CLICK HERE FOR BLOGGER TEMPLATES AND MYSPACE LAYOUTS »

Tuesday, January 24, 2017

भारत पर कार्यों का सर्जिकल स्ट्राइक

भारत पर कायरों का सर्जिकल स्ट्राइक

आई एस आई और माले मिल कर अंजाम दे रहे हैं रेल दुर्घटनाओं को

 

हरिराम पाडणेय

 

कोलकाता : विगत दो महीनों से देश के विभिन्न भागों में ट्रेन दुर्घटनाएं हो रहीं हैं जिसमें समग्र रूप से सैकड़ों लोग मारे गये और आहत हुये तथा करोड़ो रुपये की राष्ट्रीय सम्पदा का विनाश हुआ , इसके अलावा देश के सबसे बड़ी परिवहन व्यवस्था पर अविश्वास बढ़ता गया। ‘सन्मार्ग’ ने इन घटनाओं की गंभीर जांच के बाद पाया कि सबकी ‘कार्यविधि(मोडस ऑपरेंडी)’ समान है- पटरियों को तोड़ना या बाधित करना। इनमें एक सम्बंध यह भी है कि सारी घटनाएं रात के दूसरे अथवा तीसरे पहर में हुईं हैं। नवम्बर के आखिर में कानपुर के पास जो हादसाह हुआ और शनिवार की रात विजयनगरम के समीप हीराखंड एक्सप्रेस की जो घटना हुई उनमें और इसके अलावा चम्पारण के घोड़ासहन  में पटरी उड़ाने में नाकामयाबी और सीतामढ़ी में रविवार की रात पटरी पर सीमेंट के स्लीपर रख कर उसे बाधित करने की कोशिश करते हुये एक व्यक्ति को देखे जाने से सारी घटनाओं के तार आपस में जुड़ते दिखते हैं।

पिछली दो घटनाओं में पाकिस्तानकी खुफिया एजेंसी आई एस आई के हाथ होने की बात सामने आयी थी पर इन से उनकी पुष्टि हो गयी।

नेपाल और दुबई में पल रहे आई एस आई के एजेंटों में इसे पाकिस्तान पर भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है। नेपाल सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक भारत नेपाल के तनावपूर्ण होते सम्बंधों का लाभ उठा कर ये तत्व भारतीय सीमा के गांवों में अपने अड्डे बना रहे हैं और उन्हीं इलाकों में सक्रिय हैं जहां माले अथवा कहें सी पी आई (एम एल) के लोग सक्रिय हैं। भारत के बहुप्रचारित सर्जिकल स्ट्राइक के बाद यह तय किया गया और इसका इंचार्ज आई एस आई के मेजर रैंक के अफसर मुनीर अकरम को बनाया गया। सूत्रों के मुताबिक मेजर अकरम नेपाल में पाकिस्तानी दूतावास में काम कर चुका है। वह यहां 2013-14 में पाकिस्तानी दूतावास में क्रीड़ा एवं शिक्षा सचिव हुआ करता था। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद वह नेपाल आया था तथा पोखरा के एक बड़े होटल में बैठक में कथित तौर यह रणनीति तय हुई। इसके लिये चार लोगों की टीम बनायी गयी जो माले के क्रिय नेताओं की मदद से भारत में तोड़ फोड़ को अजिम देगा। सूत्रों के मुताबिक इसके लिये धन दुबई के पाकिस्तानी स्रोत देंगे। हर घटना के वक्त उसे अंजाम देने वालों में से प्रत्येक को एक एक लाख रूपये दिया जाना तय हुआ है। चूंकि इसके पीछे माले के काडर हैं अतएव उनके प्रभाव क्षेत्र में काम होने की पूरी गारंटी है। रेल लाइन काटकर या लाइन पर बाधा डाल कर ट्रेन को पटरी से गिराने की यह माले की बहुत पुरानी तकनीक है। अगर एन आई ए को मानें तो कानपुर वाली घटना तथा हीराखंड एक्सप्रेस की घटना के कारण एकदम समान हैं। दोनों जगहों पर एक ही तकनीक से रेल लाइन काटी गयी है। पटरी काटने के कोण और आकार भी समान हैं। पूर्वी चंपारण में जो तीन लोग गिरफ्तार किये गये हैं उन्होंने भी कानपुर ी घटना में हाथ होना स्वीकार किया है और पुलिस के अनुसार वे माले के लिये काम करते थे और अर्से से अंडरग्राउंड थे। इनके सम्बंध नेपाल के ब्रजेश गिरी से हैं और वह मेजर अकरम के लिये पहले भी काम कर चुका है। वैसे सुरक्षा क्षेत्रों में चर्चा है कि इन घटनाओं को अंजाम देने के लिये कुख्यात डॉन दाउद इब्राहिम धन दे रहा है पर इसके अभी सबूत नहीं मिले हैं। दुबई में बंगलादेशी मूल के नेपाली नागरिक एक व्यवसाई अब्दुल जकी के दाऊद से रिश्ते के कारण भी दाऊद का सामने आ रहा है। जकी और अकरम के ताल्लुकात बहुत पुराने हैं और सम्भवत: इसी लिये यह चर्चा है। पर ऐसा होना संभव भी है। याद होगा 2013 में रक्सौल के समीप ही इंडियन मुजाहिदीन के प्रमुख यासीन भटकल को गिरफ्तार किया गया था। 

0 comments: