़ के बराबर है । यही नहीं जन औषधि केंद्र में सस्ती दवाई भी उपलब्ध कराई गई है।
आमदनी सहायता मोदी सरकार का किसानों को खुश करने का सबसे बड़ा और आखिरी दांव है। आने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर सरकार ने यह चाल चली है। विशेषज्ञों के मुताबिक हाल में छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा की हार का मुख्य कारण किसानों का गुस्सा था और इसीलिए सरकार ने किसानों को साधने के लिए यह चाल चली है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को मंजूरी के तहत 2 हेक्टेयर तक जमीन वाले किसानों को हर साल ₹6000 मिलेंगे यह पैसे किसानों के खाते में सीधे भेजे जाएंगे। यह रकम तीन किस्तों में जाएगी। इससे देश के 12 करोड़ किसानों के परिवारों को लाभ मिलेगा। यह योजना 1 दिसंबर 2018 से पूरे देश में लागू होगी।
मोदी सरकार के अंतरिम बजट का बाजार पर बड़ा सकारात्मक असर हुआ है। बजट के आते ही सेंसेक्स साढे 400 पॉइंट ऊपर चला गया और निफ्टी 10,900 के पार चला गया। अभी बजट पेश ही हो रहा था कि इंटरटेनमेंट सेक्टर के शेयरों में भी उछाल आ गया तथा ऑटो के शेयर भी चढ़ गए। लेकिन इस बजट को समझना और उसके भीतर निहित संभावनाओं जानना भी जरूरी है ।ऊपर से देखने में तो बजट आगे बढ़ने का तंत्र दिखाई पड़ रहा है और योजना का औजार लेकिन जब थोड़ी गंभीरता से देखेंगे तो कुछ और ही बात नजर आएगी। अब से 12 महीने पीछे चलें। पिछले साल भी किसानों के लिए ढेर सारी कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा गई थी। जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य ,किसानों को ऋण में वृद्धि, मत्स्य पालन और पशुपालन इत्यादि में सुविधा और इस तरह से कई योजनाओं की घोषणा हुई थी। बड़े क्षेत्रों को तो छोड़ ही दिया गया जिसमें निजी व्यापार भी शामिल था । उस समय जितनी घोषणाएं की गई थी उन पर तो कुछ हुआ नहीं या बहुत कम हुआ । उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि इस पर भी बहुत कुछ नहीं होगा। इसका कारण यह है कि बहुत जल्दी चुनाव होने वाले हैं और उसके बाद नई सरकार आएगी। तब पूर्ण बजट पेश होगा और उसमें क्या होगा भगवान ही जाने। कांग्रेस ने इस बजट की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि "थोथा चना बाजे घना।" वैसे कुल मिलाकर बजट जनोन्मुखी है और उम्मीद करनी चाहिए यह बजट लोगों का भला कर सकेगा।
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