देश के भीतर आतंकी कर सकते हैं ड्रोन से हमले , सुरक्षा को भारी खतरा
हरिराम पाण्डेय
कोलकाता: कश्मीर में सी आर पी एफ जवानों का खून अभी सूखा नहीं कि दहलाने वाली एक खबर और मिली है। खुफिया सूत्रों के अनुसार कोलकाता में चीनी वाणिज्य दूतावास यहां कुछ नेपाली संगठनों के सहयोग से फिर से वामपंथी आतंकवाद(रेड कॉरिडोर) को संगठित कर रहा है और उनके कुछ लोगों को विस्फोटकों से भरे छोटे - छोटे ड्रोन से हमले के लिए ट्रेंड कर रहा है । यहां रॉ के सूत्रों के अनुसार यह एक भयानक खतरा है जिसे सीमा पार से संचालित किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक एक ड्रोन में लगभग 20 से 25 किलोग्राम विस्फोटक भरे जा सकते हैं जो किसी भी जनसंकुल इलाके पर हमले के लिए पर्याप्त होगा।
सूत्रों के अनुसार अभी इस तैयारी का पहला चरण चल रहा है। इसके अंतर्गत पुराने नक्सली इलाकों में लोगों को फिर से आंदोलन के लिए तैयार किया जा रहा है। कोलकाता में चीनी वाणिज्य दूतावास द्वारा शहर के कई नेपाली संगठनों को इसके लिए धन दिया जा रहा है। नेपाल चीन के प्रोत्साहन से ही भारत से विमुख हो गया है और वहां वामपंथी शासन चल रहा है। ये वामपंथी गुट बिहार , बंगाल और उत्तरप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों के साथ घुलमिल कर रह रहे हैं और जब ज़रूरत होती है वे कोलकता या समीपवर्ती इलाकों में आसानी से चले आते हैं।
सूत्रों के अनुसार केवल बंगाल में पिछले 6 महीनों लगभग 30 ड्रोन्स को उड़ते देखा गया है और उनमें से दो एक को गिरा भी लिया गया है। उनमें केवल रिमोट सेंसिंग कैमरे पाए गए हैं। शक है कि ये ट्रेनिंग के हिस्से हैं। सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि आतंकी अपने हमलों के तौर तरीके बदलने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक अगर आतंकी ऐसा करते हैं तो भारी खतरा उत्पन्न हो जाएगा।
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