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Friday, July 28, 2017

न्यूयार्क में तैयार किये जा रहे हैं कश्मीर के लिये आतंकी

न्यूयार्क में तैयार किये जा रहे हैं कश्मीर के लिये आतंकी
पेंटागन से कुछ ही किलोमीटर दूर बना ‘इस्लामाबर्ग,’ लड़कियों को भी दी जा रही है ट्रेनिंग
बंगाल में भी जड़ें जमाने की कोशिशें, एन जी ओ के मुखौटे में शुरू हो सकता है काम

 हरिराम पाण्डेय
कोलकाता : अमरीका में कश्मीरी आतंकवादियों को जमकर ट्रेनिंग दी जा रही है और उन्हें अन्य प्रकार का सहयोग दिया जा रहा है। राजनयिक सूत्रों के मताबिक न्यूयार्क के समीप हैनकॉक में 70 एकड़ पर एक कम्यून है जिसका नाम रखा है इस्लामबर्ग और यहां भारत तथा अन्य कई देशों से नौजवानों को लाकर ट्रेनिंग दी जाती है और निफर कश्मीर में आजादी के लिये लड़ने को भेज दिया जाता है। क्या सियासत है कि  

अमरीका एक तरफ पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला देश घोषित कर रहा है। कश्मीर में उपद्रव के लिये जिम्मेदार तथा पाकिस्तान के सबसे बड़े आतंकी संगठन हिज्ब -उल – मुजाहिदीन पर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी होने का दोष मढ़ते हुये उसके नेता मोहम्मद युसूफ शाह उर्फ सैय्यद सलाहुद्दीन पर पाबंदी लगा रहा है वहीं अमरीका सबसे बड़े शहर न्यूयार्क में इस्लामी गांव - इस्लामबर्ग – बन गया है और वहां कश्मीर में उपद्रव के लिये ना केवल आतंकी तैयार किये जा रहे हैं ब्रलक उनके लिये मदद भी भेजी जा रही है। हिज्ब -उल – मुजाहिदीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा आतंकी संगठन है जिसने कश्मीर को आजाद कर खिलाफत की स्थापना करने का बीड़ा उठाया है।

इस्लामबर्ग का सबसे बड़ा नेता शेख गिलानी है और वह पिछले महीने कोलकाता में था और कठमांडू होता लाहौर पहुंच गया। उसके लाहौर पहुंचने के बाद रॉ को इसकी हवा लगी। हालांकि, उसके कोलकाता आने की खबर बंगलादेश के एन एस आई को थी और एन एस आई के एक बड़े अधिकारी ने मंगलवार को सन्मार्ग को इसकी जानकारी दी। उच्च पदस्थ राजनयिक सूत्रों के मुताबिक एम ओ ए ​ हिज्ब -उल – मुजाहिदीन और अलकायदा के पाकिस्तनी गिरोहों के बीच काम करता है। हैरत की बात यह है कि 2002 से अब तक एम ओ ए ने अमरीका में 22 इस्लामी गांव बना लिया है और हिज्ब -उल – मुजाहिदीन के लिये काम करता है। विगत 2 मई को हैनकॉक में एक प्रेस कांफेंस कर एम ओ ए ने कश्मीर को भारत से आजाद कराने के लिये और असम , बंगाल और बंगलादेश को मिलाकर खलीफा का साम्राज्य – खिलाफत – स्थापित करने की बहुकोणीय रणनीति की घोषणा की। इसके पहले मार्च में कश्मीर में भारतीय सेना के साथ ‘‘मुजाहिदीनों’’ की जंग का वीडियो दिखाया गया था जिसमें उन्हें ‘फ्रीडम फाइटर’ घोषित किया गया था। यही नहीं , 6 जुलाई 2016 को एम ओ ए ने एक सार्वजनिक पत्र जारी कर राष्ट्रसंघ से कहा था कि पाकिस्तान वाले कश्मीर में भारत के जुल्म को रोके। उसने दुनिया भर के मुसलमानों से अपील की कि वे एक जुट हो जाएं। एम ओ ए के सैनिक इकाई के प्रमुख हुसैन अडम्स वल्द बैरी अडम्स ने 2 मई वाले प्रेस कांफेंस में हिज्ब -उल – मुजाहिदीन की कोशिशों की बड़ाई के पुल बांधते हुये कहा कि उनका संगठन शुरू से ही कश्मीर के संघर्ष का समर्थन करता है। क्रिश्चियन उक्शन नेटवर्क के अध्यक्ष मार्टिन मावयेर ने सन्मार्ग को बताया कि एम ओ ए का जो चेहरटा दिखता है उससे वह कहीं ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने हैनकॉक के इस्लामबर्ग में महिला आतंकियों की ट्रेनिंग का वीडियो देते हुये बताया कि एम ओ ए हिज्ब -उल – मुजाहिदीन के लोगों को ट्रेंड ही नहीं करता है बल्कि वह अपने एक अलग संगठन कश्मीरी अमरीकन फ्रेंडशिप सोसायटी और अमरीकन मुस्लिम मेडिकल रीलिफ टीम के जरिये धन और दवाइयां पहुंचाता है। अमरीकी विदेश विभाग के आतंकियों की सूची में एम ओ ए का नाम नहीं है पर हिज्ब -उल – मुजाहिदीन का नाम है।

 सी आई ए के पूर्व उपनिदेशक एवं भारत , चीन, बंगलादेश और पाकिस्तान सहित कई देशों में काम कर चुके टामस राईस (अवकाश प्राप्त) ने सन्मार्ग को बताया कि एम ओ ए ने एन जी ओ का मुखौटा पहन कर बंगलादेश के कई हिस्सों में अपने संगठन तैयार कर लिये हैं और वह भारत में खासकर बंगाल में अपने पैर जमाने की कोशिश में है। संदेह है कि उसने बंगाल में अपनी शुरूआत भी कर दी हो।

 

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