जातिवाद : मोदी जी करें तो अच्छा
एक भदेस कहावत है “ वो करें तो लीला हम करें तो करेक्टर ढीला .“ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जाति पर वोट मांगना गलत बताया और अभी इस फैसले की स्याही भी नहीं सूखी होगी कि संविधान की रक्षा की शपथ लेने वाले हमारे महान प्रधान मंत्री जी ने लखनऊ की महारैली में दलितों को लुभाने की शैली में कहा कि भीम राव आंबेडकर महान अर्थ शास्त्री थे और भारतीय रिजर्व बैंक के जनक थे. रैली स्थल का नाम आंबेडकर और रमाबाई के नाम पर रखा गया था और मोदी जी ने उन्हें प्रणाम करते हुए कहा कि भीम नाम के मोबाइल ऐप से कुछ लोगों ( मायावती ) को क्यों चिंता है? उन्होंने कहा कि “ मोबाइल अप्लिकेशन का नाम भीम रखा जाना बाबा साहेब आंबेडकर को सबसे अच्छी श्रधांजलि है.” मोदी जी के पूरे भाषण में मायावती का वोट बैंक छाया रहा पर उन्होंने मत दाताओं से अपील की कि वे जातिवादी राजनीति तथा भाई भतीजावाद से ऊपर उठें . मोदी जी ने अपनी पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि मत दाताओं ने कई साल तक अजमाया है वे विकास के लिए वोट दें. मंच पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और गृह मंत्री राज नाथ सिंह बैठे थे. उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव की घोषणा अगले हफ्ते हो सकती है और कयास लगाया जा रहा है कि राज नाथ सिंह को मुख्या मंत्री के रूप में पेश किया जाएगा. मोदी जी ने कहा कि2.5 साल में उत्तर प्रदेश को 2.5 लाख करोड़ रूपए विकास के लिए दिए गए और इनका यदि समुचित उपयोग होता तो राज्य विकास के अलग स्टार पर होता. उन्होंने अखिलेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह विकास की रह में रोड़े अटकाने की नीति अपना रही है. राजनीतिक विमर्श को बेहद निम्न स्तर पर लाकर मोदी जी ने अपनी खास शैली में कहा कि जब भा ज पा संसद अपने चुनाव क्षेत्र में कोई विकास कार्य करना चाहते हैं तो राज्य सर्कार कोई सहयोग नहीं करती. उन्हों कहा कि विगत 14 वर्षों से राज्य विकास प्रतिबंधित है और अब समय आ गया है कि राज्य को विकास के पथ पर लाया जाय.उन्होंने राज्य सरकार पर निम्न स्तर की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वाराणसी का उनका अनुभव है कि जब उन्होंने वहाँ सड़क बनानी चाही तो काफी हुज्जतें हुईं, इससे मुझे गहरी पीड़ा हुई. प्रधान मंत्री ने कहा कि “ राजनीती में आपका विरोध होगा पर अगर रास्ता नहीं बनता है तो जनता परेशान होती है.” प्रधान मंत्री ने कहा कि भा ज पा ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जो प्रदेश को दलदल से निकाल सकती है. मोदी जी ने कहा की अगर देश की किस्मत बदलनी है तो यू पि को बदलना पड़ेगा. यहाँ विकास करना होगा. उन्होंने बिना किसी पार्टी का नाम लिए कहा कि एक पार्टी विगत 15 साल से बेटे को गद्दी पर बैठाना चाहती है लेकिन कामयाब नहीं हो पा रही है. दूसरी पार्टी परिवार के ही झगडे में फंसी है और एक है जो दूर दराज के बैंकों में धन जमा करने में लगी है. उन्होंने कहा कि ये लोग मोदी हटाओ की बात करते हैं और मैं काला धन हटाओ की बात करता हूँ. इनमे से कोई भी राज्य के विकास के लिए किंचित नहीं सोचता. रमाबाई रैली स्थल में धार्मिक माहौल उत्पन्न करने के लिए भा ज पा ने पहले वहाँ भूमि पूजन किया. लेकिन वह मैदान भरा नहीं था. हालांकि इस मैदान में कुछ दिनों पहले मायावती की सभा हुई थी. पार्टी उसमे जमा भीड़ से ज्यादा लोग एकत्र करने की जिद्द में थी पर मायूसी हाथ लगी.
अपने 36 मिनट के भाषण में मोदी जी ने केवल पार्टियों की आलोचना की. लोगों को उम्मीद थी कि नोट बंदी के यू पी की इस रैली में वे कोई खास घोषणा करेंगे. पर ऐसा कुछ नहीं हुआ. इस रैली को गृह मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी संबोधित किया. शाह ने तो लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे को भ्रष्टाचार का हाईवे कहा.
कुल मिलाकर यह रैली उतनी सफल नहीं कही जा सकती जितनी मोदी जी की सभाएं हुआ करती हैं .उनके भाषण की भाषा और प्रस्तुतिकरण से भी यह झलकता है .
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