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Thursday, April 4, 2019

बंग भूमि में प्रचार का बवंडर

बंग भूमि में प्रचार का बवंडर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को कोलकाता के ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड ग्राउंड में भारी भीड़ को संबोधित किया। "आपनी केमोन आछेन" के बांग्ला  वाक्य से आरंभ अपने भाषण में उन्होंने कहा कि बंगाल के विकास में स्पीड ब्रेकर लगे हैं इसलिए पूरे देश में जिस गति से विकास हुआ उस गति से बंगाल में नहीं हुआ और बंगाल पीछे रह गया ।   यहां के विकास में भी राजनीति की गई है। प्रधान मंत्री ने कांग्रेस घोषणा पत्र को ढकोसला पत्र बताया। उन्होंने कहा कि बंगाल में दीदी की नैया डूब चुकी है और दीदी तथा कांग्रेस बंगाल में गरीबी खत्म करने का काम कभी नहीं करेंगे।  गरीबी खत्म होते ही इनकी राजनीति खत्म हो जाएगी।  वे विकास पर स्पीड ब्रेकर भी लगाते रहते हैं ।प्रधानमंत्री ने कहा कि दीदी ने बंगाल के सत्तर लाख किसानों को भी  पीएम किसान सम्मान योजना का लाभ नहीं लेने दिया। उनके सामने स्पीड ब्रेकर लगाया। प्रधानमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के नाम ले लेकर बताया कि बंगाल में इन योजनाओं को लागू नहीं किया गया है जिसके चलते जनता को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल में अब हम नेतागिरी और गुंडागिरी नहीं चलने देंगे, एक ऐसा बंगाल देंगे जो वाम और तृणमूल की गुंडागिरी से मुक्त हो। उन्होंने कहा कि तृणमूल ने वामपंथियों की संस्कृति उधार ली है अब उनको परास्त करने का मौका आया है। इस बार बंगाल में कमल खिल कर रहेगा।
         उधर दिनहटा में अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा और मोदी पर जमकर हमला बोला। ममता जी ने मोदी के निशानों पर ही तंज किया और  बंगाल में किए गए विकास कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने दावा किया कि बंगाल में पिछले 7 वर्षों में तृणमूल सरकार ने जितना विकास किया है उसका भाजपा सरकार को अंदाजा तक नहीं है। ममता बनर्जी ने कहा कि उनके नेतृत्व में पश्चिम बंगाल की किसानों की आज तीन गुना बढ़ी है लेकिन मोदी सरकार के 5 साल में 12000 किसानों ने आत्महत्या की है। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पिछले हफ्ते दिए गए बयान "मोदी जी की सेना" पर भी तंज कसा और कहा हम स्वामी विवेकानंद और रविंद्र नाथ टैगोर की धरती पर पैदा हुए हैं हमें किसी दूसरे से राष्ट्रवाद का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। दिल्ली बदलने वाली है और जिस में सबसे बड़ी भूमिका बंगाल की होगी। मोदी चाहे जो भी धमका लें जितना भी धमका लें अब अब वोटर स्ट्राइक होगी जिसमें एक्सपायरी मोदी की विदाई पक्की है।
        प्रचार के इस दौर मैं क्या होगा यह कहना बड़ा मुश्किल है क्योंकि एक ही जगह एक ही बात पर इतने दावे -प्रति दावे, आरोप-प्रत्यारोप आ रहे  हैं कि जनता को समझना मुश्किल है कि इसमें क्या सही है और क्या गलत। सही गलत का विश्लेषण करना बड़ा ही कठिन हो जाता है ।आंकड़ों की बाजीगरी और उन आंकड़ों का अपने तरह से पेश किया जाना अजीब सा लगता है। फिर भी भीड़ जमा होती है और उसके अपने विशेष कारण है तथा हथकंडे हैं । भीड़ देखकर यह अंदाजा नहीं लगाया जा सकता यह सारे के सारे लोग किसी खास नेता की रैली में स्वेच्छा से या स्वान्तःसुखाय  आए हैं । मतदाताओं के विचार और फैसले वोट दिए जाने के क्रांतिक पल पर बदलते हैं। बंगाल में क्या होगा यह तो मतगणना के बाद ही खुलकर सामने आएगा लेकिन जहां तक विशेषज्ञों का मानना है कि  बंगाल में पहले वाली स्थिति शायद नहीं रह जाएगी । लेकिन वर्तमान जमीनी हकीकत को देख कर लगता है की बहुत बड़ा परिवर्तन शायद नहीं हो पाए।

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