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Friday, January 3, 2020

संसद का विरोध छोड़िए जरा पाकिस्तान के बारे में भी तो बोलिए

संसद का विरोध छोड़िए जरा पाकिस्तान के बारे में भी तो बोलिए 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस पर तंज करते हुए कहा कि संसद का विरोध छोड़िए पाकिस्तान की कारस्तानियों का खुलासा कीजिए। उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक पर चल रहे विरोध का नेतृत्व करने के कारण कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। मोदी ने कहा पाकिस्तान धर्म के आधार पर बना राष्ट्र है  और वहां धार्मिक अल्पसंख्यकों पर जुल्म होते हैं। जो सताए हुए लोग हैं वह शरणार्थियों की तरह या कहें अपनी और अपने परिजनों की जान बचाने के लिए भारत  आने के लिए बाध्य हो जाते हैं। क्योंकि उनकी निगाह में भारत ही उनके लिए सुरक्षित देश है। लेकिन कांग्रेस और इसके साथी  पाकिस्तान के बारे में कुछ नहीं बोलते। उल्टे उन शरणार्थियों के बारे में जुलूस निकालते हैं। इन गतिविधियों पर उन शरणार्थियों के भीतर क्या गुजरती होगी यह कभी उन्होंने सोचा नहीं । उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि पाकिस्तान की गतिविधियों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्दाफाश किया जाए। अगर आप आंदोलन करते हैं तो विगत 70 वर्षों में पाकिस्तान की कारस्तानियों के खिलाफ आवाज उठाइए। पाकिस्तान वहां के अल्पसंख्यकों पर जुल्म कर रहा है वहां धीरे-धीरे अल्पसंख्यकों की संख्या घटती जा रही है।  यहां अपने देश में कांग्रेस तथा उसके साथी संसद के खिलाफ आवाज उठाते हैं। मोदी जी ने कहा कि भारत पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को उनके भाग्य पर छोड़ नहीं सकता। उनकी हिफाजत करना भारत की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकार लोक कल्याण के लिए काम करती है।
        दूसरी तरफ प्रधानमंत्री पर बेबुनियाद छींटाकशी करते हुए कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि जब भी प्रधानमंत्री पराजित हो रहे होते हैं तो वह पाकिस्तान का शिगूफा उठा देते हैं, सबको पाकिस्तानी कहने लगते हैं। कांग्रेस के नेताओं ने सफाई देते हुए कहा की यह संसद का विरोध नहीं है, बल्कि सरकार के एजेंडे का विरोध है। कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री के मन में संसद की कोई प्रतिष्ठा नहीं है। संसदीय लोकतंत्र में आप केवल एक विचार या पार्टी या आदर्श को लेकर नहीं चल सकते। विधेयकों के खिलाफ बात होती है यह कोई नई बात नहीं है। कांग्रेस ने इसे चुनौती दी है तो प्रधानमंत्री कैसे कह सकते हैं कि हम अथवा कांग्रेस संसद के खिलाफ हैं। कांग्रेस ने कहा कि नए साल में भारत सरकार से कुछ नया चाहता था।  लेकिन प्रधानमंत्री वही घिसीपिटी बातें कर रहे हैं वही पाकिस्तान, वही नकली राष्ट्रीयता। कांग्रेस ने यहां तक बेतुकी बात कह दी कि प्रधानमंत्री द्विराष्ट्रवाद का सिद्धांत लागू करना चाहते थे लेकिन कर नहीं पाए। कांग्रेस ने कहा कि आजादी के समय से ही भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं। वे क्यों नहीं बोलते? चीन आज भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर की बात उठाता है। लेकिन प्रधानमंत्री ने कभी भी एक शब्द उसके विरुद्ध नहीं कहा।  अधिकृत कश्मीर के  रास्ते चीन एक सड़क बना रहा है प्रधानमंत्री क्यों चुप है?  वे पाकिस्तान पर आगबबूला हुए जा रहे हैं इसलिए उनमें   चीन के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं है।
        प्रधानमंत्री का यह कथन कई मायनों में सही भी है। क्योंकि पाकिस्तान अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों की मदद और उनका संरक्षण जग जाहिर होता जा रहा है। अभी गुरुवार को ही  अमेरिकी विमानन नियामक प्राधिकरण (एफ ए ए) ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान के वायु मार्ग से जब गुजरे तो सावधानीपूर्वक गुजरें। अमेरिकी उड़ान सेवाओं को पाकिस्तान के आतंकियों से खतरा है। इस चेतावनी में एयरपोर्ट पर मौजूद हवाई कंपनियों के स्टाफ को भी चेतावनी दी गई है।
         कुल मिलाकर प्रधानमंत्री ने जो पाकिस्तान का मसला उठाया है वह गलत नहीं है।  सचमुच उस  देश से आए अल्पसंख्यकों की हिफाजत करना भारत के लिए  एक जिम्मेदारी है। बेशक विरोधी दल किसी भी बात को चाहे जिस दृष्टिकोण से देखें लेकिन मानवीयता का अपना एक  दृष्टिकोण होता है
, जिसमें सहानुभूति और सहृदयता बड़ी बात है। जहां तक सीएए की बात है उसमें कुछ ऐसा है ही नहीं कि जिस पर राजनीति की जाए। लेकिन विपक्षी दल सीएएए और मुस्लिम समुदाय को जोड़कर कुछ न कुछ राजनीतिक तमाशा कर ही रहे हैं। देश के लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए और गुमराह नहीं होना चाहिए।


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