कोलकाता से ड्रग्स के कैप्सूल जा रहे हैं विदेश
नोट बंदी फेल , हेरोइन की तस्करी से चल रहा आतंक का कारोबार
हरिराम पाण्डेय
कोलकाता : नोटबंदी की घोषणा के साथ ही बंगाल में हेरोइन की तस्करी भी जोर पकड़ने लगी। पहले जाली नोट आते थे और सोना जाता था अब हेरोइन जाती है तथा नेपाल , बंगलादेश , दुबई, ईरान , मॉरिशस, कीनिया एवं इंगलैंड में बैंक लाकरों में सोना जमा हो रहा है। इसी से आतंकवाद का खर्चा चल रहा है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा हेरोइन की तस्करी कोलकाता से हो रही है। यहां से तीन तीन ग्राम हेरोइन से भरे कैपस्यूल्स नेपाल के पोखरा और विराटनगर तथा बंगलादेश के ब्राह्मणबाड़िया जाते हैं और वहां से उन्हें दुनिया के विभिनन स्थानों पर ले जाया जा रहा है। यही नहीं कोलकाता से भी इसकी तस्करी बढ़ी है।
सूत्रों के मुताबिक उपरोक्त सभी देशों में पिछले एक पखवाड़े से बैंकों में लॉकर लेने वालों की संख्या में तेज वृद्दि हुई है। अकेले दुबई में पिछले दस दिनों में 150 बैंक लॉकर लिये गये और इसी अवधि में यू ए ई के नेशनल बुलियन हाउस के सूत्रों के अनुसार केवल दुबई के गोल्ड मार्केट में औसत से 7.36 टन सोना अधिक बिका जबकि इस अवधि में अमीरात सेंट्रल बैंक के अधिकारी मुमताज अफरीदी के मुतबिक केवल 26 लाख रुपये मूल्य के भारतीय नोट बदले गये।
कैसे जाता है ड्रग्स
इनदिनो तस्कारों ने हेरोइन ले जाने का एक नायाब तरीका खोजा है। यहां पूर्व कोलकाता के बेकार पड़े दवा कारखानों में हार्ड जिलेटिन के कैप्सूल बनाये जा रहे हैं। देखने में ये कैप्सूल बिल्कुल दवाऔं के खास कर के फूड एडिटिव कैप्सूल की तरह लगते हैं। बस आकार में उनसे थोड़े से बड़े हैं, जिन्हें देखकर कोई अनुभवी निर्माता ही पहचान सकता है। इन्हें बनाने का उन कारखानों को लाइसेंस है। यहां तक सबकुछ जयज सा है। ये कैप्सूल डब्बों में भर कर अफीम की तस्करी के लिये विख्यात शहर माल्दह भेजे जाते हैं या कोलकाता में भी कई जगह रख लिये जाते हैं। पहले हेरोइन को बगलादेश के ब्राह्मणबाड़िया में बनाया जाता था पर वहां हिंदू और बौद्ध समुदाय ने इसपर आपत्ति शुरू की तो उनपर हमले इत्यादि कर उन्हे भगा दिया गया। कुछ मंदिरों में हेरोइन बनाने का काम होता था। बंगलादेश में हिंदुओं पर हमले का मुख्य कारण है कि वे जमायते मुजाहिदीन बंगलादेश (जे एम बी) के काडरों को अपने यहां या मंदिरों में छिपने नहीं दे रहे हैं। यही नहीं अमरीका जैसे देश में जहां अभी मुस्लिम विरोदा हवा बह रही है वहां बगलादेश के हिंदुओं के माध्यम से ड्रग्स भेजे जाते हैं। क्योंकि पासपोर्ट पर मुस्लिम नाम होने पर एक तो वीजा मिलने में दिक्कत होती है दूसरे अमरीका में उन पर नजर रखी जाती है। हिंदू नाम इस मामले में सुरक्षित है। अब अग्विहां के हिंदू बंगलादेशी आतंकियों की बात नहीं मानते तो उन्हें प्रताड़ित किया जाता है और यहां तक कि देश से भगा दिया जा रहा है। बंगलादेश सरकार यह जानते हुये भी कुछ नहीं कर पा रही है और वहां से बड़ी संख्या में हिंदू पलायन कर रहे हैं। यही नहीं नेपाल में नये दो हजार तथा पांच सौ के नोट बंद किये जाने की पीछे यह भी कथित तौर पर ड्रग्स की आवक रोकना ही अघोषित कारण है।
इन दिक्कतों के कारण अब हेरोइन माल्दह में ही बनायी जा रही है तथा उन्हें कैप्सूल में भर कर नेपाल तथा बंगलादेश भेज दिया जा रहा है। यही नहीं कोलकाता से भी कुछ लोग हेराहेइन की कैप्सूल भरने के काम में लगे हैं। कुछ लोग निगल कर विदेश जा रहे हैं। तीनग्राम की एक हजार कैप्सूल को निगलने का मतलब है तीन किलो हेरोइन भीतर गयी। दवाओं के कैप्सूल को वनस्पति से बनाये गये एढेसिव से जोड़ते हैं । इसलिये दवा के कैप्सूल के जोड़ पेट में जा कर भीतर के तापमान से खुल जाते हैं और उसके भीतर बंद दवा बाहर निकल आती है। लेकिन हेरोइन के कैप्सूल इंडस्ट्रीयल एढेसिव से जोड़े जाते हैं जो पेट के तापक्रम पर खुलते नहीं। लिहाजा हेरोइन का कैप्सूल पेट में सुरक्षित पड़ा रहता है। यही नहीं महिलाएं अपने जननांगों के जरिये ढाई से तीन किलोग्राम कैप्सूल अपने पेट में डाल लेती हैं और गर्भवती होने के डाक्टरी सर्टिफिकेट के साथ विदेश उड़ जाती हैं। कोलकाता से 6 या सात घंटे की दूरी पर के देशों में ये लोग जाते हैं जहां डृग सिंडीकेट के लोग इसे ले लेते हैं। उन देशों से उनकी कीमत का भुगतान नेपाल , बंगलादेश , दुबई, ईरान , मॉरिशस, कीनिया एवं इंगलैंड में कर दिया जाता है जहां उसे सोने में बदल कर बैंक के लाकरों में जमा कर दिया जा रहा है। कोलकाता मे हेरोइन की कीमत 200 रुपये प्रति ग्राम है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह 250 डालर प्रतिग्राम की दर से बिकता है। यानी कोलकाता में 600 रुपयों का एक कैप्सूल अंतरराष्ट्रीय बाजार में 750 डालर का हो जाता है। अब इससे गणना की जा सकती है कि एक हजार कैप्सूल की कीमत क्या होगी।
विमान कर्मचारियों को निर्देश
देश के विमान कर्मचारियों खास कर फ्लाइट स्टाफ को निर्देश दिया गया है कि उड़ान के दौरान यदि कोई यात्री खाता पीता ना हो या शौचालय का उपयोग ना करता हो तो तत्काल सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करें। क्योंकि हेरोइन के पैसे से इन दिनों आतंकवाद को पोषित किया जा रहा है।
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