विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नवल कोरोनावायरस फिर पसार को एक महामारी घोषित की है। संगठन के महानिदेशक ट्रेडॉस ऐड हेनोम गिब्रेयसूस ने कहा कि "कोरोना वायरस जैसी महामारी आज से पहले हमने नहीं देखी। साथ ही हम यह भी कहना चाहते हैं कि पूरी दुनिया इसकी रोकथाम में सहयोग करे ।" उन्होंने आपस में एक दूसरे की सहायता करने की अपील की है। यूरोप में ब्रिटेन ने वायरस का टीका बनाने और लोगों को राहत दिलाने के उपायों के लिए अरबों पाउंड का फंड जारी किया है। चांसलर एंजेला मर्केल ने चेतावनी दी है कि "अंततः दो तिहाई जर्मन इससे प्रभावित हो जाएंगे।" जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसे उतनी गंभीरता से नहीं लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन द्वारा उठाए गए कड़े कदम की प्रशंसा की है। लेकिन यह भी कहा है कि यह बंदिशें जब उठाई जाएंगी तो क्या होगा, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। इटली में इसके सबसे ज्यादा मरीज पाए गए हैं।
दूसरी तरफ भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक कर फैसला किया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से 15 अप्रैल तक सभी वीजा निलंबित किए जाएं। स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कोरोना वायरस कोविड 19 के संक्रमण को फैलने से रोकने पर चर्चा हुई। बैठक में 15 अप्रैल तक राजनयिक ,सरकारी, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं एंप्लॉयमेंट तथा प्रोजेक्ट वीजा को छोड़कर सभी अन्य प्रकार के वीजा 15 अप्रैल तक के लिए निलंबित किए जाने का फैसला किया है। साथ ही ओसीआई कार्ड धारकों को दी जाने वाली वीजा मुक्त यात्रा की सुविधा पर भी 15 अप्रैल 2020 तक के लिए पाबंदी लगा दी गई है। यह पाबंदी सभी हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर 13 मार्च 2020 को मध्यरात्रि से लागू हो जाएगी साथ ही सरकार ने सभी को हिदायत दी है कि बेहद जरूरी ना होने पर वह भारत ना आयें। सरकार का कहना है कि भारत आने पर उन्हें कम से कम 14 दिनों तक क्वारंटाइन पर रखा जा सकता है। गिब्रेयसूस ने कहा है कि अब तक दुनिया के 14 देशों में इसके संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। दिन में 90 फ़ीसदी मामले मात्र 4 देशों में हैं जिनमें चीन और कोरिया शामिल हैं। दुनिया भर में अब तक करोना वायरस से 1,18000 से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है और 4291 लोगों की मौतें हुई है। संगठन का कहना है अगर सरकारें अपने नागरिकों में इस संक्रमण की जांच करें और उन्हें दूसरों से अलग करें तो उनका इलाज करें और लोगों को इस बारे में बताएं तो काफी हद तक इसके फैलने की गति पर काबू पाया जा सकता है।
भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता संजीव कुमार के अनुसार अब तक देश में करोना वायरस के संक्रमण के 60 मामलों की पुष्टि हुई है 10 मार्च तक करोना वायरस 50 मामले दर्ज किए गए थे। नए मामलों में 8 केरल के एक दिल्ली और एक राजस्थान से हैं।
इटली में कोरोना वायरस संकट हर बीतते दिन के साथ गंभीर होता जा रहा है। बीते 3 दिनों में हर दिन 1000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं मरने वालों की तादाद 631 हो गई है जबकि 70000 से अधिक लोग संक्रमित हैं। बीते 24 घंटों में इटली में 168 लोगों की मौत हुई है जबकि 529 नए मामले आए हैं। सरकार ने वायरस को रोकने के लिए बेहद सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। समूचे इटली में यात्रा प्रतिबंध है और लोगों के जुटने पर रोक है।
महामारीविदों का मानना है की तेजी से बढ़ने वाले इस रोग से 1 वर्ष से भी कम समय में पूरी दुनिया में एक करोड़ से अधिक दो मर सकते हैं और आने वाले 10 -15 वर्षों में इस तरह के प्रकोप की और बड़ी आशंकाएं हैं। महामारीविदो के मुताबिक कोरोना वायरस और अन्य वायरस उपभेदों की संख्या वर्तमान में परिसंचारी और संक्रमण के कारण अभूतपूर्व स्तर तक फैल गये हैं। इसके अभी और फैलने की आशंका है। अगर दुनिया आपस में सहयोग कर इस पर रोक नहीं लगाती है तो आने वाले दिनों में यह एक किस्म का हथियार के रूप में विकसित होगा और परमाणु बम से ज्यादा घातक साबित हो सकता है । अभी तो शुरुआत है। विख्यात दार्शनिक और वैज्ञानिक बट्रेंड रसैल ने अपनी किताब "द फेट ऑफ द अर्थ " में आशंका जाहिर की है कि" आने वाले दिनों में परमाणु बम से ज्यादा घातक जैविक हथियार हो जाएंगे और इन हथियारों पर आसानी से न रोक लगाई जा सकती है और ना ही इसके निर्माण उत्पादन को बाधित किया जा सकता है।" नागासाकी और हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराए जाने के बाद उन्होंने ब्रिटिश पार्लियामेंट में अपने भाषण में कहा था कि" अगर अगर दुनिया जैविक हथियारों की तरफ कदम बढ़ाती है तो इस पृथ्वी पर क्या हो सकता है इसका एक मामूली उदाहरण परमाणु बम है।"
Thursday, March 12, 2020
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