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Sunday, January 5, 2020

विश्व युद्ध के बादल उमड़ने लगे हैं

विश्व युद्ध के बादल उमड़ने लगे हैं 

युद्ध की अमेरिकी राष्ट्रपति की क्षमता विगत दो दशकों में काफी बढ़ गई है । 11 सितंबर के हमले के बाद ऐसा लगता है कि अमेरिकी सरकार एक अनंत युद्ध की शुरुआत कर चुकी है। आज क्षमता एक ऐसे राष्ट्रपति के हाथ में है जो अत्यंत उत्तेजनाशील है राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरानी सेना प्रमुख को मार डालने  इजाजत देकर इस अनंत युद्ध का शंख फूंका। डोनाल्ड ट्रंप ने  को चेतावनी दी है अमेरिका इरान के बावन ठिकानों पर हमला करने की योजना बना रहा है अगर ईरान ने किसी  अमेरिकी नागरिक या संपत्ति पर हमला किया उस पर बहुत ही मजबूती से हमला किया जाएगा अमेरिका ने ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की शुक्रवार को हत्या कर दी कासिम सुलेमानी अमरीका के एक हवाई हमले में मारे गए जनरल सुलेमानी की मौत के बाद ईरान की बातों से अमेरिकी राष्ट्रपति चुने गए और उनका मानना है कि ईरान अमेरिकी ठिकानों और अमेरिकी लोगों पर   हमला करेगा। सुलेमानी की हत्या अमेरिका का ईरान के खिलाफ़ युद्ध की घोषणा से कम नहीं है। सुलेमानी की मौत ईरान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है उसके महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जैसे ही सुलेमानी ने दम तोड़ा उसके फौरन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रीय झंडे की तस्वीर ट्वीट की।
दूसरी तरफ इस मौत के बाद ईरान में 3 दिन का शोक घोषित किया गया और ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह खोमेनी ने इस हमले के अपराधियों से गंभीर बदला लेने की बात की और कहां की इस अवसर की प्रतीक्षा की जाएगी। ईरान सरकार के प्रवक्ता ने कहा की रणनीति तैयार की जा रही है ईरानी विदेश मंत्री  ने इसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की संज्ञा दी। अमेरिकी हमले में जनरल  की मौत के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है और सब को शक है कि कहीं यह मसला गंभीर रूप ना ले ले। यहां तक कि कुछ लोगों को शक है कि यह विश्वयुद्ध की शुरुआत की भूमिका हो सकती है । जबकि अमेरिका के लिए जनरल सुलेमानी की मौत बहुत बड़ी बात नहीं है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसे राष्ट्रीय गौरव की तरह पेश कर रहे हैं। ऐसे में एक सवाल उठता है कि आखिर जनरल स
सुलमानी में ऐसा क्या था कि इस तरह की बातें उठ रही हैं और अमेरिका ने उनको घेर कर ठिकाने लगाया। ऐसा क्या था जनरल सुलेमानी में? जहां तक खबर है जनरल सुलेमानी ईरानी पावर स्ट्रक्चर में बहुत महत्वपूर्ण थे, और  खोमैनी के बाद वह ईरान में दूसरे सबसे ताकतवर इंसान थे। जनरल सुलेमानी ईरान की एलीट सेना क़ुद्स फोर्स के प्रमुख थे।  यह फोर्स विदेश में ईरानी हितों के हिसाब से किसी का साथ किसी का विरोध करती थी।
        इस मौत पर अमेरिकी रक्षा विभाग ने एक बयान जारी कर कहा है कि राष्ट्रपति के निर्देश पर विदेश में रह रहे अमरीकी सैन्य कर्मियों की रक्षा के लिए सुलेमानी को मारने का यह कदम उठाया गया। अमेरिका ने उसे आतंकवादी घोषित कर रखा था। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा जनरल कासिम सुलेमानी को बहुत पहले ही मार दिया जाना चाहिए था। इसराइल ने भी अमेरिकी कदम का स्वागत किया है और इसराइल के प्रधानमंत्री नेतनयाहू ने कहा कि अमेरिका अपनी आत्मरक्षा का अधिकार रखता है। लेकिन, अमेरिकी संसद के अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने कहा अमेरिका के हमले से हिंसा में इजाफा होगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के अनुसार इससे इस क्षेत्र की हालत और भी खराब होंगे।
         हाल के वर्षों में अमेरिका ने कई लोगों की हत्या के लिए जोखिम भरे मिलिट्री ऑपरेशंस किए। उसका मानना है कि ये लोग अमेरिका के लिए खतरा थे। जिन पर हमले किए गए उनमें सबसे प्रमुख थे अलकायदा के अध्यक्ष ओसामा बिन लादेन इत्यादि। लेकिन शुक्रवार का यह हमला बिल्कुल अलग था। सुलेमानी के मोटर काफिले पर हमला करके उसे मार डाला गया।  अमेरिका ने अपने नागरिकों कहा है कि वे इरान छोड़ दें। ईरान के पास तेल का विशाल भंडार है और इस हमले से तेल की कीमतों पर प्रभाव पड़ेगा। या कल्पना से बाहर है की इरान इसका कोई जवाब नहीं देगा या इस पर कोई आक्रमक टिकरिया नहीं होगी। इराक में तैनात 5000 सैनिक संभवत इराक के लक्ष्य पर होंगे ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि अतीत में ईरान और उसके समर्थकों से जवाबी कार्रवाई के तौर पर ऐसा ही किया है। मौजूदा स्थिति में यह भी आशंका है कि ईरान सुलेमानी के बनाए गए और फंड किए गए घुटनों से व्यापक समर्थन हासिल करने का प्रयास करे और यह प्रयास युद्ध को भड़का सकता है आने वाले दिनों में दुनिया को सचेत रहना पड़ेगा क्योंकि इसकी असंयमित प्रतिक्रिया जरूर होगी और उस प्रक्रिया का स्वरूप क्या होगा यह अभी से कहना मुश्किल है।


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